इंडियन नेवी 4 दिसंबर 2024 को नौसेना दिवस मना रही है. इस बार नौसेना अपनी ताकत ओडिशा के पुरी तट के पास ब्लू फ्लैग बीच पर दिखाएगी. भारत के तीनों सेनाओं की कमांडर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि होंगी. नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी, ओडिशा के गवर्नर समेत कई लोग मौजूद होंगे. (सभी फोटोः PTI/Indian Navy)
यह दूसरी बार है जब नौसेना इस बड़े आयोजन को कर रही है. इससे पहले पिछली बार महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में कार्यक्रम हुआ था. वहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीफ गेस्ट थे. इस बार कुल मिलाकर 90 हजार टन वजनी जंगी जहाज अपने हथियारों और सेंसरों समेत Op Demo 24 अभ्यास करेंगे. इसमें ताकत का प्रदर्शन किया जाएगा.
नौसेना दिखाएगी कि कैसे अपने बेस से 300 किलोमीटर के रेडियस में सतह, सतह के नीचे और हवा में दुश्मन को खत्म किया जा सकता है. इस मौके पर 3500 नौसैनिक शामिल होंगे. वो ऑप डेमो 24 में भाग लेंगे.
ओडिशा का नौसेना से पुराना रिश्ता रहा है. प्राचीन ओडिशा अपने मैरीटाइम कनेक्शन के लिए जाना जाता था. ओडिशा की ताकत समंदर है. बंगाल की खाड़ी के जरिए ओडिशा लंबे समय तक विदेशी यात्राओं का मुख्य केंद्र रहा है. इसलिए नौसेना इस बार यहां पर अपना नौसेना दिवस मना रही है.
1971 में पाकिस्तान के खिलाफ नौसेना ने ऑपरेशन ट्राइडेंट चलाया था. पाक के युद्धपोत खैबर को डुबो दिया था. कराची बंदरगाह पर काफी तबाही मचाई थी. पाकिस्तानी नौसेना को हराया था. इस युद्ध में और अन्य जंगों में मारे गए शहीदों की याद में भारतीय नौसेना हर साल 4 दिसंबर को नौसेना दिवस मनाती है.
भारतीय नौसेना परमाणु युद्ध रोकने, सीलिफ्ट, फोर्स प्रोजेक्शन और नेवल वॉरफेयर के लिए बनाई गई है. अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, ओडिशा, केरल, लक्षद्वीप, महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक और गुजरात के सेंटर एम्यूनिशन सपोर्ट, लॉजिस्टिक्स, मेंटेनेंस सपोर्ट, मार्कोस बेस, एयर स्टेशन, फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस, सबमरीन और मिसाइल बोट बेस आदि पर काम करते हैं.
भारतीय नौसेना के पास 75 हजार रिजर्व, 67,252 सक्रिय जवान हैं. 300 एयरक्राफ्ट है, 150 जहाज और सबमरीन हैं. 4 फ्लीट टैंकर्स हैं. एक माइन काउंटरमेजर वेसल हैं. 24 कॉर्वेट्स हैं.
आईएनएस विक्रांत और आईएनएस विक्रमादित्य नाम के दो एयरक्राफ्ट कैरियर हैं. भारतीय नौसेना दुनिया की टॉप टेन नेवी में सातवें नंबर पर है.
एक बैलिस्टिक मिसाइल सबमरीन हैं. दो न्यूक्लियर पावर्ड अटैक सबमरीन है. 14 फ्रिगेट्स, 10 डेस्ट्रॉयर्स, 8 लैंडिंग शिप टैंक्स, 1 एंफिबियस ट्रांसपोर्ट डॉक हैं. कई छोटे पेट्रोल बोट्स हैं.
भारतीय नौसेना के पास स्वदेशी और विदेशी मिसाइलों की भरमार है. इनमें सबमरीन से दागी जाने वाली बैलिस्टिक मिसाइल है. जहाज से दागी जाने वाली बैलिस्टिक मिसाइल है.
क्रूज और एंटी-शिप मिसाइल, हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल, सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें नौसेना के पास हैं. टॉरपीडोस हैं. रॉकेट लॉन्चर्स हैं.
100 मिलिमीटर की AK 190 गन से लेकर KH-35E क्वाड उरान और ASW आरबीयू-2000 आदि हैं. दुनिया की सबसे तेज चलने वाली क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस से लैस है भारतीय नौसेना.
वरुणास्त्र जैसे हैवीवेट टॉरपीडो भी हैं. फिलहाल भारतीय नौसेना के पास दो परमाणु ऊर्जा संचालित बैलिस्टिक मिसाइल सबमरीन हैं. 16 पारंपरिक अटैक पनडुब्बियां हैं. सात लैंडिंग शिप टैंक्स हैं. 8 लैंडिंग क्राफ्ट्स हैं. 11 गाइडेड मिसाइल डेस्ट्रॉयर हैं. 12 गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट्स हैं.
18 कॉर्वेट जहाज हैं. 10 ऑफशोर पेट्रोल वेसल हैं. 18 पेट्रोल वेसल हैं. 108 पेट्रोल बोट्स हैं. उसके अलावा तीन ऑक्सिलरी रिप्लेनिशमेंट फ्लीट है. 10 रिसर्च, सर्वे और ट्रैकिंग वेसल है. सात सपोर्ट शिप है. छह ट्रेनिंग वेसल हैं. 24 टगबोट्स हैं.