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पुतिन पर था यूक्रेनी ड्रोन से हमले का डर... घर के पास तैनात किया Pantsir-S1 एयर डिफेंस सिस्टम

रूस का राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के घर के आसपास एक खास तरह का एयर डिफेंस सिस्टम लगाया गया है. यह सिस्टम पुतिन और उनके घर को यूक्रेन के आत्मघाती ड्रोन्स से बचाकर रखता है. यह जानकारी यूक्रेन के हैकर ग्रुप साइबर रेसिसटेंस द्वारा जारी किए गए दस्तावेजों से पता चला है. इन दस्तावेंजों को Russian Leaks नाम दिया गया है.

ये है रूस का पंतसिर एयर डिफेंस सिस्टम जिसमें एक नहीं कई हथियार हैं. यह कई तरह के हवाई हमलों को एकसाथ खत्म कर सकता है. ये है रूस का पंतसिर एयर डिफेंस सिस्टम जिसमें एक नहीं कई हथियार हैं. यह कई तरह के हवाई हमलों को एकसाथ खत्म कर सकता है.
ऋचीक मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 19 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 4:35 PM IST

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का घर वालदाई लेक के पास मौजूद है. यहां से करीब 3.7 किलोमीटर दूर एक वॉच टावर के ऊपर एक खतरनाक एयर डिफेंस सिस्टम लगाया गया है. ताकि यूक्रेन की ओर से आने वाले आत्मघाती ड्रोन्स से पुतिन और उनके घर को बचाया जा सके. 

यह खुलासा तब हुआ जब यूक्रेन का हैकर ग्रुप साइबर रेसिसटेंस ने इनका खुलासा किया. इस ग्रुप ने रूस के हथियारों की पोजिशन, राष्ट्रपति के घर आदि की डिटेल लीक कर दी है. इसे नाम दिया है Russian Leaks. इसके मुताबिक पुतिन के वालदाई लेक के पास स्थित मकान से 3.7 किलोमीटर दूर Pantsir-S1 एयर डिफेंस सिस्टम लगाया गया है. ताकि यूक्रेन से आने वाले किसी भी हवाई हमले का करारा जवाब दिया जा सके. 

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पंतसिर-एस1 (Pantsir-S1) एयर डिफेंस सिस्टम का इस्तेमाल रूस अपने बेहद संवेदनशील इमारतों, महत्वपूर्ण संस्थानों, राष्ट्रीय मूल्य की जगहों और व्यक्तियों की हिफाजत के लिए करता है. पंतसिर एक खास तरह का एयर डिफेंस सिस्टम है, जो किसी भी तरह के हवाई हमले को बर्बाद कर सकता है. 

एंटी-एयरक्राफ्ट आर्टिलरी भी बना सकते हैं इसे

इसका असली नाम SA-22 Greyhound है. लेकिन इसे पंतसिर के नाम से जानते हैं. यह एक सेल्फ प्रोपेल्ड, मीडियम रेंज सतह से हवा में मार करने वाला मिसाइल सिस्टम है. साथ ही इसका इस्तेमाल एंटी-एयरक्राफ्ट आर्टिलरी सिस्टम के तौर पर भी कर सकते हैं.

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साल 2012 से अब तक रूस इसका इस्तेमाल करता आ रहा है. सीरिया, यूक्रेन, लीबिया की जंगों में इस्तेमाल हो चुकी है. अब तक 200 से ज्यादा मिसाइल सिस्टम बनाए जा चुके हैं. इसे तीन लोग मिलकर चला सकते हैं. इसमें 5 तरह की मिसाइलों का इस्तेमाल किया जा सकता है. ज्यादातर रूस में ही विकसित हैं.

4-6 सेकेंड में पहचान लेता है दुश्मन का टारगेट 

ये 4-6 सेकेंड में ही दुश्मन टारगेट को पहचान कर उसकी तरफ मिसाइल दाग देता है. इसके कुल मिलाकर छह वैरिएंट्स हैं. जिनका इस्तेमाल रेंज और स्पीड के मुताबिक किया जाता है. इसकी रेंज 15 से लेकर 75 किलोमीटर तक होती है. यह माइनस 50 डिग्री सेल्सियस तापमान में भी काम कर सकता है. 

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इसमें मौजूद मिसाइल का वजन 76 से 94 किलोग्राम तक होता है. लंबाई 10.37 फीट होती है. इसमें वॉरहेड के तौर पर मल्टिपल कॉन्टीन्यूअस रॉड लगाए जाते हैं. यानी टक्कर के साथ ही विस्फोट करके फटते रहते हैं. इन हथियारों का वजन 20 किलोग्राम होता है. जिसमें 5 किलोग्राम विस्फोटक भी शामिल है. 

इसकी मिसाइल की गति बेहद घातक और तेज

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यह मिसाइल अधिकतम 15 किलोमीटर की ऊंचाई तक जा सकती है. इसकी गति 4692 किलोमीटर प्रतिघंटा है. जो इसे काफी ज्यादा घातक बनाती है. मिसाइल सिस्टम की एक यूनिट पर 30 मिलिमीटर की ऑटोकैनन लगी होती है. आमतौर पर ड्यूल 2A38M कैनन का इस्तेमाल होता है. यह कैनन एक मिनट में 700 राउंड फायर करता है. इसकी रेंज 4 किलोमीटर तक है. 

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