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बीजिंग के निशाने पर भारतीय मिसाइल... प्रदर्शनी में दिखाए गए Video में 'पृथ्वी' का मॉडल

चीन में हुए एक डिफेंस प्रदर्शनी में भारत की पृथ्वी मिसाइल को सिमुलेटेड टारगेट दिखाया गया है. यानी चीन या तो इस मिसाइल का काउंटर तैयार कर रहा है. या फिर चीनी कंपनियों के जरिए इस मिसाइल से संबंधित जानकारी जमा कर रहा है. ऐसे में भारत की मिसाइल टेक्नोलॉजी को खतरा पैदा हो सकता है.

ये है गणतंत्र दिवस पर दिखाई जा रही पृथ्वी मिसाइल, जिसके मॉडल को चीन के वीडियो में दिखाया गया है. (फाइल फोटोः इंडिया टुडे आर्काइव) ये है गणतंत्र दिवस पर दिखाई जा रही पृथ्वी मिसाइल, जिसके मॉडल को चीन के वीडियो में दिखाया गया है. (फाइल फोटोः इंडिया टुडे आर्काइव)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 04 जून 2024,
  • अपडेटेड 1:37 PM IST

हाल ही में चीन की राजधानी बीजिंग में मिलिट्री इंटेलिजेंस टेक्नोलॉजी एक्सपो हुआ. इसमें चीन के कई हथियारों, जासूसी उपकरणों का प्रदर्शन किया गया. लेकिन बीजिंग इंस्टीट्यूट ऑफ स्टेल्थ इंजीनियरिंग टेक्नोलॉजी (BIST) के एक वीडियो से चीन की मंशा जाहिर हो रही है. इस वीडियो में सिमुलेटेड टारगेट्स दिखाए गए हैं. 

यहां देखिए Video

सिमुलेटेड टारगेट्स में चीन की कंपनी यह दिखाना चाह रही है कि कैसे चीन की सेना को उनकी तकनीक से फायदा होगा. इस वीडियो में भारत की सतह से सतह पर मार करने वाली पृथ्वी (Prithvi) मिसाइल की रेप्लिका दिखाई गई. जिससे पता चलता है कि चीन हमारे हथियारों को अपना निशाना बना सकता है. 

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ये सिमुलेशन इसलिए भी जरूरी है ताकि ये समझा जा सके कि चीन की कंपनी क्या चाहती है. वैसे चीनी कंपनी BIST भारत के हथियारों के सिग्नल मेजरमेंट और इंटेलिजेंस डेटा जमा करने का काम करती है. कंपनी का काम है सिमुलेटेड टारगेट बनाना ताकि चीन के जवान इस पर प्रैक्टिस कर सकें. प्रैक्टिस के लिए टारगेट भारतीय हथियार है. 

ये है उस वीडियो का स्क्रीनग्रैब, जिसमें पीछे पृथ्वी मिसाइल का मॉडल दिखाया जा रहा है. (फोटोः X)

चीन बना सकता है पृथ्वी मिसाइल सिस्टम का काउंटर

पूरी प्रदर्शनी में BIST के इस वीडियो की चर्चा हो रही थी. कई बार डिफेंस कंपनियां दुश्मन देश या दूसरे देशों के हथियारों को अपने वीडियो में सिमुलेटेड टारगेट की तरह इस्तेमाल करते हैं. लेकिन इसका दूसरा पक्ष ये है कि इसके जरिए चीनी कंपनी ऐसा हथियार बना सकती है, जिससे भारत की पृथ्वी मिसाइल सिस्टम को खतरा हो सकता है. 

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या फिर चीन की सरकार इस कंपनी की मदद से पृथ्वी मिसाइल को काउंटर करने के लिए कोई नई तकनीक या हथियार बना सकता है. इसलिए यह जानना जरूरी है कि ऐसा क्या है जिसकी वजह से चीन पृथ्वी मिसाइल से डरता है. आइए जानते हैं पृथ्वी सीरीज की मिसाइलों की ताकत... 

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वजन और व्यास में ज्यादा अंतर नहीं तीनों मिसाइलों में

पृथ्वी मिसाइल के तीन वर्जन हैं. पृथ्वी-1, 2 और 3. पृथ्वी 1 और 2 का वजन 4400 और 4600 किलोग्राम है. जबकि पृथ्वी-3 मिसाइल का वजन 5600 किलोग्राम है. पृथ्वी-1 की लंबाई 9 मीटर जबकि पृथ्वी-2 और 3 की लंबाई 8.56 मीटर है. पृथ्वी-1 और 2 का व्यास 110 सेंटीमीटर है, जबकि पृथ्वी-3 का व्यास 100 सेंटीमीटर है. 

पृथ्वी-1 मिसाइल की रेंज 150 किलोमीटर है. इसमें 1000 किलोग्राम वजन का वॉरहेड लगा सकते हैं. पृथ्वी-2 की रेंज 250-350 किलोमीटर है, इसमें 500 किलोग्राम वजन का हथियार लगा सकते हैं. पृथ्वी-3 मिसाइल नौसैनिक वर्जन हैं. इसकी रेंज 350-750 km है, इसमें 1000 किलोग्राम वजन का वॉरहेड लगा सकते हैं. 

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परमाणु हमला करने में भी सक्षम हैं तीनों पृथ्वी मिसाइलें

तीनों मिसाइलों में कई तरह के हथियार लगाए जा सकते हैं. जैसे- हाई एक्सप्लोसिव, पेनेट्रेशन, क्लस्टर म्यूनिशन, फ्रैगमेंटेशन, थर्मोबेरिक, केमिकल वेपन और टैक्टिकल न्यूक्लियर वेपन. इन तीनों मिसाइलों को 8x8 टाटा ट्रांसपोर्टर इरेक्टर लॉन्चर से दागा जाता है. 

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