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चीन के साथ हुई सहमति के बाद सेना ने पहली बार देपसांग में की गश्त, पिछले हफ्ते हुई थी सैनिकों की वापसी

भारतीय सेना ने सोमवार से देपसांग के मैदानों में गश्त फिर से शुरू कर दी है. सेना की गश्त के बारे में जानकारी देते हुए फायर एंड फ्यूरी कोर ने बताया कि देपसांग और डेमचोक में सैनिकों की वापसी और गश्त फिर से शुरू करने के लिए भारतीय और चीनी पक्ष के बीच बनी सहमति के बाद, भारतीय सेना ने आज देपसांग में गश्त प्वाइंट में से एक पर गश्त सफलतापूर्वक आयोजित की.

चीन के साथ हुई सहमति के बाद सेना ने पहली बार देपसांग में की गश्त. (photo Source X @firefurycorps) चीन के साथ हुई सहमति के बाद सेना ने पहली बार देपसांग में की गश्त. (photo Source X @firefurycorps)
शिवानी शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 04 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 11:57 PM IST

भारत और चीन के बीच नियंत्रण रेखा लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर हाल ही में हुए समझौते के बाद दोनों देशों की सेनाओं डेमचोक और देपसांग से पीछे हटने के बाद अब भारतीय सेना ने सोमवार से देपसांग के मैदानों में गश्त फिर से शुरू कर दी है. इसकी जानकारी भारतीय सेना की फायर एंड फ्यूरी कोर ने दी है. 

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सूत्रों ने बताया कि भारतीय सुरक्षा बलों ने देपसांग में पेट्रोलिंग प्वाइंट 10 (पीपी 10) पर सफलतापूर्वक गश्त की. ये विवादित सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखने की कोशिश में एक महत्वपूर्ण कदम है.

देपसांग और डेमचोक में सेना ने की गश्त

वहीं, सेना की फायर एंड फ्यूरी कोर ने देपसांग और डेमचोक पर फिर से गश्त शुरू होने के बारे में जानकारी देते हुए सोशल मीडिया एक्स पर तस्वीर साझा करते हुए लिखा, देपसांग और डेमचोक में सैनिकों की वापसी और गश्त फिर से शुरू करने के लिए भारतीय और चीनी पक्ष के बीच बनी सहमति के बाद, भारतीय सेना ने आज देपसांग में गश्त प्वाइंट में से एक पर गश्त सफलतापूर्वक आयोजित की. यह एलएसी पर शांति बनाए रखने की दिशा में एक और सकारात्मक कदम है.

गौरतलब है कि 2020 में गलवान में हुई झड़प के बाद यह पहली बार है. जब भारतीय सैनिकों ने डेमचोक और देपसांग इलाकों में गश्त की है.

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यह गश्त सामान्य गश्त अधिकार बहाल करने और क्षेत्र में तनाव कम करने के लिए भारतीय और चीनी अधिकारियों के बीच बनी व्यापक सहमति का हिस्सा है. देपसांग मैदानों और डेमचोक दोनों जगहों पर सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया चल रही है, जिससे डेमचोक में भी गश्त एक्टिविटी फिर से शुरू हो गई हैं. पीपी10 पर सफल गश्त दोनों पक्षों के बीच स्थिरता बहाल करने और विश्वास-निर्माण उपायों को बढ़ाने में प्रगति को रेखांकित करती है.

इन प्वाइंटों पर की गश्त

देपसांग मैदान एलएसी के साथ एक संवेदनशील क्षेत्र है, जिसमें पांच प्रमुख गश्त प्वाइंट शामिल हैं. पीपी 10, पीपी 11, पीपी 11 ए, पीपी 12 और पीपी 13. ये सभी भारत के सीमा सुरक्षा हितों के लिए महत्वपूर्ण हैं. हाल के कुछ सालों में तनाव बढ़ने के बाद से इन क्षेत्रों में गश्त को गंभीर रूप से प्रतिबंधित कर दिया गया था. इसलिए पीपी10 पर बहाली डी-एस्केलेशन की दिशा में एक रचनात्मक बदलाव का संकेत देती है. प्रक्रिया से जुड़े एक रक्षा अधिकारी ने कहा, "यहां गश्त की बहाली एलएसी पर शांति बनाए रखने की दिशा में एक और सकारात्मक कदम है."

'टकराव वाले प्वाइंटों की हो रही है निगरानी'

पीपी10 पर यह नवीनीकृत गश्त सैन्य और राजनयिक दोनों स्तरों पर भारतीय और चीनी पक्षों के बीच व्यापक दौर की बातचीत के बाद हुई है. जैसा कि दोनों पक्ष सैनिकों की वापसी की रूपरेखा को लागू करने के लिए काम कर रहे हैं, भारतीय सेना सतर्क लेकिन आशावादी बनी हुई है और सभी प्रमुख टकराव वाले प्वाइंट पर सावधानीपूर्वक निगरानी कर रही है.

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अब समझौते के प्रभावी होने से भारतीय सेना को एलएसी पर सामान्य स्थिति बहाल करने के बढ़ते प्रयासों के तहत देपसांग मैदानों में अन्य गश्त  प्वाइंटों पर धीरे-धीरे गश्त फिर से शुरू करने की उम्मीद है. हालिया गश्त को विश्वास के पुनर्निर्माण के लिए आवश्यक माना जा रहा है और यह पूर्वी लद्दाख में स्थिरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

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