Advertisement

रूस को हल्के में ले रहे हैं अमेरिका-यूक्रेन-नाटो... जानिए क्या कहते हैं इंडियन एक्सपर्ट?

क्या यूक्रेन को लेकर पश्चिमी देशों ने रूस की चेतावनी को हल्के में ले लिया है? क्योंकि रूस कई बार धमकी दे चुका है. हद पार करने की बात कह चुका है. लेकिन पश्चिमी देशों ने यूक्रेन को लंबी दूरी की मिसाइलों के इस्तेमाल की अनुमति दे दी. असल में इस मामले को लेकर भारतीय एक्सपर्ट्स का क्या कहना है?

यूक्रेन लगातार रूस के खिलाफ MLRS का इस्तेमाल करता जा रहा है. (फोटोः रॉयटर्स) यूक्रेन लगातार रूस के खिलाफ MLRS का इस्तेमाल करता जा रहा है. (फोटोः रॉयटर्स)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 20 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 6:54 PM IST

सिर्फ दुनिया को ही नहीं बल्कि भारत को भी इस बात की चिंता है कि रूस की चेतावनियों को यूक्रेन, अमेरिका, नाटो और अन्य देश गंभीरता से नहीं ले रहे हैं. अमेरिका ने यूक्रेन को ATACMS मिसाइल के इस्तेमाल की जो अनुमति दी है, उससे मामला बेहद गंभीर हो जाएगा. व्लादिमीर पुतिन बिगड़े तो पूरी दुनिया पर बुरा असर पड़ेगा. 

स्पुतनिक इंडिया से बात करते हुए भारतीय रक्षा एक्सपर्ट्स ने रूस की चेतावनियों को गंभीरता से लेने की बात कही है. रिटायर्ड एयर मार्शल एम माथेश्वरन ने कहा कि अमेरिका और यूक्रेन के इस फैसले में काफी खतरा है. यूक्रेन की लंबी दूरी की मिसाइलों का हमला बिना सैटेलाइट डेटा और पश्चिमी देशों के टेक्निकल सपोर्ट के संभव नहीं है. 

Advertisement

यह भी पढ़ें: सबसे ज्यादा परमाणु हथियार और खतरनाक मिसाइलें हैं रूस के पास, जब चाहे खत्म कर दे आधी दुनिया

माथेश्वरन ने कहा कि अमेरिका के इस फैसले को देख कर लगता है कि नाटो बेहद धीमे-धीमे इस जंग का बड़ा हिस्सेदार बनता जा रहा है. इसकी वजह से रूस भड़क सकता है. वह भी अपने खतरनाक हथियारों का जखीरा खोल सकता है. अगर रूस ने परमाणु हथियारों को जंग में उतार दिया तो नुकसान पूरी दुनिया को झेलना होगा. 

रिटायर्ड मेजर जनरल शशिभूषण अस्थाना ने कहा कि अमेरिका की ये स्ट्रैटेजी ठीक नहीं है. इससे भविष्य में ट्रंप की सरकार शांति स्थापित नहीं कर पाएगी. बाइडेन चुनाव हारने के बाद यूक्रेन और रूस की जंग को अलग खतरनाक मुकाम पर ले जाना चाहते हैं. दोनों ही डिफेंस एक्सपर्ट्स ने कहा कि पश्चिमी देशों ने दो बातों का ध्यान नहीं रखा. 

Advertisement

यह भी पढ़ें: 90 हजार हमले, 20 हजार बम्बार्डमेंट, हर रोज 1500 मौतें... Russia-Ukraine वार में 1000 दिन की 'तबाहीकथा'

पहला... रूस की चेतावनियों की बेइज्जती की. यानी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन लगातार चेतावनी देते आ रहे हैं कि नाटो अगर गाइडेड लॉन्ग रेंज वेपन का इस्तेमाल करता है, तो नुकसान झेलना होगा. इस चेतावनी को दरकिनार करना मतलब ये है कि आप रूस को लगातार भड़काने का काम कर रहे हैं. 

दूसरा... जंग के मैदान में नुकसान का आंकलन नहीं. यानी लंबी दूरी के हथियारों से दोनों तरफ को नुकसान ज्यादा होगा. जबकि अभी सबको टैक्टिकल फायदा दिख रहा है. रूस के पास न तो हथियारों की कमी है, न ही जवाब देने की क्षमता की. अगर उसने तगड़ा जवाब दिया तो काफी ज्यादा मुश्किलें खड़ी हो जाएंगी. 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement