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चीन बॉर्डर पर भारत की इस एंटी-टैंक मिसाइल की दहाड़, सेना ने सेकंडों में तबाह किए टारगेट, Video

Indian Army ने सिक्किम में 17 हजार फीट की ऊंचाई पर चीन बॉर्डर के एकदम पास आधुनिक कॉनकर्स एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल की फायरिंग की. यह मिसाइल चीन के टैंकों की धज्जियां उड़ा सकता है. इसे जमीन पर स्टैंड लगाकर या फिर टैंक या बीएमपी गाड़ियों पर तैनात करके दागा जा सकता है.

ये है भारतीय सेना की कॉनकर्स एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल, जिसका परीक्षण अभी सिक्किम में किया गया है. ये है भारतीय सेना की कॉनकर्स एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल, जिसका परीक्षण अभी सिक्किम में किया गया है.
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 12 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 12:25 PM IST

भारतीय सेना ने सिक्किम में 17 हजार फीट की ऊंचाई पर एंटी-टैंक मिसाइल का सफल ट्रायल किया. ये फायरिंग चीन सीमा के एकदम पास की गई. जिस मिसाइल का इस्तेमाल किया गया, उसका नाम है कॉनकर्स एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल. सेना ने इसका वीडियो भी जारी किया है. जो यहां नीचे है. 

आइए जानते हैं इस मिसाइल की ताकत...

कॉनकर्स एम एंटी टैंक मिसाइल को लाइंसेंस के तहत बीडीएल कंपनी देश में बनाती है. इसकी डील रूस के साथ हुई है. यह एक मैन पोर्टेबल एंटी-टैंक मिसाइल है. यह किसी भी टैंक या बख्तरबंद वाहन को उड़ा सकती है. इसमें एक्सप्लोसिव रिएक्टिव ऑर्मर तकनीक लगी है, जो किसी भी मजबूत टैंक को सेकेंड्स में ध्वस्त करने की क्षमता रखती है. 

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यह भी पढ़ें: China की नई आसमानी आफत... जिसे ट्रैक करना भी है मुश्किल, भारत कैसे करेगा उस महाहथियार का सामना?

यह मिसाइल जमीन पर स्टैंड लगाकर या बीएमपी वाहन से भी लॉन्च की जा सकती है. इसकी रेंज 75 से 4000 मीटर है. यह चार km की दूरी मात्र 19 सेकेंड में पूरी करती है. यानी दुश्मन के टैंक के पास बचने के लिए समय नहीं होता. इसके पांच वर्जन दुनिया भर में मौजूद हैं. दो का इस्तेमाल दो दर्जन से ज्यादा देशों में किया जा रहा है. 

इसका वजन करीब 14.6 kg है. लॉन्च पोस्ट के साथ वजन 22.5 kg है. लंबाई 45 इंच और व्यास 5.3 इंच है. इसका वॉरहेड यानी हथियार जिसे 9N131 Heat कहते हैं वह 2.7 kg का होता है. यह हथियार टैंक से छूते ही फट जाता है. इसकी अधिकतम गति 680 फीट प्रति सेकेंड है. इसका इंजन सॉलिड फ्यूल रॉकेट होता है.

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आमतौर पर इसकी रेंज 75 मीटर से लेकर 4 kmहोती है. भारत की पश्चिमी और पूर्वी सीमा पर इसे तैनात करते ही दुश्मन देशों के टैंकों की हालत खराब हो जाएगी. क्योंकि यह फायर करते ही सीधे टैंक को कंकाल में बदल देगा. 

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