
उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड में अब भी अंधविश्वास लोगों के सिर चढ़ कर बोल रहा है. चित्रकूट जिले के पहाड़ी थाना क्षेत्र के लोहदा गांव के चौंसठ जोगिनी देवी मंदिर में जहां एक युवक ने अपनी गर्दन काट कर खुद की बलि चढ़ा दी, वहीं मानिकपुर कस्बे में एक युवक ने अपनी जीभ काट कर देवी को खुश करने की कोशिश की है.
पुलिस क्षेत्राधिकारी राजापुर सुरेश शर्मा ने सोमवार को बताया कि पहाड़ी थाना क्षेत्र के दरसेडा गांव का रहने वाला युवक राजू उर्फ टिल्लू (24) लोहदा गांव के चौंसठ जोगिनी देवी मंदिर गया हुआ था. कुछ देर तक रामायण पाठ करने के बाद राजू मंदिर के अंदर गया. चाकू से अपना गला काट कर खुद की बलि दे दी.
उन्होंने बताया कि मंदिर में मौजूद लोगों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा है. वहीं, अपर पुलिस अधीक्षक बलवंत चौधरी ने बताया कि मानिकपुर थाना क्षेत्र के खिचरी गांव के एक देवी मंदिर में युवक रामनरेश (25) ने अपनी जीभ काट कर चढ़ा दी. अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है.
पिता ने दी बेटे की बलि, प्राइवेट पार्ट भी काटा
बताते चलें कि 21वीं सदी में आज भी तंत्र-मंत्र और बलि जैसी अंधविश्वास से भरे क्रिया कलाप आज भी बदस्तूर जारी है. देश के सुदूर क्षेत्रों खासकर झारखंड और छत्तीसगढ़ में ऐसे घटनाएं बहुतयात होती रहती हैं. हाल ही में छत्तीसगढ़ के बलौदा बाजार जिले में तांत्रिक के कहने पर पिता ने अपने पुत्र की बलि चढ़ा दी थी.
मृतक रूपेश का क्षत विक्षत शव उसके घर से बरामद किया गया था. घटना के बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू की थी. आरोपी पिता और तांत्रिक को गिरफ्तार कर लिया था. बलौदाबाजार जिले के पलारी थाना क्षेत्र के अंतर्गत अमेरा गांव में तांत्रिक राजेश यादव (19) के कहने पर रामगोपाल पटेल (39) ने अपने पुत्र रूपेश (13) की बलि चढ़ा दी.
आरोपी पिता रामगोपाल ने बताया था कि उसने भूत प्रेत से पीछा छुड़ाने के लिए अपने पुत्र की बलि दे दी. रामगोपाल ने पुलिस को बताया कि उसने अपने पुत्र की गला दबाकर हत्या कर दी. इसके बाद में उसके सिर में चोट पहुंचाई. इतना ही नहीं रामगोपाल ने बाद में बालक के प्राइवेट पार्ट काट दिया. इस घटना से सनसनी फैल गई थी.