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डिफेंस न्यूज

30 युद्धपोतों और 49 फाइटर जेट्स से चीन ने बनाई घेराबंदी... जानिए क्या है ताइवान की तैयारी?

ऋचीक मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 24 मई 2024,
  • अपडेटेड 1:54 PM IST
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चीन ने ताइवान के चारों तरफ युद्धाभ्यास के नाम पर 40 फाइटर जेट उड़ाए. इसमें से 35 ने ताइवान की खाड़ी में मौजूद मीडियन लाइन को पार किया. इसके अलावा चीन की नौसेना के 19 जंगी जहाज और कोस्ट गार्ड के 7 युद्धपोत ताइवान के चारों तरफ तैनात हैं. फिर ताइवान के पास क्या ऐसे हथियार हैं... जिनसे वह चीन को टक्कर दे सके. (फोटोः एपी)

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ताइवान (Taiwan) चीन से छोटा जरूर है. लेकिन हथियारों में कमजोर नहीं है. उसके पास कई ऐसे हथियार हैं जो चीन की हालत खराब कर सकते हैं. ताइवान के पास इतने और ऐसे हथियार हैं कि वह चीन से युद्ध होने पर लंबे समय तक उसे परेशान कर सकता है. अगर युद्ध लंबा खिंचता है तो शिकस्त ताकतवर देश की होती है. (फोटोः एपी)

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तुओ चियांग कॉर्वेट ः तुओ चियांग कॉर्वेट ताइवानी नौसेना का ऐसा जंगी जहाज है, जो चीन की नौसेना, थल सेना और वायु सेना को टक्कर देने के लिए बनाया गया है. ऐसे 2 युद्धपोत तैनात हैं. 198.2 फीट लंबे इसे जंगी जहाज की अधिकतम गति 83 km/hr है. इसमें 12 काउंटर शैफ डिस्पेंसर लगे हैं. यानी दुश्मन की मिसाइलों, गोलों को हवा में दाग सकते हैं. इसके अलावा इसमें 8 हीसंग फेंग 2, 8 हीसंग फेंग 3 मिसाइलें तैनात हैं. एक 76 mm की ओटोब्रेडा गन लगी है. इसके अलावा एक हैलेंक्स CIWS गन लगी है, जो दुश्मन टारगेट को खुद पहचान कर हमला करती है. 2 ब्राउनिंग एम2एचबी, 2 मार्क 32 ट्रिपल टॉरपीडो लॉन्चर लगे हुए हैं. यानी चारों तरफ हमला कर सकता है. बचाव कर सकता है. (फोटोः रॉयटर्स)
 

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हीसंग फेंग 3  ः हीसंग फेंग 3 का मतलब होता है ब्रेव विंड. यह एक मीडियम रेंज सुपरसोनिक मिसाइल हैं. यह जमीन और नौसैनिक दोनों टारगेट्स पर हमला कर सकती है. ताइवान के पास ऐसी 250 मिसाइलें मौजूद हैं. इनका वजन 1400 से 1500 kg है. लंबाई करीब 20 फीट और व्यास करीब 1.5 फीट. यह अपने सिर पर 225 kg का हथियार ले जा सकती है. अधिकतम रेंज 400 km है. यह उड़ते समय 125 से 250 मीटर तक ऊंचाई हासिल करती है ताकि दुश्मन के एंटी मिसाइल सिस्टम आसानी से इसे टारगेट न बना सकें. (फोटोः ताइवान नेवी)

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स्काई बो 3 : ताइवान की जमीन से हवा में मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल. इसे तियेन कुंग के नाम से भी बुलाते हैं. इसका लक्ष्य होता है हिट टू किल. वजन 870 kg है. लंबाई 5.49 मीटर है. यह 8348.8 km/hr की रफ्तार से चलती है. यानी दुश्मन के पास बचने का समय नहीं होता. इसकी रेंज 200 km है. 

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M109 पैलेडिन हॉवित्जर : यह अमेरिका में निर्मित 155 मिलिमीटर की सेल्फ प्रोपेल्ड हॉवित्जर तोप है. इसकी लंबाई 30 फीट है. इसे चलाने के लिए चार लोगों की जरुरत होती है. इसमें 155 मिमि का गोला लगता है. यह तोप हर मिनट चार गोले दाग सकता है. इसकी रेंज 21 से 40 किलोमीटर तक है. इसके ऊपर M2 मशीन गन लगी है. एक बार में 350 किलोमीटर तक यह टैंक जा सकता है. इस टैंक में 36 से 39 गोले स्टोर किए जा सकते हैं. 

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M142 हिमार्स आर्टिलरी रॉकेट सिस्टम : यह एक लाइट मल्टिपल रॉकेट लॉन्चर हैं. जो 2010 से लगातार अलग-अलग युद्धों में उपयोग किया जा चुका है. इसकी लंबाई 23 फीट होती है. इसे चलाने के लिए तीन लोगों की जरुरत है. इसके रेंज 2 km से लेकर 300 km तक हैं. इसमें 227 मिलिमीटर के 6 रॉकेट्स का सेट होता है. हिमार्स लॉन्चर को 85 km प्रतिघंटे की रफ्तार से 480 km की रेंज तक ले जाया जा सकता है.  

 

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हेलफायर एजीएम मिसाइल : हेलफायर मिसाइल का उपयोग फाइटर जेट से किया जाता है. या फिर ड्रोन या हेलिकॉप्टर से भी दागा जा सकता है. इसके वैरिएंट्स को जमीन या कंधे से भी दागा जा सकता है. बारूद की मात्रा बेहद कम होती है. इसमें तेज धार वाले धातु के ब्लेड्स होते हैं. इनके सामने आने वाला इंसान कई टुकड़ों में कट जाता है. इस मिसाइल को निंजा बॉम्ब और फ्लाइंग गिंसू भी कहते हैं. इस मिसाइल की खास बात ये है कि अमेरिका में मौजूद 8 प्रकार के हेलिकॉप्टर से लॉन्च की जा सकती है. यह 7 अलग-अलग तरह के विमानों, पेट्रोल बोट या हमवी (Humvee) से भी लॉन्च की जा सकती है. हेलफायर मिसाइल दागो और भूल जाओ तकनीक पर काम करती है. इस मिसाइल में पांच तरीके के वॉरहेड यानी हथियार लगाए जा सकते हैं. इस मिसाइल की रेंज 499 मीटर से लेकर 11.01 km तक होती है. इस मिसाइल की अधिकतम गति 1601 km/hr है. 

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एफ-16 फाइटिंग फॉल्कन : अमेरिका द्वारा बनाया गए सबसे बेहतरीन लड़ाकू विमानों में से एक. 48 सालों से कई देशों का भरोसेमंद फाइटर जेट. अब तक करीब 4604 यूनिट्स बनाए गए हैं. इस फाइटर प्लेन को एक पायलट उड़ाता है. 49.5 फीट लंबे प्लेन में एक बार में 3200 किलोग्राम फ्यूल आता है. यह अधिकतम 2178 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से उड़ सकता है. पूरे हथियारों के साथ इसकी कॉम्बैट रेंज 546 किलोमीटर है. इसमें एक 20 मिमी की रोटरी कैनन लगी है. जो प्रतिमिनट 511 राउंड फायर करती है. इसके अलावा इसमें 2 एयर-टू-एयर मिसाइल, 6 अंडर विंग, 3 अंडर फ्यूसलेज पाइलॉन बम लगाए जा सकते हैं. इसके अलावा 4 रॉकेट या 6 हवा से हवा, हवा से सतह या हवा से शिप पर मार करने वाली मिसाइलें लगाई जा सकती हैं. या फिर इनका मिश्रण. इसमें आठ बम भी लगाए जा सकते हैं. 

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MIM-72 चपारल : यह एक अमेरिकी सेल्फ प्रोपेल्ड सरफेस टू एयर मिसाइल हैं. यानी इसके राडार ने जैसे ही दुश्मन के विमान को देखा यह खुद ही उसका टारगेट फिक्स करके उड़ जाएगी. अब तक इसके 10 वैरिएंट बनाए जा चुके हैं. जो जमीन और जंगी जहाज से चलाए जाते हैं. इनकी लंबाई 9.6 फीट होती है. वजन करीब 86 किलोग्राम होता है. ये अधिकतम 1789 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से हमला करते हैं. मिनिमम रेंज 590 फीट और अधिकतम रेंज 5 किलोमीटर है. अधिकतम 10 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकती हैं. 

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रिम-7 सी स्पैरो ः यह एक शिप बॉर्न शॉर्ट रेंज एंटी एयरक्राफ्ट और एंटी-मिसाइल वेपन सिस्टम है. यानी जंगी जहाज से दुश्मन के प्लेन, जंगीपोत या फिर मिसाइल को ध्वस्त कर सकता है. इसका वजन 230 किलोग्राम होता है. 12 फीट लंबे मिसाइल में एन्यूलर ब्लास्ट फ्रैगमेंटेशन वॉरहेड लगाया जाता है. जिसका जवन 41 किलोग्राम होता है. इसकी ऑपरेशनल रेंज 19 किलोमीटर है. अधिकतम गति 4256 किलोमीटर प्रतिघंटा है. यानी दुश्मन को बचने का मौका नहीं मिलता. 

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स्काई स्वॉर्ड 2 : ताइवान की मीडियम रेंज राडार गाइडेड हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल. ताइवान के पास यह 1990 से है. इसका वजन 184 kg होता है. इसकी ऑपरेशनल रेंज 100 किलोमीटर है. इसकी गति इसे बहुत घातक बनाती है. यह 7408 km/hr की रफ्तार से दुश्मन की ओर बढ़ती है. यानी राडार या दुश्मन को तैयारी का मौका ही नहीं मिलता. इस मिसाइल के चार वैरिएंट्स मौजूद हैं. यह भारत के ब्रह्मोस मिसाइल की तरह ही है. इसे फाइटर जेट, जंगी जहाज या फिर जमीन से भी लॉन्च किया जा सकता है.

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एम-9 साइडविंडर ः यह एक शॉर्ट रेंज की हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल है. 1953 से लगातार अमेरिका इसे बना रहा है. 85.3 किलोग्राम वजन वाली यह मिसाइल 9.11 फीट लंबी होती है. इसमें एन्यूलर ब्लास्ट फ्रैगमेंटेशन वॉरहेड लगाया जाता है. जिसका वजन 9.4 किलोग्राम होता है. यह 3087 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से दुश्मन की ओर बढ़ती है. 

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