
ईरान के सेमनान प्रांत में मौजूद है कावीर रेगिस्तान. 5 अक्तूबर 2024 की शाम यहां पर 4.6 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया. भूकंप का केंद्र सेमनान प्रांत के अरादान कस्बे से 44 किलोमीटर दूर रेगिस्तान में दर्ज हुआ. हैरानी इस बात की है कि यहां पर भूकंप आना एक दुर्लभ घटना है. कयास लगाया जा रहा है कि ईरान ने परमाणु परीक्षण किया है.
भूकंप के दौरान जिस तरह की लहरें जमीन में उठती है, ये लहरें वैसी नहीं थीं. ये लहरें वैसी थीं, जैसी न्यूक्लियर विस्फोट के बाद जमीन पर चलती हैं. इसलिए दुनिया भर के रक्षा एक्सपर्ट और वैज्ञानिक यह दावा कर रहे हैं कि ईरान ने परमाणु परीक्षण किया है. वह भी चुपके से. क्योंकि इकलौते भूकंप के बाद कोई ऑफ्टरशॉक नहीं आई. इस भूकंप की गहराई भी ज्यादा नहीं थी.
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जबकि, आमतौर पर प्राकृतिक भूकंप आने के बाद कई ऑफ्टरशॉक आते हैं. भले ही उनकी तीव्रता कम हो. अगर ईरान ने परमाणु परीक्षण किया है तो वह इजरायल और अन्य दुश्मन देशों को अपनी ताकत दिखाना चाहता है. धमकाना चाहता है कि हम न्यूक्लियर हथियारों का इस्तेमाल भी कर सकते हैं.
अगर न्यूक्लियर टेस्ट है तो... तीन मामले देखने होंगे.
क्या ईरान के पास तकनीक है... जिस तरह की भूकंपीय लहरें उठी है, उनसे लगता है कि ये संभव है कि वहां पर न्यूक्लियर टेस्ट हुआ हो. लेकिन इसके लिए ईरान को पहले से काफी तैयारी करनी पड़ी होगी. जैसे नान्ताज यूरेनियम एनरिचमेंट साइट की उन्होंने किलेबंदी की. उसे अंडग्राउंड कर दिया है. ऐसी गतिविधियां सैटेलाइट की नजरो से छिप नहीं सकती. न्यूक्लियर टेस्ट के लिए जरूरी तकनीक क्या ईरान के पास हैं, या उसे किसी अन्य देश ने दी. जैसे- रूस. लेकिन अभी इसकी भी कोई खबर कहीं से नई आई है.
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राजनीतिक तौर पर क्या फायदा... अगर परमाणु परीक्षण होने के पुख्ता सबूत मिले तो इससे इंटरनेशनल राजनीति का जलवायु परिवर्तन होगा. इजरायल और अमेरिका भड़केंगे. दुनियाभर के एक्सपर्ट्स का मानना है कि ईरान के पास हथियार बनाने लायक परमाणु ईंधन नहीं है. उसके न्यूक्लियर एसेट्स कमजोर हैं. वेपन ग्रेड मटेरियल कहां से आया. किसने दिया. इससे पूरी दुनिया में खलबली मचेगी.
कूटनीतिक और मिलिट्री प्रतिक्रिया... ईरान की तरफ से परमाणु परीक्षण को लेकर कोई बयान नहीं है. न ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस खबर का खंडन हुआ है. न ही किसी ने इसकी निंदा की है. अगर पुख्ता होता है मामला तो संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका और इजरायल से कोई न कोई प्रतिक्रिया जरूर आएगी.
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अगर असल में भूकंप आया हो तो...
ईरान असल में मेजर फॉल्ट लाइन पर बसा है. यह दुनिया के सबसे ज्यादा भूकंपीय खतरे वाले देशों में शामिल हैं. इसलिए यहां पर प्राकृतिक भूकंप आने की संभावना पूरी है. जिस जगह पर भूकंप पैदा हुआ, वहां से फिलहाल किसी तरह की रेडियोएक्टिविटी दर्ज नहीं की जा रही है. इसलिए भी यह एक प्राकृतिक भूकंप हो सकता है.