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जो फाइटर प्लेन F-35 ट्रंप भारत को कर रहे ऑफर, उसे एलन मस्क बता चुके हैं 'महंगा कबाड़'

अमेरिका ने F-35 फाइटर प्लेन भारत को देने का प्रस्ताव रखा है. हालांकि, इसपर अभी बातचीत आगे होनी है. F-35 अमेरिका के बेहतरीन फाइटर प्लेन्स में गिना जाता है. हालांकि, ट्रंप के सहयोगी और दुनिया के टॉप कारोबारी एलन मस्क इस फाइटर प्लेन को लेकर सवाल भी उठा चुके हैं. मस्क ने एक बार इस फाइटर प्लेन को महंगा कबाड़ तक कह दिया था.

एलन मस्क ने कहा कि एफ-35 स्टेल्थ फाइटर जेट्स डिज़ाइन में कमी है. यह एक महंगा और जटिल विमान है. एलन मस्क ने कहा कि एफ-35 स्टेल्थ फाइटर जेट्स डिज़ाइन में कमी है. यह एक महंगा और जटिल विमान है.
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 14 फरवरी 2025,
  • अपडेटेड 1:26 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच मुलाकात में एक बड़ी डिफेंस डील को लेकर दोनों देशों में बात हुई. अमेरिका ने F-35 फाइटर प्लेन भारत को देने का प्रस्ताव रखा है. हालांकि, इसपर अभी बातचीत आगे होनी है. F-35 अमेरिका के बेहतरीन फाइटर प्लेन्स में गिना जाता है. हालांकि, इससे पहले कई मौकों पर ट्रंप के सहयोगी और दुनिया के टॉप कारोबारी एलन मस्क इस फाइटर प्लेन को लेकर सवाल भी उठा चुके हैं. मस्क ने एक बार इस फाइटर प्लेन को महंगा कबाड़ तक कह दिया था.

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यह भी पढ़ें: Aero India 2025 में रूसी Su-57 और अमेरिकी F-35... कौन सा स्टेल्थ फाइटर जेट भारत के लिए बेहतर?

क्रैश होने का खतरा 

दुनिया का सबसे खतरनाक स्टेल्थ फाइटर जेट F-35 कई बार क्रैश हो चुका है. एक विमान गिरने पर अमेरिका को करीब 832 करोड़ रुपए का नुकसान होता. यह अमेरिका का सबसे महंगे जेट प्रोग्राम का विमान था. पिछले साल न्यू मेक्सिको के अल्बुकर्क इंटरनेशनल एयरपोर्ट से टेकऑफ करते ही अमेरिकी एयरफोर्स का F-35 लाइटनिंग-2 स्टेल्थ फाइटर जेट क्रैश हो गया. इससे पहले साउथ कैरोलिना में ऐसा ही एक फाइटर जेट लापता हो गया था. जो बाद में एक घर के पीछे क्रैश मिला. इसका मलबा साउथ कैरोलिना के ज्वाइंट बेस चार्ल्सटन से 96 KM दूर विलियम्सबर्ग काउंटी में मिला. 

इस फाइटर जेट की खासियत 

अमेरिका के लापता फाइटर जेट का पूरा नाम है F-35 लाइटनिंग 2. यह हर मौसम में उड़ान भरने वाला स्टेल्थ मल्टीरोल कॉम्बैट एयरक्राफ्ट है. यह एयरसुपीरियरिटी और स्ट्राइक मिशन के लिए बनाया गया है. यह इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर, जासूसी, सर्विलांस, रीकॉन्सेंस जैसे मिशन को भी पूरा कर सकता है. 

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तीन वैरिएंट मौजूद हैं- पहला कन्वेंशनल टेक-ऑफ एंड लैंडिंग (CTOL). इसे F-35A कहते हैं. दूसरा है शॉर्ट टेक-ऑफ एंड वर्टिकल लैंडिंग (STOVL). इसे F-35B कहते हैं. तीसरा है- कैरियर बैस्ड. यानी F-35C. इसे अमेरिका का लॉकहीड मार्टिन कंपनी बनाती है. तीनों की कीमत 80 से 150 मिलियन डॉलर है. यानी 694 से 1303 करोड़ रुपए है. 

गति और छिपकर हमला इसकी ताकत

इसे एक ही पायलट उड़ाता है. लंबाई 51.4 फीट, विंगस्पैन 35 फीट और ऊंचाई 14.4 फीट है. अधिकतम गति 1976 KM/घंटा है. कॉम्बैट रेंज 1239 KM है. अधिकतम 50 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकता है. इसमें 4 बैरल वाली 25 मिमी की रोटरी कैनन लगी है. जो एक मिनट में 180 गोलियां दागती है. 

इसमें चार अंदरूनी और छह बाहरी हार्डप्वाइंट्स हैं. हवा से हवा, हवा से सतह, हवा से शिप और एंटी-शिप मिसाइलें तैनात की जा सकती है. इसके अलावा चार तरीके के बम लगाए जा सकते हैं. 

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