अमेरिका नया विमान बनाने जा रहा है. यह विमान परमाणु युद्ध के समय आसमान में कमांड और कंट्रोल एयरक्राफ्ट के तौर पर काम करेगा. साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति की सुरक्षा करेगा. इस विमान को अमेरिका ने नाम दिया है डूम्सडे एयरक्राफ्ट (Doomsday Aircraft). (फोटोः गेटी)
परमाणु युद्ध के दौरान अमेरिका के राष्ट्रपति अपने देश की निगरानी कर सकें. सुरक्षित रहते हुए अपनी सेनाओं को निर्देश दे सकें, इसलिए यह विमान बनवाया जा रहा है. इस विमान को बनाने का जिम्मा सियेरा नेवादा कॉर्प को दिया गया है. इसके लिए 13 बिलियन डॉलर्स यानी 1 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की डील हुई है. (फोटोः गेटी)
विमान का ऑफिशियल नाम है सर्वाइवेबल एयरबॉर्न ऑपरेशंस सेंटर (SAOC) है. इस विमान का संचालन अमेरिकी वायुसेना (USAF) करेगी. इस विमान को सियेरा नेवादा कंपनी अपने कोलोराडो, नेवादा और ओहायो सेंटर्स पर बनाएगी. इस विमान को बनाने की डेडलाइन 2036 है. (फोटोः USAF)
यह एक कॉमर्शियल डेरिवेटिव जेट होगा. जिसे बेहद मजबूत और मॉडिफाई करके बनाया जाएगा. इस विमान में राष्ट्रीय स्तर के सिक्योरिटी वेपन सिस्टम लगे होंगे. परमाणु हथियारों का कंट्रोल और कमांड सेंटर होगा. यानी अमेरिकी राष्ट्रपति आसमान से ही अपने देश के परमाणु हथियारों को किसी भी दुश्मन देश पर दाग सकेंगे. (फोटोः USAF)
SAOC को इसलिए बनाया जा रहा है ताकि पुराना E-4B नाइटवॉच एयरक्राफ्ट को रिप्लेस किया जा सके. नाइटवॉच एयरक्राफ्ट बोईंग 747 जेट को मॉडिफाई करके बनाया गया है. इन्हें 1970 में शामिल गिया गया था. ये विमान 2030 तक रिटायर हो जाएंगे. क्योंकि अब इसका मेंटेनेंस मुश्किल हो रहा है. इसके पार्ट्स कम मिलते हैं. (फोटोः USAF)
इस समय अमेरिकी वायुसेना चार डूम्सडे प्लेन संचालित कर रही है. इसमें से एक को हमेशा परमाणु युद्ध के हिसाब से तैयार रखा जाता है. नाइटवॉच एयरक्राफ्ट में एडवांस कम्यूनिकेशन गीयर है. आसमान में ही रीफ्यूल हो जाता है. इसपर परमाणु हमले का भी असर नहीं होता. न ही किसी तरह के इलेक्ट्रोमैग्नेटिक हमले का. (फोटोः USAF)
रूस के पास भी चार डूम्सडे प्लेन हैं. रूस इसके लिए Ilyushin Il-80 जेट का इस्तेमाल करता है. रूस के ये विमान 1985 से आसमान में उड़ान भर रहे हैं. ये विमान रूसी परमाणु पनडुब्बियों के साथ सीधे संपर्क में रहते हैं. उनकी मिसाइलों को दागने की क्षमता भी रखते हैं. (फोटोः USAF)