
चीन के एयरफोर्स के डिप्टी कमांडर वांग वी ने इस बात की घोषणा कर दी है कि उनका लेटेस्ट स्टेल्थ बॉम्बर H-20 एक्टिव ड्यूटी पर आने वाला है. चीन ने यह कदम अमेरिकी बमवर्षक के जवाब में उठाया. लेकिन इसका खतरा भारत के लिए बढ़ जाता है. क्योंकि भारतीय सेनाओं के पास स्टेल्थ टेक्नोलॉजी नहीं है. न ही स्टेल्थ फाइटर जेट्स को मार गिराने वाला कोई एंटी-स्टेल्थ हथियार.
भारत की हवाई सुरक्षा के लिए जरूरी है कि चीन के इस खतरनाक हथियार की कोई काट जरूर निकालें. कम से कम ऐसे राडार जो इस विमान को ट्रैक कर सकें. फिर एक ऐसा सरफेस-टू-एयर मिसाइल सिस्टम जो चीन के इस बमवर्षक को मारकर गिरा सके. क्योंकि इसकी डिजाइन ऐसी है कि ये आसानी से राडारों की नजर में नहीं आएगा.
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H-20 स्टेल्थ फाइटर जेट में राडार की किरणों को घुमाने की तकनीक है. इसलिए इसे पकड़ना मुश्किल है. ऐसे विमानों को पकड़ने और ट्रैक करने के लिए नए राडार सिस्टम की जरूरत है. जो भारत को विकसित करना होगा. तब जाकर इसे ट्रैक कर पाएंगे. फिर ब्रह्मोस जैसी सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल से लैस SAM सिस्टम होना चाहिए.
भारत के किसी भी शहर पर कर सकता है हमला
चीन अगर इस फाइटर जेट को अपने आसमान से उड़ाता है तो वो आसानी से भारतीय इलाके में घुसकर सीमा, एयरबेस, नौसैनिक अड्डों, संचार सेंटर्स या सैन्य अड्डों को निशाना बना सकता है. लगभग अदृश्य बमवर्षक का साइकोलॉजिकल असर सेनाओं पर ज्यादा पड़ेगा. यानी भारत को नई जेनरेशन का राडार सिस्टम डेवलप करना होगा. जो इस तरह के स्टेल्थ फाइटर जेट या बमवर्षक को पकड़ सकें.
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टक्कर देने के लिए चाहिए राडार, मिसाइल सिस्टम
इसके अलावा भारत को लंबी दूरी की हवा से हवा और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों से लैस सिस्टम बनाने होंगे. ऐसी मिसाइलें बनानी होंगी जो स्टेल्थ बॉम्बर को इंटरसेप्ट कर सकें. दो साल पहले ही चीन के इस स्टेल्थ बॉम्बर से पर्दा हटा था. H-20 लंबी दूरी का बमवर्षक है, जो अधिकतम 13 हजार km तक हमला कर सकता है.
भारत के अलावा कई अन्य देशों को भी खतरा
H-20 बॉम्बर का कॉम्बैट रेंज 5 हजार km बताया जा रहा है, यानी यह भारत के किसी भी हिस्से में हमला कर सकता है. इस विमान से खतरा सिर्फ भारत को नहीं है, बल्कि अमेरिका को भी है. चीन का यह बमवर्षक अमेरिका का साथ देने वाले जापान, गुआम, फिलिपींस, कोरिया आदि पर आसानी और चुपके से हमला कर सकता है.