
DRDO ने हाल ही में SMART मिसाइल का सफल परीक्षण किया. इससे पहले अग्नि मिसाइल का परीक्षण किया गया. एक रहस्यमयी मिसाइल भी थी, जिसके बारे में किसी को ज्यादा जानकारी नहीं. लगातार मिसाइलों का परीक्षण हो रहा है. कभी जमीन से, कभी जहाज से, कभी हवा से तो कभी पनडुब्बी से.
भारतीय मिलिट्री को आसमान, जमीन और जल ... तीनों जगहों पर परमाणु वॉरहेड से लैस हथियार तैनात करने होंगे. तब जाकर पाकिस्तान और चीन की चालों पर विराम लगेगा. कम से कम हमले का जवाब देने की ताकत तो होगी. भारतीय नौसेना की पनडुब्बियों में सबसे ज्यादा भरोसेमंद हैं K-Series की मिसाइलें.
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भारत के पास फिलहाल K-4 सबमरीन लॉन्च्ड बैलिस्टिक मिसाइलों का जखीरा है. जिनकी रेंज 750 से 3500 किलोमीटर है. लेकिन जब नौसेना नई पनडुब्बियां बना रही है, तो उसे नई मिसाइलों की भी जरूरत होगी. ऐसे में K-5 और K-6 SLBM मिसाइलों की जरूरत है. ताकि ज्यादा रेंज तक हमला किया जा सके.
इसके अलावा Agni-5 सीरीज की SLBM इस्तेमाल की जा सकती है. अग्नि-5 मिसाइल की ताकत को पूरी दुनिया जानती है. साथ ही चीन और पाकिस्तान तो खौफ खाते हैं. क्योंकि इसकी रेंज में पूरा पाकिस्तान और आधा चीन आता है. लेकिन के-सीरीज की एडवांस मिसाइलों को शामिल किया जा सकता है.
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अग्नि-5 SLBM की ताकत
यह एक अंतरमहाद्वीपीय परमाणु बैलिस्टिक मिसाइल है. जिसकी रेंज 7 से 8 हजार किलोमीटर है. इसमें एक साथ कई वॉरहेड लगा सकते हैं. यानी यह MIRV तकनीक से लैस है. एक ही मिसाइल से पांच टारगेट्स को हिट किया जा सकता है. इसमें 400 किलोग्राम वजनी परमाणु या पारंपरिक हथियार लगा सकते हैं. इसकी अधिकतम गति 30 हजार किलोमीटर प्रतिघंटा से ज्यादा है.
K-5 मिसाइल का दम
इस मिसाइल को देश में ही डेवलप किया गया है. इसमें 2000 किलोग्राम वजनी वॉरहेड लगा सकते हैं. वह पारंपरिक हो या फिर परमाणु हो. इसकी रेंज 5 से 6 हजार किलोमीटर है. इसे फिलहाल अरिहंत क्लास सबमरीन और एस-5 क्लास सबमरीन में लगाया गया है. भविष्य में अन्य पनडुब्बियों में लगाया जा सकता है.
K-6 मिसाइल भी दमदार
यह मिसाइल अभी बनाई जा रही है. 39 फीट लंबी इस मिसाइल में 3 हजार किलोग्राम वजनी परमाणु हथियार लगा सकते हैं. इससे कई टारगेट्स पर निशाना लगाया जा सकता है. इसकी रेंज 8 से 12 हजार किलोमीटर होगी. इसे एस-5 सबमरीन में लगाने की योजना है.