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एक दिन में बना सकती है 1000 मिसाइलें... देखें कैसी है ड्रैगन की ऑटोमेटेड क्रूज मिसाइल फैक्ट्री

चीन में ऐसी ऑटमैटिक फैक्ट्री है, जो एक दिन में 1000 से ज्यादा क्रूज मिसाइलें बना सकती है. वहां की सरकारी मीडिया CCTV इसका एक वीडियो भी जारी किया है. यानी अगले कुछ सालों में चीन के पास दुनिया की सबसे बड़ी मिसाइल फोर्स होगी. इतनी तेजी से तो कोई देश मिसाइलें नहीं बना सकता.

ये है चीन को वो फैक्ट्री जिसमें एक दिन में 1000 से ज्यादा क्रूज मिसाइलें बन सकती हैं. (वीडियोग्रैबः सीसीटीवी) ये है चीन को वो फैक्ट्री जिसमें एक दिन में 1000 से ज्यादा क्रूज मिसाइलें बन सकती हैं. (वीडियोग्रैबः सीसीटीवी)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 22 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 3:18 PM IST

चीन के पास एक ऑटोमेटेड क्रूज मिसाइल फैक्ट्री है. जो एक दिन में 1000 से ज्यादा मिसाइलें बना सकती है. चीनी मीडिया संस्थान CCTV का दावा है कि अगर तीनों शिफ्ट में काम किया जाए तो इतनी मिसाइलें बनाना संभव है. इसका वीडियो भी जारी किया गया है. जिसमें एक्सपर्ट्स के हवाले से इसकी खासियतों के बारे में बताया है. 

यहां नीचे देखिए इस फैक्ट्री का Video... 

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अगर चीन के साथ किसी देश का लंबे समय तक युद्ध होता है, तो इसमें कोई शक नहीं कि चीन अपनी इस फैक्ट्री से हर रोज 1000 से ज्यादा मिसाइलें पैदा करेगा. इससे दुश्मन की हालत खराब हो जाएगी. अगले कुछ वर्षों में चीन के पास सबसे बड़ी मिसाइल फोर्स होगी. जो इसे किसी भी ताकतवर देश का सामना करने लायक बना देगी. 

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चीन लगातार अपनी क्रूज मिसाइल क्षमता को बढ़ाने में लगा है. इस तरह का फैक्ट्री उसकी ताकत को कई गुना बढ़ा देंगी. अगर जंग के दौरान एंटी-एक्सेस/एंटी-डिनायल (A2/AD) मामले हों तो चीन इस फैक्ट्री से निकलने वाली मिसाइलों से ताबड़तोड़ हमला कर सकता है. आइए जानते हैं कि चीन का फोकस किधर है. 

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चीन के क्रूज मिसाइल प्रोग्राम की खास बात... 

चीन लगातार एंटी-शिप क्रूज मिसाइल (ASCM) और लैंड-अटैक क्रूज मिसाइल (LACM) विकसित करने में लगा है. उसके पास इन दोनों कैटेगरी की कई मिसाइलें हैं भी. इन सबको जमीन, हवा और पानी कहीं से भी लॉन्च किया जा सकता है. यानी चीन अपनी किसी भी मिसाइल से आसपास के देशों को तबाह करने की क्षमता रखता है. 

चीन के पास दो प्रमुख क्रूज मिसाइल कैटेगरी है- वाईजे सीरीज. ये एडवांस्ड एंटी-शिप क्रूज मिसाइलों की सीरीज हैं, जिनके गाइडेंस सिस्टम को बेइंतहा सुधारा गया है. इसके बाद है डीएच-10. इस सीरीज में सबसोनिक गति से चलने वाली लैंड-अटैक क्रूज मिसाइलें हैं, जिनकी रेंज 1500 किलोमीटर से ज्यादा है. 

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कहां इस्तेमाल हो सकती हैं ये मिसाइलें... 

चीन अगर अपनी क्रूज मिसाइलों का सबसे बड़ा इस्तेमाल फिलहाल कहीं कर सकता है तो वो है ताइवान. क्योंकि पिछले दो साल से चीन लगातार प्रयास कर रहा है कि वह ताइवान पर कब्जा कर ले. कई बार ताइवान की हवाई और समुद्री सीमा में घुसपैठ कर चुका है. अब भी माहौल तनावग्रस्त है. 

इसके अलावा चीन जब चाहे तब अमेरिका का साथ देने वाले देशों को भी निशाना बना सकता है. हाल ही में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के रॉकेट फोर्स से मुलाकात की थी. यह यूनिट चीन के न्यूक्लियर और गैर-परमाणु मिसाइलों को देखने वाली एलीट टीम है. जिनपिंग ने इन्हें हर हाल में जंग के लिए तैयार रहने को कहा है. इस फोर्स के पास कई लंबी दूरी की मिसाइलें हैं. जो दुश्मन पर घातक हमला कर सकती हैं. 

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