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पुलिस उत्पीड़न से तंग आकर घर बेचने को मजबूर हुआ एक परिवार

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले के काठ थाना क्षेत्र में पुलिस उत्पीड़न से तंग आकर एक गरीब परिवार अपना मकान बेचने को मजबूर हो गया है. इस परिवार ने अपने मकान पर बाकायदा लिख दिया है- 'माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार में पुलिस उत्पीड़न के कारण यह मकान बिकाऊ है.'

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले की घटना उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले की घटना
मुकेश कुमार
  • लखनऊ,
  • 30 अप्रैल 2017,
  • अपडेटेड 7:41 PM IST

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले के काठ थाना क्षेत्र में पुलिस उत्पीड़न से तंग आकर एक गरीब परिवार अपना मकान बेचने को मजबूर हो गया है. इस परिवार ने अपने मकान पर बाकायदा लिख दिया है- 'माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार में पुलिस उत्पीड़न के कारण यह मकान बिकाऊ है.'

पीड़ित परिवार का कहना है कि मारपीट के मामले में जमानत कराने के बाद भी पुलिस आए दिन परेशान करने के साथ पैसों की मांग कर रही है. परिवार के लोगों का आरोप है, 'दारोगा फोन पर भद्दी-भद्दी गलियां देते हैं. महिलाओं से फोन पर अभद्र भाषा का प्रयोग कर उन्हें मानसिक रूप से परेशान किया जा रहा है.

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जानकारी के मुताबिक, यह मामला मुरादाबाद के काठ थाना क्षेत्र के मोहल्ला महमूदपुरा गांव का है. यहां रामसिंह अपनी पत्नी-बच्चों के साथ रहता है. उसका झगड़ा रजनी पत्नी जयप्रकाश से हो गया था, जिसके बाद उसके विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया था. इस मामले में पीड़ित ने अदालत से अपनी जमानत भी करवा ली है.

इस मामले की विवेचना कर रहे उप निरीक्षक राजेंद्र सिंह पुंडीर पर पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया कि जांच के दौरान वह लगातार पैसों की मांग कर उन्हें परेशान कर रहे हैं. इसके साथ ही पैसे न दिए जाने के बाद उन्हें कई बार थाने पर उठा ले गए और घंटों बिठाए रखा, जबकि परिवार से पांच हजार रुपये वह पहले ही वसूल चुके हैं.

पीड़ित परिवार के राजकुमार बताते हैं, 'हमारी 35 वर्ष से एक चाय की दुकान है, जिस पर दूसरा पक्ष कब्जा करने की कोशिश कर रहा था. इस बात को लेकर झगड़ा हो गया. पुलिस ने दोनों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया. हमने अपनी जमानत भी करवा ली, लेकिन विवेचना कर रहे दारोगा लगातार पैसों की मांग कर प्रताड़ित कर रहे हैं.'

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उन्होंने कहा, 'घर की महिलाओं से अपशब्द बोलते हैं. 40 हजार रुपये की मांग कर रहे हैं, जबकि हमने पांच हजार रुपये उन्हें पहले ही दे दिए थे. घर में मेहमानदारी में आई शादीशुदा बहन, जिसका एक डेढ़ साल का बच्चा है, उसे भी इस मुकदमे में फंसा दिया गया है. हम घर में घुट-घुट कर जी रहे हैं. अपना घर बेचने को मजबूर हैं.'

परिवार की एक महिला सदस्य पिंकी कहती हैं, 'मोबाइल पर दारोगा लगातार भद्दी-भद्दी गलियां देते हैं. पैसों की मांग की जाती है. न देने पर फर्जी मामले में फंसाने की धमकी दी जाती है. झगड़े के बाद जब हम थाने गए तो हमारी तहरीर फाड़ कर फेंक दी गई. हमसे कोरे कागज पर हस्ताक्षर लेकर कागज रख लिया गया.'

थाना काठ के प्रभारी निरीक्षक राजबीर सिंह ने कहा, 'इस मामले की जांच की जा रही है. शनिवार को एसएसपी मनोज तिवारी ने जांच कर रहे विवेचना अधिकारी राजेंद्र सिंह पुंडीर को हटाकर उनकी जगह यशवीर सिंह को विवेचना सौंपी है. इस मामले की विवेचना चल रही है. उचित कार्रवाई की जाएगी. किसी के साथ अन्याय नहीं होगा.'

इस संबंध में राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख से पूछे जाने पर उन्होंने कहा, 'पुलिस द्वारा उत्पीड़न के इस मामले को आपने संज्ञान में डाला है. योगी जी की सरकार में किसी को डरने की जरूरत नहीं है. पुलिस उत्पीड़न के इस मामले की जांच कराई जाएगी. इसमें पुलिस का जो भी अधिकारी दोषी होगा, उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.'

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