
यूपी के शाहजहांपुर में एनआरआई की हत्या मामले में पुलिस ने खुलासा कर दिया है. एनआरआई सुखजीत सिंह की हत्या किसी और ने नहीं बल्कि उसकी पत्नी ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर की थी. वारदात को अंजाम देने के बाद दोनों दुबई भागने की फिराक में थे. मगर उससे पहले ही पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया.
शाहजहांपुर के बसंतपुर गांव में एनआरआई सुखजीत सिंह की बीते 2 सितंबर को उनके घर में गला रेत कर बेरहमी से हत्या कर दी गई थी. सुखजीत की हत्या से परिवार में कोहराम मच गया. पुलिस ने तफ्तीश शुरू की तो पुलिस को सुखजीत की पत्नी रमनदीप पर शक हुआ. इस दौरान रमनदीप भी पुलिस को गुमराह करने की कोशिश करती रही.
मोबाइल फोन से हुआ खुलासा
पुलिस ने रमनदीप के मोबाइल की कॉल डिटेल निकाली तो पुलिस को माजरा समझने में देर न लगी. रमनदीप की एक नंबर पर काफी बातें होती थी. वो शख्स और कोई नहीं बल्कि रमनदीप का प्रेमी गुरूप्रीत था. पुलिस ने जब रमनदीप से सख्ती से पूछताछ की तो पूरा मामला खुल गया.
विदेश में बनाया पति की हत्या का प्लान
रमनदीप ने पुलिस को बताया कि उसका दुबई निवासी गुरूप्रीत से पिछले काफी समय से प्रेम प्रसंग चल रहा था. सुखजीत को जब इस बात का पता चला तो उसने रमनदीप का विरोध किया. जिसके बाद रमनदीप ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर पति की हत्या का प्लान बनाया. प्लान के तहत सुखजीत का परिवार इंग्लैंड से भारत आया. वहीं गुरूप्रीत भी दुबई से भारत आ गया. जिसके बाद दोनों ने 2 सितंबर की रात सुखजीत की गला रेतकर हत्या कर दी.
एयरपोर्ट से गिरफ्तार हुआ हत्यारा प्रेमी
घटना को अंजाम देने के बाद रमनदीप का प्रेमी गुरप्रीत दुबई भागने की फिराक में था. मगर उससे पहले ही पुलिस ने एयरपोर्ट अथॉरिटी की मदद से गुरूप्रीत को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने दोनों आरोपियों को जेल भेज दिया है. साथ ही पुलिस ने ब्रिटिश हाई कमीशन और गृह मंत्रालय को भी इस मामले की जानकारी दी है.
कड़ी मेहनत से कमाया था पैसा
सुखजीत शाहजहांपुर का रहने वाला था. नौकरी की तलाश में सुखजीत अपनी बहन के पास इंग्लैंड चला गया था. वहां कड़ी मेहनत कर सुखजीत ने अपनी पहचान बनाई. इंग्लैंड में ही सुखजीत और रमनदीप की मुलाकात हुई थी. जिसके कुछ समय बाद दोनों ने शादी कर ली थी. सुखजीत ने गांव में रह रही अपनी मां को भी इंग्लैंड बुला लिया था.