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DRDO बना रहा मिसाइलों का बाप... सबमरीन से लॉन्च होने वाली बैलिस्टिक मिसाइल K-5, जानिए ताकत

Indian Navy में K Series की कई मिसाइलें तैनात हैं. कुछ पनडुब्बियों में तो कुछ युद्धपोतों में. अब भारत ऐसी मिसाइल बना रहा है, जिससे चीन-पाकिस्तान की हालत खराब हो जाएगी. पनडुब्बी से छोड़ी जाने वाली यह मिसाइल 5 से 6 हजार किलोमीटर तक मार कर सकेगी. यानी समंदर में रहकर पूरे देश की सुरक्षा कर पाएगी.

समंदर के अंदर मौजूद पनडुब्बी से दुश्मन पर हमला बेहद ही घातक होता है, कई बार इसका पता नहीं चल पाता. (प्रतीकात्मक फोटोः गेटी) समंदर के अंदर मौजूद पनडुब्बी से दुश्मन पर हमला बेहद ही घातक होता है, कई बार इसका पता नहीं चल पाता. (प्रतीकात्मक फोटोः गेटी)
ऋचीक मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 10 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 4:04 PM IST

भारत लगातार नई मिसाइलों का परीक्षण कर रहा है. जमीन से और फाइटर जेट से दागी जाने वाली. अब तैयारी चल रही है भारतीय नौसेना की मिसाइलों को अपग्रेड करने की. वो मिसाइलें जो पनडुब्बी से लॉन्च की जाती हैं. अगली मिसाइल जो भारतीय नौसेना की पनडुब्बियों में लग सकती है, वो है K सीरीज की परमाणु बैलिस्टिक मिसाइल K-5. यह सबमरीन लॉन्च्ड बैलिस्टिक मिसाइल (SLBM) है. 

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इस मिसाइल को देश में ही डेवलप किया गया है. इसमें 2000 kg वजनी वॉरहेड लगा सकते हैं. वह पारंपरिक हो या फिर परमाणु हो. इसकी रेंज फिलहाल 5 से 6 हजार km बताई जा रही है. लेकिन हल्के वॉरहेड के साथ यह 8 से 9 हजार किलोमीटर तक मार कर सकती है. इसे भारतीय रक्षा एवं विकास संगठन (DRDO) बना रहा है. 

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अगर इस मिसाइल को भारतीय समुद्री क्षेत्र (Indian Ocean Region - IOR) में मौजूद पनडुब्बी से लॉन्च किया जाए तो चीन और पाकिस्तान के कई प्रमुख शहर किसी भी मिनट खत्म हो सकते हैं. इसे फिलहाल अरिहंत क्लास सबमरीन और एस-5 क्लास सबमरीन में लगाया गया है. भविष्य में बाकी पनडुब्बियों में भी लगाया जा सकता है.

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एक साथ कई टारगेट पर हमला भी कर सकेगी

K-5 बैलिस्टिक मिसाइल में राडार को धोखा देने की तकनीक और काउंटरमेजर्स भी लगाए जाने की उम्मीद है, ताकि दुश्मन को यह पता ही न चले कि मिसाइल कब और कहां से आ रही है. इसके अलावा इसमें MIRV तकनीक भी लगाई जा सकती है, ताकि एक ही बार में कई जगहों पर निशाना लगाया जा सके. 

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भारत के पास फिलहाल K-4 सीरीज की मिसाइलें

भारत के पास फिलहाल K-4 सबमरीन लॉन्च्ड बैलिस्टिक मिसाइलों का जखीरा है. जिनकी रेंज 750 से 3500 km है. लेकिन जब नौसेना नई पनडुब्बियां बना रही है, तो उसे नई मिसाइलों की भी जरूरत होगी. ऐसे में K-5 और K-6 SLBM मिसाइलों की जरूरत है. ताकि ज्यादा रेंज तक हमला किया जा सके. 

इसके अलावा Agni-5 सीरीज की SLBM इस्तेमाल की जा सकती है. अग्नि-5 मिसाइल की ताकत को पूरी दुनिया जानती है. साथ ही चीन और पाकिस्तान तो खौफ खाते हैं. क्योंकि इसकी रेंज में पूरा पाकिस्तान और आधा चीन आता है. लेकिन के-सीरीज की एडवांस मिसाइलों को शामिल किया जा सकता है. 

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अग्नि-5 SLBM की ताकत

यह एक अंतरमहाद्वीपीय परमाणु बैलिस्टिक मिसाइल है. जिसकी रेंज 7 से 8 हजार किलोमीटर है. इसमें एक साथ कई वॉरहेड लगा सकते हैं. यानी यह MIRV तकनीक से लैस है. एक ही मिसाइल से पांच टारगेट्स को हिट किया जा सकता है. इसमें 400 किलोग्राम वजनी परमाणु या पारंपरिक हथियार लगा सकते हैं. इसकी अधिकतम गति 30 हजार किलोमीटर प्रतिघंटा से ज्यादा है.  

K-6 मिसाइल भी दमदार

यह मिसाइल अभी बनाई जा रही है. 39 फीट लंबी इस मिसाइल में 3 हजार किलोग्राम वजनी परमाणु हथियार लगा सकते हैं. इससे कई टारगेट्स पर निशाना लगाया जा सकता है. इसकी रेंज 8 से 12 हजार किलोमीटर होगी. इसे एस-5 सबमरीन में लगाने की योजना है.  

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