Advertisement

केक काटा, सेल्फी ली, फिर जहर पीकर दो सहेलियों ने यूं दे दी जान

दो सहेलियां साथ रहती थीं. एक साथ उन्हें खुशी मिलती थी. लेकिन दोनों को अपनी व्यक्तिगत जिंदगी से नफरत हो चुकी थी. एक दिन दोनों ने खौफनाक प्लान बनाया. जिंदगी जीने के लिए नहीं छोड़ने के लिए. चाय बनाई. जहर मिलाया. जहर भरी चाय की प्याली के साथ सेल्फी ली. उससे पहले भी केक भी काटा. मौत का जमकर जश्न मनाया. इसके बाद हमेशा-हमेशा के लिए जिंदगी को छोड़ दिया.

खुदकुशी से पहले सेल्फी लेती दोनों सहेलियां खुदकुशी से पहले सेल्फी लेती दोनों सहेलियां
मुकेश कुमार
  • इंदौर,
  • 30 अगस्त 2017,
  • अपडेटेड 1:08 PM IST

दो सहेलियां साथ रहती थीं. एक साथ उन्हें खुशी मिलती थी. लेकिन दोनों को अपनी व्यक्तिगत जिंदगी से नफरत हो चुकी थी. एक दिन दोनों ने खौफनाक प्लान बनाया. जिंदगी जीने के लिए नहीं छोड़ने के लिए. चाय बनाई. जहर मिलाया. जहर भरी चाय की प्याली के साथ सेल्फी ली. उससे पहले भी केक भी काटा. मौत का जमकर जश्न मनाया. इसके बाद हमेशा-हमेशा के लिए जिंदगी को छोड़ दिया. जी हां, मध्य प्रदेश के इंदौर में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है.

Advertisement

नई दुनिया के मुताबिक, इंदौर के विजय नगर थाना क्षेत्र के गुरुनगर में दो सहेलियां रहती थीं. दोनों मकान की पहली मंजिल पर किराए पर थीं. एक नाम रचना चौधरी और दूसरी का नाम तन्वी वास्कले था. रचना धार और तन्वी बड़वानी जिले की रहने वाली थी. रचना फाइनेंस कंपनी के कॉल सेंटर में, तो तन्वी कैटरिंग का काम करती थी. दोनों अपनी-अपनी जिंदगी से परेशान थीं. रचना शादीशुदा थी. उसका एक बेटा भी था, लेकिन पति से अक्सर परेशान रहती थी.

पुलिस के मुताबिक, रचना के साथ काम करने वाले एक दोस्त ने उसे कई बार फोन लगाया, लेकिन उसने रिसीव नहीं किया. मंगलवार को वह दोस्त उसके घर पहुंचा. पड़ोसियों ने बताया कि रविवार से दोनों को घर के बाहर निकलते नहीं देखा. इस पर मकान मालिक को सूचना दी गई. उन्होंने आकर खिड़की से देखा, तो दोनों के शव कमरे में पड़े थे. तुरंत पुलिस को सूचित किया गया. पुलिस ने दरवाजा तोड़कर लाश को अपने कब्जे में ले लिया. मौके से सुसाइट नोट भी मिला.

Advertisement

बरामद हुए सुसाइड नोट में 27 अगस्त की तारीख दर्ज है. इसलिए ऐसा माना जा रहा है कि 27 की देर रात या 28 की सुबह दोनों महिलाओं ने खुदकुशी की होगी. सुसाइड नोट में रचना ने लिखा है कि वह अपनी जिंदगी से परेशान है. अपनी खुदकुशी के लिए खुद जिम्मेदार है. पति से नफरत करती है. मरने के बाद उसकी लाश उसके पति के हाथ नहीं लगना चाहिए. न ही उसका अंतिम संस्कार सुहागिन की तरह करना है. उसने अपने बेटे को मां-बाप को देने के लिए लिखा है.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement