
जब भी कोई बड़ा पेड़ गिरता है तो असर आसपास भी होता है. हिज्बुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह समेत कई कमांडरों के मारे जाने की जांच ईरान में चल रही है. ईरानी सेना के कुद्स फोर्स का कमांडर इस्माइल कानी इस समय लापता है. कोई खबर नहीं आ रही उसकी. न ही वो खुद सामने आ रहा है. तेहरान में नसरल्लाह समेत अन्य हिज्बुल्लाह कमांडरों की मौत की जांच चल रही है. बताया जा रहा है कानी से पूछताछ हो रही है. वह लॉकडाउन में है.
ईरान को शक है कि उसके यहां के किसी बड़े अधिकारी के साथ इजरायल मिला हुआ है. वो अधिकारी या तो जासूसी कर रहा था. या बेहद जरूरी सूचनाओं का आदान-प्रदान कर रहा था. मिडिल ईस्ट आई के मुताबिक ईरान की सेना इस्लामिक रेवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) नसरल्लाह की मौत का इंटरनल जांच कर रही है.
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इस रिपोर्ट में 10 सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि ईरानी सेना ने कानी को अत्यधिक सुरक्षा वाली जगह पर रखा है. उससे पूछताछ हो रही है. जांच इस बात की हो रही है कि कहीं इजरायली इंटेलिजेंस ने ईरानी सेना में घुसपैठ तो नहीं की है. इस्माइल कानी ईरान के विदेशी मिलिट्री ऑपरेशंस का मुखिया है.
कितनी गहराई तक मौजूद है इजरायली इंटेलिजेंसी, इसकी हो रही जांच
कानी पिछले कई दिनों से किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में नजर नहीं आया. अफवाह उड़ी की कि कानी मारा गया. लेकिन कानी फिलहाल जिंदा है. उसे कोई नुकसान नहीं पहुंचा है. तेहरान यह जानने की कोशिश कर रहा है कि इजरायली इंटेलिजेंस ने उसकी सरकार, फौज और अन्य संगठनों में कितनी गहराई तक अपनी पैठ बनाई हुई है.
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हिजुब्ल्लाह कमांड पर हमले और कानी की लीडरशिप के बीच का पेंच
इस्माइल कानी जनवरी 2020 में ईरान के कुद्स फोर्स का कमांडर बना. क्योंकि अमेरिका ने उससे पहले कुद्स फोर्स के कमांडर कासिम सुलेमानी को मार डाला था. पिछले कुछ महीनों में इजरायली एयरस्ट्राइक में ईरान के नेतृत्व वाले एक्सिस ऑफ रेजिसटेंस के कई प्रमुख लीडर मारे गए हैं. इसमें हिज्बुल्लाह भी शामिल है.
नसरल्लाह की मौत के बाद ये शक बढ़ने लगा कि ईरान का कोई उच्च मिलिट्री अधिकारी के साथ धोखा हुआ है. या वह इजरायली इंटेलिजेंस के साथ मिल गया है. नसरल्लाह की जगह लेने वाला हाशिम सफीद्दीन भी इजरायली एयर स्ट्राइक में मारा गया. उसकी मौत तब हुई जब वह 4 अक्तूबर को शूरा काउंसिल मीटिंग में था.
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जिस मीटिंग में सफीद्दीन मारा गया, उसमें इस्माइल कानी क्यों नहीं गया?
सफीद्दीन और अन्य हिज्बुल्लाह कमांडरों की किस्मत भी खराब हो सकती है क्योंकि इजरायल लगातार हिज्बुल्लाह के टारगेट्स पर हमला कर रहा है. ऐसे में किसी लीडर का ऐसे इलाके में पहुंचना एक संयोग हो सकता है. या फिर इजरायली सेना को ये पता था कि सफीद्दीन शूरा काउंसिल मीटिंग में पहुंच रहा है. इजरायल को ये पता कैसे चला?सवाल ये उठ रहा है कि जिस मीटिंग में सफीद्दीन मारा गया, उसमें इस्माइल कानी क्यों नहीं पहुंचा. उसने वहां जाने से खुद को क्यों अलग किया.
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ईरान की जांच... कुद्स फोर्स में इजरायली घुसपैठ की तरफ फोकस
ईरान की जांच नसरल्लाह की मौत के साथ-साथ कुद्स फोर्स कमांडर ब्रिगेडियर जनरल अब्बास निलोफरसान की हत्या पर भी है. अब्बास भी नसरल्लाह के साथ मारा गया था. अब्बास के बाद अगला कुद्स फोर्स कमांडर ब्रिगेडियर जनरल रजा जाहेदी भी इजरायली एयरस्ट्राइक में मारा गया. ये हमला दमिश्क में हुआ.
हिज्बुल्लाह के सूत्रों ने मिडिल ईस्ट आई को बताया कि जैसे ही नसरल्लाह इमारत के अंदर गया है, उसके कुछ ही मिनट में इजरायल ने बम गिराया. जो ये बताती है कि कोई तो है जो इजरायल को ये सूचनाएं दे रहा है. कोई ईरान का ही है, जो इजरायल से मिला हुआ है.