Advertisement

ड्रैगन अपने युद्धपोत-पनडुब्बियों में लगा रहा घातक क्रूज मिसाइल YJ-18, भारत के लिए खतरा...

China अपने युद्धपोतों, पनडुब्बियों में तेजी से बेहद घातक मिसाइल लगा रहा है. इस मिसाइल की तुलना भारत की ब्रह्मोस और रूस की ओनिक्स मिसाइल से की जाती है. इस मिसाइल की ताकत और स्पीड काफी तेज है. दुश्मन को बचने के लिए 30 सेकेंड का भी मौका नहीं मिलता.

ये है चीन की वाईजे-18 एंटी-शिप क्रूज मिसाइल, जिसकी संख्या तेजी से चीनी सेना बढ़ा रही है. ये है चीन की वाईजे-18 एंटी-शिप क्रूज मिसाइल, जिसकी संख्या तेजी से चीनी सेना बढ़ा रही है.
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 07 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 6:19 PM IST

चीन अपनी सेना में उसकी नई एंटी-शिप क्रूज मिसाइल YJ-18 की मात्रा तेजी से बढ़ा रहा है. ऐसा इसलिए ताकि चीन स्थानीय मुश्किलों का सामना इसके जरिए आसानी से कर सके. यह मिसाइल रूस की 3M-54E Club मिसाइल से प्रेरित है. यह अभी तक नहीं पता चल पाया है कि इसे चीन ने अकेले बनाया है या रूस के साथ मिलकर. भारत की ब्रह्मोस, रूस की ओनिक्स से भी इसकी तुलना की जाती है. 

Advertisement

इसके बारे में सबसे पहला खुलासा 2009 में आया था. इसके बाद 2013 में इसकी टेस्टिंग शुरू की गई थी. जबकि यह चीन की सेना में 2015 से शामिल है. इसमें YJ-62 मिसाइल की लंबी दूरी और YJ-12 मिसाइल की सुपरसोनिक स्पीड को शामिल करने की कोशिश की गई है. यानी कुल मिलाकर डिजाइन का मामला है. 

यह भी पढ़ें: एलन मस्क को चीन की चुनौती... एकसाथ लॉन्च किए स्टारलिंक जैसे 18 सैटेलाइट, इस साल 108 उपग्रह छोड़ने का प्लान

पहले धीमी चलती है, फिर एकदम से तेज भागती है मिसाइल

इस मिसाइल में दो स्टेज हैं. पहला स्टेज है सबसोनिक टर्बोजेट इंजन वाला. ताकि लंबी दूरी तक क्रूज कर सके. इसके बाद टारगेट से मात्र 40 किलोमीटर की दूरी पर इसका सुपरसोनिक टर्मिनल स्टेज एक्टिव हो जाता है. यह एकदम से 3580 km/hr से 4770 km/hr की स्पीड पकड़ लेती है. यानी दुश्मन के पास अगर पहले 2 मिनट का समय था बचने का, तो वह घटकर मात्र 30 सेकेंड रह जाता है. 

Advertisement

यह भी पढ़ें: तीन तरफ से इंडिया से घिरा, 4096 KM लंबा बॉर्डर... भारत के इन 5 राज्यों से सटा है बांग्लादेश!

कई तरह के हथियार लगा सकते हैं, रेंज 540 किलोमीटर तक

इस मिसाइल की असल रेंज 220 से 540 किलोमीटर है. एक मिसाइल में 140 से 300 किलोग्राम तक हथियार लगा सकते हैं. यानी वॉरहेड. इसका नाटो नाम CH-SS-NX-13 है. वैसे चाइनीज में इसे यिंगजी-18 बुलाते हैं. इसमें हाई एक्सप्लोसिव वॉरहेड या एंटी-रेडिएशन वॉरहेड लगाकर दागा जा सकता है. इससे दुश्मन के इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम खराब हो जाते हैं. उनके राडार और कम्यूनिकेशन सिस्टम खराब करने के बाद दूसरी मिसाइल से घातक हमला किया जा सकता है. 

यह भी पढ़ें: क्या बांग्लादेश बनेगा भारत के लिए नई मुसीबत? जानिए कितनी है मिलिट्री पावर, बॉर्डर के क्या हैं हालात

चीन के कई युद्धपोत और पनडुब्बियों में की गई है तैनात

चीन ने इस मिसाइल को अपने टाइप-052डी डेस्ट्रॉयर और टाइप 055 डेस्ट्रॉयर में तैनात किया है. इसके अलावा शांग-2 क्लास न्यूक्लियर सबमरीन में भी लगाया है. जहां इसकी लॉन्चिंग वर्टिकल लॉन्चिंग सिस्टम (VLS) से होती है. इसके अलावा सॉन्ग क्लास डीजल इलेक्ट्रिक सबमरीन में भी लगाई गई है. 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement