Advertisement

डिफेंस न्यूज

Bangladesh New Drone: बांग्लादेश ने भारत सीमा के पास तैनात किया खतरनाक ड्रोन, अलर्ट पर इंडियन आर्मी

शिवानी शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 05 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 5:16 PM IST
  • 1/9

भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने बांग्लादेश सीमा के पास सर्विलांस बढ़ा दिया है. क्योंकि खबर मिली है कि बांग्लादेश पश्चिम बंगाल से सटी सीमा के पास तुर्की से खरीदा हुआ बेरक्तार टीबी2 (Bayraktar TB2) ड्रोन तैनात कर रहा है. शेख हसीना की सरकार के गिरने के बाद बांग्लादेश में आतंकी गतिविधियां बढ़ गई हैं. (सभी फोटोः गेटी)

  • 2/9

सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया कि भारतीय सेना इस रिपोर्ट को पुख्ता कर रही है कि बांग्लादेश ने सीमा पर इस ड्रोन को तैनात किया है. इसे बांग्लादेश की 67वीं आर्मी संचालित कर रही है. ताकि वह इंटेलिजेंस, सर्विलांस और रीकॉन्सेंस मिशन कर सके. बांग्लादेश का कहना है कि ये ड्रोन डिफेंस के लिए लाया गया है.

  • 3/9

हसीना की सरकार के गिरने के बाद भारत की सीमा के आसपास एंटी-इंडिया एलिमेंट्स की संख्या और गतिविधियां बढ़ गई है. बांग्लादेश की राजनीतिक अस्थिरता और एडवांस ड्रोन की तैनाती की वजह से सीमा पर सतर्कता बढ़ा दी गई है. 

Advertisement
  • 4/9

बांग्लादेश द्वारा जो बेरक्तार टीबी-2 ड्रोन्स खरीदे गए हैं उनसे सर्विलांस और हल्के स्ट्राइक मिशन किए जा सकते हैं. डिफेंस टेक्नोलॉजी ऑफ बांग्लादेश के मुताबिक बांग्लादेश ने 12 ड्रोन मंगवाए थे. छह अभी ऑपरेशनल हैं. इनकी तैनाती भारतीय सीमा के आसपास ही की गई है. जिससे भारतीय सेनाएं अलर्ट पर हैं.  

  • 5/9

एक वरिष्ठ भारतीय रक्षा अधिकारी ने कहा कि हम लगातार बांग्लादेश सीमा पर नजर रख रहे हैं. जो भी जरूरी काउंटरमेजर्स की जरूरत होगी, वो तैनाती की जाएगी. संभावना है कि सेना Heron TP ड्रोन को निगरानी, सर्विलांस और काउंटरड्रोन अटैक के लिए तैनात कर दे. 

  • 6/9

बेरक्तार टीबी 2 मीडियम-एल्टीट्यूड लॉन्ग एंड्यूरेंस (MALE) अनमैन्ड कॉम्बैट एरियल व्हीकल (UCAV) है. यानी यह युद्ध लड़ने में सक्षम है. इसे तुर्की की बेकार (Baykar) कंपनी ने बनाया है. इसकी पहली उड़ान साल 2014 में हुई थी. तब से तुर्की समेत कई देश इसका उपयोग कर रे हैं. पूरी दुनिया में ऐसे 300 ड्रोन्स हैं. 

Advertisement
  • 7/9

इसे मैसाच्यूसेट्स इंस्टीट्यूड ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) के ग्रैजुएट स्टूडेंट सेलक बेरक्तार ने डिजाइन किया था. इसका विंगस्पैन 39.4 फीट है. इसका वजन 700 kg है. इसमें 150 kg का पेलोड लगा सकते हैं. अधिकतम 220 km/hr की रफ्तार से उड़ सकता है. हालांकि सामान्य तौर पर इसकी गति 130 km/hr रहती है. 

  • 8/9

इसकी रेंज 4 हजार km है. यानी इतनी दूरी तक हमला या जासूसी करने जा सकता है. यह अधिकतम 25 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है. आमतौर पर 18 हजार km तक ही उड़ाया जाता है. लगातार 27 घंटे उड़ सकता है. इसमें कई तरह के बम और मिसाइल सिस्टम लगाए जा सकते हैं. 

  • 9/9

इसमें MAM गाइडेड बम लगाए जा सकते हैं. लॉन्ग रेंज एंटी टैंक मिसाइल और 70 मिमी का Roketsan Cirit रॉकेट लगाए जा सकते हैं. इसके अलावा बोजोक लेजर गाइडेड रॉकेट्स या 81 मिमी के टोगन मोर्टार्स भी तैनात किए जा सकते हैं. इसके अलावा 70 मिमी के लेजर गाइडेड रॉकेट्स यानी एडवांस्ड प्रेसिशन किल वेपन सिस्टम लगाने की योजना है.  

Advertisement
Advertisement
Advertisement