
Indian Navy के तलवार क्लास फ्रिगेट का नया स्टेल्थ युद्धपोत जल्द ही भारतीय नौसेना में शामिल होगा. इससे पहले 6 दिसंबर 2024 को नेवी ने इसका प्रतीक चिन्ह रिलीज किया. X हैंडल पर आईएनएस तुशिल (INS Tushil) का क्रेस्ट रिलीज किया गया है. जिसका वीडियो आप यहां नीचे देख सकते हैं...
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आईएनएस तुशिल को रूस के यांतर शिपयार्ड में बनाया जा रहा है. ये तलवार क्लास स्टेल्थ गाइडेड मिसाइल प्रिगेट का हिस्सा है. अब तक तलवार क्लास के 7 जंगी जहाज बन चुके हैं. 6 एक्टिव हैं. चार नए जंगी जहाज बनाए जा रहे हैं. दो रूस में और दो भारत में. रक्षामंत्री राजनाथ सिंह 8 से 10 दिसंबर तक रूस की यात्रा पर हैं. वहां से वो इस युद्धपोत को 9 दिसंबर को भारतीय नौसेना में कमीशन करेंगे.
इसके नाम यानी तुशिल का मतलब होता है अभेद्य कवचम. यानी प्रोटेक्टर शील्ड. इसका ध्येय वाक्य है- निर्भय, अभेद्य और बलशील. यह भारतीय नौसेना की ताकत और समुद्री दमखम को दिखाती है. इसे क्रिवाक क्लास-3 फ्रिगेट यानी प्रोजेक्ट 1135.6 के तहत बनाया गया है. जो तलवार क्लास का अपग्रेडेड वर्जन है.
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अब जानते हैं इस युद्धपोत की ताकत
आईएनएस तुशिल का समंदर में डिस्प्लेसमेंट 3850 टन है. इसकी लंबाई 409.5 फीट, बीम 49.10 फीट और ड्रॉट 13.9 फीट है. ये समंदर में अधिकतम 59 km/hr की रफ्तार से चल सकता है. गति को 26 km/hr किया जाए तो ये 4850 km की रेंज कवर कर सकता है. 56 km/hr की स्पीड से चले तो 2600 km तक जा सकते हैं.
180 नौसैनिकों के साथ 30 दिन समंदर में रह सकता है
यह जंगी जहाज 18 अधिकारियों समेत 180 सैनिकों को लेकर 30 दिन तक समंदर में तैनात रह सकता है. उसके बाद इसमें रसद और ईंधन डलवाना पड़ता है. ये जंगी जहाज इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम से लैस हैं. साथ ही 4 केटी-216 डिकॉय लॉन्चर्स लगे हैं. इसमें 24 Shtil-1 मीडियम रेंज की मिसाइलें तैनात हैं.
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ऐसे हथियारों से लैस, जो दुश्मन की हेकड़ी निकाल दें
8 इगला-1ई, 8 वर्टिकल लॉन्च एंटी-शिप मिसाइल क्लब, 8 वर्टिकल लॉन्च एंटी-शिप और लैंड अटैक ब्रह्मोस मिसाइल भी तैनात है. इसमें एक 100 मिलिमीटर की A-190E नेवल गन लगी है. इसके अलावा एक 76 mm की ओटो मेलारा नेवल गन लगी है. 2 AK-630 CIWS और 2 काश्तान CIWS गन लगी हैं.
इन खतरनाक बंदूकों के अलावा दो 533 मिलिमीटर की टॉरपीडो ट्यूब्स हैं. एक रॉकेट लॉन्चर भी तैनात किया गया है. इस जंगी जहाज पर एक कामोव-28 या एक कामोव-31 या ध्रुव हेलिकॉप्टर लैस हो सकता है.