
भारतीय नौसेना 26 दिसंबर 2023 को नए, ताकतवर, आधुनिक और खतरनाक स्टेल्थ डेस्ट्रॉयर INS Imphal को कमीशन कर सकती है. इसके समुद्री ट्रायल्स खत्म हो चुके हैं. यह विशाखापट्टनम क्लास का तीसरा गाइडेड मिसाइल डेस्ट्रॉयर है. इसके शामिल होने से इंडियन नेवी की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी. पश्चिम में पाकिस्तान का तट हो या चीन से आने वाले खतरे. ये हर मुसीबत का सामना करने को तैयार है.
इसका नाम द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हुई इंफाल की लड़ाई के शहीदों की याद में रखा गया है. यह पहला जंगी जहाज है जिसका नाम उत्तर-पूर्व के किसी राज्य के नाम पर रखा गया है. इसका डिस्प्लेसमेंट 7400 टन है. 535 फीट लंबे इस जंगी जहाज का बीम 57 फीट का है. यह एक डीजल-इलेक्ट्रिक इंजन से चलने वाला युद्धपोत है. समुद्र में इसकी अधिकतम गति 56 km प्रतिघंटा है.
अगर यह 33 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से चलता है तो इसकी रेंज 7400 किलोमीटर है. 45 दिनों तक लगातार समुद्र में तैनात रह सकता है. इस युद्धपोत पर 50 अधिकारी और 250 नौसैनिक तैनात हो सकते हैं. इसमें चार कवच डिकॉय लॉन्चर्स लगे हैं. इसके अलावा बेहतरीन रडार और कॉम्बैट मैनेजमेंट सिस्टम लगा है.
ब्रह्मोस और बराक मिसाइलों से लैस
इसमें 32 बराक 8 मिसाइलें, 16 ब्रह्मोस एंटी शिप मिसाइल 4 टॉरपीडो ट्यूब्स, 2 एंटी-सबमरीन रॉकेट लॉन्चर्स, 7 प्रकार के गन्स होते हैं. ध्रुव और सी किंग हेलिकॉप्टर तैनात हो सकते हैं. ये ऐसे युद्धपोत हैं, जिनसे लगातार ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों का परीक्षण किया जा रहा है.
पनडुब्बियों को खोजकर मार सकता है
इसके अलावा इस युद्धपोत पर 21 इंच के 4 टॉरपीडो ट्यूब्स हैं. साथ ही 2 आरबीयू-6000 एंटी-सबमरीन रॉकेट लॉन्चर्स भी लगाए गए हैं. इसमें सुरक्षा के लिए डीआरडीओ द्वारा बनाया गया इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर शक्ति ईडब्ल्यू सुइट और कवच चैफ सिस्टम लगा है.
खतरनाक तोपों और ऑटोमैटिक बंदूकें तैनात
INS Imphal में 32 एंटी-एयर बराक मिसाइलें तैनात की जा सकती है. जिनकी रेंज 100 KM है. या बराक 8ER मिसाइलें तैनात की जा सकती हैं, जिसकी रेंज 150 KM है. इसमें 16 एंटी-शिप या लैंड अटैक ब्रह्मोस मिसाइलें लगा सकते हैं. इसके अलावा एक 76 mm की OTO मेराला तोप, 4 AK-603 CIWS गन लगी है.
डैमेज कंट्रोल सिस्टम... ताकि कोई हिस्सा खराब तो पूरा जहाज न रुके
आईएनएस इंफाल पर दो वेस्टलैंड सी किंग या HAL ध्रुव हेलिकॉप्टर ले जाए जा सकते हैं. इस युद्धपोत में स्टेट ऑफ द आर्ट सेंसर लगे हैं, जो दुश्मन के हथियारों का आसानी से पता कर सकते हैं. ये सेंसर्स ऐसे डेक में लगाए गए हैं, जिन्हें दुश्मन देख नहीं सकता. इसमें बैटल डैमेज कंट्रोल सिस्टम्स लगाए गए हैं. यानी युद्ध के दौरान अगर जहाज के किसी हिस्से में नुकसान हो तो पूरा युद्धपोत काम करने बंद न करे.