
सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज (CSIS) के रिसर्चर्स ने पता लगाया है कि पिछले साल के अंत के कुछ महीनों में चीन के जासूसी जहाज ने ताइवान के समुद्री तलहटी का नक्शा बनाया है. इस जहाज का नाम है झू हाई युन (Zhu Hai Yun). यह अत्याधुनिक मॉनिटरिंग और सर्विलांस यंत्रों से लैस है.
समुद्री मामलों के जानकार ने कहा है कि लोगों का ध्यान भारत-मालदीव-चीन के रिश्तों को लेकर था. इस तरफ किसी ने अपना ध्यान नहीं दिया. ताइवान के समुद्री इलाकों के तलहटी का नक्शा बनाने के बाद अब ये चर्चा है कि इससे चीन और ताइवान के बीच फिर से छोटी जंग की आशंका है. क्योंकि चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है.
चीन के नए हाई-टेक रिसर्च शिप ताइवान के समुद्री इलाकों के चारों तरफ घूमकर समुद्री नक्शे बनाए थे. यह चीन का बेहद दुर्लभ कदम है, जिसके जरिए वो ताइवान को चुनौती देना चाहता है. वह यह जानना चाहता है कि ताइवान के चारों तरफ समुद्री पर्यावरण कैसा है. चीन के इस जासूसी जहाज का मकसद मिलिट्री रिसर्च ही है.
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CSIS की रिपोर्ट के मुताबिक झू हाई युन जहाज लगातार इसी तरह के जांच-पड़ताल कर रहा है. ताइवान और चीन के बीच का संबंध दुश्मनी से भरा है. लेकिन एक्सपर्ट्स को लगता है कि ताइवान की खाड़ी में फिर से दोनों देशों के बीच तनाव की स्थिति पैदा हो सकती है. क्योंकि 2020 से लगातार चीन इस खाड़ी में अपनी हरकतों को बढ़ा रहा है.
क्या है झू हाई युन?
चीन के दर्जनों रिसर्च वेसल में से एक है झू हाई युन. यह समुद्री पर्यावरण का डेटा कलेक्ट करने का दावा करता है. चीन का दावा है कि यह सिर्फ नागरिक, वैज्ञानिक और व्यवसायिक मकसद से होने वाले रिसर्च के लिए बनाया गया जहाज है. लेकिन एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह मिलिट्री के लिए जासूसी भी करता है.
झू हाई युन पर लगे अत्याधुनिक यंत्र और AI से ऑपरेट होने वाली मशीनें इसे बेहतरीन रिसर्च वेसल बनाते हैं. यह एक मदरशिप की तरह काम करती है. जो 50 से ज्यादा अनमैन्ड व्हीकल्स को ऑपरेट कर सकती है. चाहे वो हवा में उड़ने वाले ड्रोन हों. पानी के अंदर गोता लगाने वाली सबमर्सिबल हों या फिर जमीन पर दौड़ने वाले रोबोट्स.
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झू हाई युन के ड्रोन्स 160 किलोमीटर चारों तरफ, 4000 मीटर हवा में और 1500 मीटर की गहराई में जाकर समुद्री सतह का नक्शा बना सकते हैं. यह जहाज ड्यूल-यूज एप्लीकेशन चलता है. पानी के अंदर जाने वाली पनडुब्बियां हैं. साथ ही अंडर-सी ग्लाइडर्स हैं. जो पानी की नीचे जाकर साइड स्कैन सोनार की तरह काम करती हैं.
समंदर के अंदर बारूदी सुरंगों का पता लगा सकती है. पनडुब्बियों का पता लगा सकती है. हवा में उड़ने वाले ड्रोन्स आसपास के इलाकों और टारगेट एरिया की मार्किंग करते हैं.
तीन हफ्ते तक चीनी जहाज करता रहा भारतीय समुद्री क्षेत्र की जासूसी
CSIS के सीनियर रिसर्च फेलो ब्रायन हार्ट के मुताबिक झू हाई युन की हरकतों का पता तब चला जब भारतीय समुद्री क्षेत्र (Indian Ocean Region - IOR) में चीनी जासूसी जहाज जियांग वांग हांग 03 के काम की एनालिसिस की जा रही थी. वह उस समय भारत के Exclusive Economic Zone में सर्विलांस का काम कर रहा था.
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यह समुद्री जहाज समंदर में जिग-जैग पैटर्न में इस जोन के बाहर घूम रहा था. यह काम उसने श्रीलंका और मालदीव्स के पास करीब तीन हफ्ते से ज्यादा समय तक किया है. संभावना है कि उसने भारत के समुद्री तलहटी का भी नक्शा बनाया हो. मैरीटाइम करेंट्स की मैपिंग की हो. नौसैनिक युद्ध की तैयारियों का जायजा लिया हो.
ताइवान के चारों तरफ निगरानी बढ़ा दी गई है
झू हाई युन की पेट्रोलिंग की वजह से ताइवान ने 24 नॉटिकल माइल्स के इलाके में निगरानी बढ़ा दी है. पिछले कुछ वर्षों में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी नौसेना ने ताइवान के आसपास अपनी गतिविधियां, जहाज, विमान की संख्या बढ़ा दी है. कई बार तो ताइवान की समुद्री सीमा के बेहद करीब तक चले गए हैं.
ताइवान की राजधानी ताइपे ने कई बार इसका रणनीतिक और कूटनीतिक विरोध किया. संयुक्त राष्ट्र के समुद्री नियमों के मुताबिक कोई देश 24 नॉटिकल माइल्स तक अपना समुद्री इलाका मान सकता है. उसके पास उस सीमा की सारी ताकतें मौजूद होती हैं. लेकिन 15 और 17 फरवरी को चीन के दूसरे शिप डा यांग (Da Yang) ने डेटा ट्रैकिंग की थी.
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साल 2023 से लेकर अब तक ताइवान की 24 नॉटिकल माइल्स की समुद्री सीमा में चीन 13 जासूसी जहाज घुसे. ये हैं- Ke Xue, Hai Da Hao, Xue Long, Jia Geng, Xiang Yang Hong 03, Xiang Yang Hong 10, Yan Ping 2, Xiang Yang hong 06, Tan Suo hi Yao, Da Hong yao, Zhi Hai Yun, Ke Xue San Hao, Hai Da hao, Hai Yang Di Zhi Jiu Hao.
चीन के जंगी जहाज और विमान ताइवान के एयर डिफेंस जोन में
ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने बताया 2020 से लेकर अब तक चीन लगातार एयर डिफेंस आइडेंटिफिकेशन जोन में कई बार मिलिट्री ऑपरेशन चलाया है. इस जोन के जरिए ही ताइवान चीन के जहाज, विमानों और मिसाइलों के आने का पता लगाता है. मात्र 2020 में ही चीन ने इस जोन में 400 बार घुसपैठ की. 2023 में यह घुसपैठ बढ़कर 1700 बार हो गई थी.
अक्टूबर 2020 में चीन ने ताइवान में घुसपैठ तब ज्यादा बढ़ा दी थी, जब अमेरिकी मंत्री पेलोसी ताइवान की यात्रा पर गई थीं. चीनी हवाई जहाज और जंगी युद्धपोत 12 नॉटिकल माइल्स तक घुसपैठ कर गए थे. यह चीन का पहला स्ट्राइक था. जिसके बाद ताइवान ने उन्हें इंटरसेप्ट किया. इसके बाद चीन ने ताइवान के हवाई क्षेत्र में 27 गुब्बारे छोड़े. इसके अलावा 11 चीनी कोस्टगार्ड शिप ताइवान के आसपास देखे गए.