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Republic Day Parade: Agni-5 जैसी खतरनाक मिसाइलों की झांकी लेकर कर्तव्य पथ पर आएंगी DRDO की महिला वैज्ञानिक

DRDO इस बार गणतंत्र दिवस परेड पर अपनी महिला वैज्ञानिकों की शक्ति और मिसाइलों की ताकत दिखाने वाला है. साथ ही वह सेना में इस्तेमाल होने वाले स्वदेशी हथियारों, तकनीकों और राडारों का भी प्रदर्शन करेगा. जानिए इस बार डीआरडीओ की झांकी में क्या-क्या दिखने वाला है?

Republic Day 2024 Parade में इस बार डीआरडीओ कई मिसाइलों, तकनीकों और महिला शक्ति को प्रदर्शित करेगा. (फोटोः गेटी) Republic Day 2024 Parade में इस बार डीआरडीओ कई मिसाइलों, तकनीकों और महिला शक्ति को प्रदर्शित करेगा. (फोटोः गेटी)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 24 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 6:10 PM IST

देश की सेनाओं को ताकत देने वाली संस्था का नाम है रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO). इस बार गणतंत्र दिवस परेड (Republic Day Parade) में डीआरडीओ की तरफ से खतरनाक मिसाइलें, फाइटर जेट, कमांड कंट्रोल सिस्टम जैसी महत्वपूर्ण चीजों का प्रदर्शन किया जाएगा. इस वर्ष की झांकी 'पृथ्‍वी, वायु, समुद्र, साइबर और अंतरिक्ष जैसे पांचों आयामों में रक्षा कवच प्रदान करके राष्ट्र की सुरक्षा करने में महिला शक्ति' विषय पर आधारित है. 

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DRDO की महिला वैज्ञानिकों का रक्षा अनुसंधान के प्रमुख क्षेत्रों में बहुमूल्य योगदान रहा है. इस झांकी में रक्षा अनुसंधान एवं विकास में महिलाओं की भागीदारी को प्रमुखता से प्रदर्शित किया जाएगा. प्रसिद्ध वैज्ञानिक सुनीता देवी जेना दस्‍ते की कमांडर होंगी. 

झांकी में मैन पोर्टेबल एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (MPATGM), एंटी-सैटेलाइट (ASAT) मिसाइल, और Agni-5, सतह से सतह पर मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल, बहुत कम दूरी की वायु रक्षा प्रणाली (VSHORDS), नौसेना एंटी-शिप मिसाइल शॉर्ट रेंज (NASM-SR), एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल 'HELINA', क्विक रिएक्शन सरफेस-टू-एयर मिसाइल (QRSAM), ASTRA मिसाइल, लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट 'TEJAS', 'उत्तम' एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड ऐरे रडार (AESAR), एडवांस्‍ड इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम 'Shakti', साइबर सुरक्षा प्रणालियां, कमांड कंट्रोल सिस्टम और सेमी कंडक्टर फैब्रिकेशन सुविधा का प्रदर्शन होगा. 

एंटी-सैटेलाइट मिसाइल का होगा प्रदर्शन

मिशन शक्ति में प्रयोग की गई एंटी-सैटेलाइट (ASAT) मिसाइल देश की एंटी-सैटेलाइट तकनीक और सटीक स्ट्राइक क्षमता का प्रदर्शन करने वाली एक बड़ी सफलता रही. भारत ऐसी आधुनिक क्षमता हासिल करने वाला चौथा देश है.  Agni-5 सतह से सतह पर मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल है जो उच्च स्तर की सटीकता के साथ लक्ष्य को भेदने में सक्षम है. MPATGM 'फायर एंड फॉरगेट' 'टॉप अटैक' और रात में चलाने लायक तीसरी पीढ़ी की एटीजीएम है. 

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कम दूरी से लेकर टैंक उड़ाने वाली मिसाइलें दिखेंगी  

NASM-SR पहली स्वदेशी एयर लांच की जाने वाली एंटी-शिप मिसाइल प्रणाली है. VSHORDS एक मैन पोर्टेबल एयर डिफेंस सिस्टम है जो कम दूरी से कम ऊंचाई वाले हवाई खतरों को विफल करने में सक्षम है. हेलीकॉप्टर से लांच की जाने वाली तीसरी पीढ़ी की नाग एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल है, जो सीधे हिट मोड के साथ-साथ टॉप अटैक मोड में भी लक्ष्य पर हमला कर सकती है. इस प्रणाली में किसी भी मौसम में तथा दिन और रात मार करने की क्षमता है. 

पैंतरेबाज मिसाइल ASTRA की ताकत पता चलेगी

QRSAM सभी मौसम में काम करने वाली वायु-रक्षा प्रणाली है, जो युद्ध क्षेत्र में भारतीय सेना की मशीनीकृत संपत्तियों को गतिशील वायु रक्षा कवर प्रदान करती है.  ASTRA दृश्य सीमा से परे हवा से हवा में मार करने वाली अत्याधुनिक मिसाइल है, जो अत्यधिक पैंतरेबाज़ी वाले सुपरसोनिक हवाई लक्ष्यों को भेदने और उन्‍हें नष्ट करने में सक्षम है. 

Tejas फाइटर जेट और राडारों की क्षमता दिखेगी

LCA Tejas स्वदेशी रूप से विकसित हल्के वजन वाला और मल्टीरोल चौथी पीढ़ी का लड़ाकू विमान है. यह सटीक लक्ष्य भेदने के लिए लेजर निर्देशित बम और आधुनिक मिसाइल ले जा सकता है. उत्तम एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड ऐरे रडार (AESAR) एक मल्टीमोड, स्केलेबल आर्किटेक्चर वाला सॉलिड-स्टेट सक्रिय चरणबद्ध ऐरे फायर कंट्रोल राडार है जिसे विभिन्न प्रकार के लड़ाकू विमानों की श्रेणी के लिए अनुकूलित किया जा सकता है. 

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उन्नत इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर (EW) सिस्टम 'शक्ति' को पारंपरिक और आधुनिक राडार के अवरोधन, पता लगाने, वर्गीकरण, पहचान और जैमिंग के लिए भारतीय नौसेना के लिए डिजाइन और विकसित किया गया है. कर्तव्य पथ पर डीआरडीओ द्वारा विकसित कई अन्य प्रणालियों/प्रौद्योगिकियों का भी सशस्त्र बलों के विभिन्न दस्‍तों में प्रदर्शन किया जाएगा. 

इनमें पिनाका, नाग मिसाइल सिस्टम, मोबाइल ब्रिजिंग सिस्टम 'सर्वत्र', मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (MRSAM), हथियार का पता लगाने वाला रडार 'स्वाति' आदि शामिल हैं. भारतीय वायु सेना के फ्लाई पास्ट में डीआरडीओ द्वारा विकसित एलसीए तेजस और एईडब्ल्यूएंडसी शामिल होंगे. 

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