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बेकार हो जाएंगी चीन-PAK की मिसाइलें... भारत बना रहा ऐसा हथियार

डीआरडीओ इस समय ऐसी मिसाइल बना रहा है, जो दुश्मन की घातक और तेज गति से आने वाली एंटी-शिप बैलिस्टिक मिसाइल को हवा में नष्ट कर देगी. इस इंटरसेप्टर मिसाइल की रेंज करीब 250 km होगी. इसका इस्तेमाल भारतीय नौसेना (Indian Nay) करेगी. आइए जानते हैं इसकी ताकत...

ये है QRSAM मिसाइल, जिसका पहले परीक्षण हो चुका है. अब डीआरडीओ इसी मिसाइल की तर्ज पर इसका लंबी दूरी का नौसैनिक वर्जन बना रहा है. (फोटोः PTI) ये है QRSAM मिसाइल, जिसका पहले परीक्षण हो चुका है. अब डीआरडीओ इसी मिसाइल की तर्ज पर इसका लंबी दूरी का नौसैनिक वर्जन बना रहा है. (फोटोः PTI)
ऋचीक मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 22 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 6:00 PM IST

भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने भारतीय नौसेना के लिए नई मिसाइल बना रहा है. यह लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल होगी. कहा जा रहा है कि इसकी रेंज 250 km होगी. यह किसी भी तरह के एंटी-शिप मिसाइल को मार गिराएगी. चाहे उसकी गति 8600 किलोमीटर प्रतिघंटा से ज्यादा क्यों न हो. 

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यह मिसाइल इंडियन नेवी को हवाई सुरक्षा कवच देगी. ताकि पाकिस्तान या चीन की मिसाइलें किसी भी तरह से भारतीय नौसेना के युद्धपोतों, पनडुब्बियों और एयरक्राफ्ट कैरियर पर हमला न कर सकें. इस मिसाइल को Project Kusha के तहत बनाया जा रहा है. यह लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली LRSAM सिस्टम जैसी होगी. 

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प्रोजेक्ट कुश में तीन लंबी दूरी की एयर डिफेंस मिसाइलें मौजूद हैं. 150 km, 250 से 300 km और 400 किलोमीटर. सपोर्ट के लिए साथ में रूस से मिली S-400 एयर डिफेंस सिस्टम भी है. लेकिन डीआरडीओ लगातार ऐसे हथियार बनाने में लगा है, जो देश को दुश्मन की परमाणु बैलिस्टिक मिसाइल से भी बचा सके. 

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क्यों बनाई जा रही है ये मिसाइल? 

इस समय पूरी दुनिया में एंटी-शिप बैलिस्टिक मिसाइल (ASBMs) बहुत तेजी से बन रही हैं. इनसे सिर्फ नौसैनिक टारगेट ही हिट नहीं होते बल्कि सतह या हवा में भी निशाना लगाया जा सकता है. इनकी स्पीड बहुत ज्यादा होती है. इन्हें रोकना मुश्किल होता है. साथ ही इनसे होने वाली तबाही बहुत ही ज्यादा नुकसान करती हैं. 

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चीन के पास DF-21D जैसी एंटी-शिप बैलिस्टिक मिसाइल हैं. इसे कैरियर किलर भी बोलते हैं. यानी पूरे एयरक्राफ्ट कैरियर को डुबो सकते हैं. ईरान और अमेरिका भी ऐसे हथियार बना चुके हैं. अमेरिका की SM-6 ऐसी ही मिसाइल है. इसलिए डीआरडीओ ने इंडियन नेवी के लिए ऐसी मिसाइल बनाने का फैसला किया. 

क्या खास होगा इस मिसाइल में... 

यह मिसाइल किसी भी तरह की एंटी-शिप बैलिस्टिक मिसाइल को इंटरसेप्ट करेगी. चाहे उसमें पारंपरिक हथियार लगा हो या फिर परमाणु हथियार. इसमें ड्युल कैपिबिलिटी होगी, यानी ये किसी भी तरह के विमान या बैलिस्टिक मिसाइल को निशाना बना पाएगी. इससे जमीन, जहाज, एयरक्राफ्ट कैरियर ... सभी जगह कवच बन जाएगा. 

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