Advertisement

स्वदेशी एंटी-टैंक मिसाइल का पोखरण में सफल परीक्षण, मौत का नया नाम MPATGM... देखिए Video

भारतीय सेना को बहुत जल्द मौत का नया सामान मिलने वाला है. इसका नाम है MPATGM. यह एक ऐसा हथियार है, जिससे दुश्मन के टैंक डरकर भागेंगे. यह एक गाइडेड एंटी-टैंक मिसाइल है. इसे भविष्य में अर्जुन टैंक में भी लगाया जा सकता है. यानी टैंक गोले के साथ-साथ मिसाइल भी दागेगा.

ये है डीआरडीओ की एमपीएटीजीएम मिसाइल, जिसका ट्रायल कई महीनों से चल रहा है. ये है डीआरडीओ की एमपीएटीजीएम मिसाइल, जिसका ट्रायल कई महीनों से चल रहा है.
ऋचीक मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 14 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 12:40 PM IST

DRDO ने राजस्थान के पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज में स्वदेशी मैन-पोर्टेबल एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (MPATGM) का सफल परीक्षण किया. इसका Video भी जारी किया गया है. जिसे आप यहां नीचे देख सकते हैं... यह मिसाइल दुश्मन के टैंकों और बख्तरबंद वाहनों की धज्जियां उड़ा सकती है. 

भविष्य में इसे मुख्य युद्धक टैंक अर्जुन में भी तैनात किया जाएगा. पोखरण के परीक्षण में MPATGM ने पूरी सटीकता के साथ टारगेट पर निशाना लगाया. इस स्वदेशी एंटी-टैंक मिसाइल में टैंडम हाई एक्सप्लोसिव एंटी-टैंक (HEAT) हथियार लगा है, जो अत्याधुनिक एक्सप्लोसिव रिएक्टिव आर्मर (ERA) कवच वाले बख्तरबंद वाहनों को छेद सकता है. यानी आज के जमाने का कोई टैंक या बख्तरबंद वाहन इससे बच नहीं सकता. 

Advertisement

यह भी पढ़ें: चीन बॉर्डर पर भारत की इस एंटी-टैंक मिसाइल की दहाड़, सेना ने सेकंडों में तबाह किए टारगेट, Video

फिलहाल इसके ट्रायल्स पूरे हो चुके हैं. इसका वजन 14.50 kg है. लंबाई 4.3 फीट है. इसे दागने के लिए दो लोगों की जरूरत होती है. इसकी रेंज 200 मीटर से लेकर 2.50 km है. इसमें टैंडम चार्ज हीट और पेनेट्रेशन वॉरहेड लगा सकते हैं. सेना में इसके शामिल होने के बाद फ्रांस में बनी मिलन-2टी और रूस में बनी कॉन्कर्स एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलों के पुराने वर्जन को हटाया जाएगा. 

जानिए भारत की अन्य एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलों के बारे में... 

स्पाइक/स्पाइक एलआर-2

भारतीय सेना के पास स्पाइक MR और स्पाइक एलआर एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलों की संख्या 400 से ज्यादा है. वहीं, भारतीय एयरफोर्स ने Mi-17 हेलिकॉप्टर्स के लिए स्पाइक-एनएलओएस मंगाए हैं. स्पाइक को इजरायल ने बनाया है. 9 से ज्यादा युद्धों में उपयोग किया जा चुका है. इसके तीन वैरिएंट्स हैं- स्पाइक-ईआर, स्पाइक एमआर/एलआर और स्पाइक एसआर. लंबाई 3.11 फीट से 5.6 फीट तक होती है. 30 सेकेंड में लॉन्च होने के लिए तैयार हो जाती है. 15 सेकेंड में फिर रीलोड हो जाती है. फायरिंग रेंज 1.5 से 25 km है. इसमें टैंडेम चार्ज हीट वॉरहेड लगाया जाता है. 

Advertisement

यह भी पढ़ें: Iran की वो 8 मिसाइलें, जो इजरायल के लिए बन गई हैं बड़ा खतरा

मिलन 2टी

भारतीय सेना के पास 34 हजार मिलन 2टी मैन पोर्टेबल एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलें हैं. इसे फ्रांस और भारत ने मिलकर बनाया है.  यह 1972 से दुनिया भर के अलग-अलग देशों में उपयोग की जा रही है. अब तक इसकी 3.50 लाख से ज्यादा यूनिट्स बन चुके हैं. इसके 5 वैरिएंट्स हैं- मिलन-1, मिलन-2, मिलन-2टी, मिलन-3 और मिलन-ईआर. वजन 16.4 किलोग्राम और लंबाई 3.11 फीट है. इसमें सिंगल या टैंडम हीट वॉरहेड लगाया जाता है. इसकी रेंज 200 मीटर से लेकर 3 किलोमीटर तक है. अधिकतम गति 200 मीटर प्रति सेकेंड हैं. इसे टैंक, ट्राइपॉड, कंधे पर रखकर दागा जा सकता है. 

स्विर/स्नाइपर एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल

भारतीय सेना के पास 25 हजार 9M119 Svir (AT-11 Sniper) एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलें हैं. इसे रूस ने बनाया था. लेकिन अब इसका निर्माण भारत में ही हो रहा है. इसे भारत, रूस, चीन, सर्बिया और दक्षिण कोरिया की सेनाएं उपयोग कर रही हैं. एक मिसाइल का वजन 16.5 से 17.2 किलोग्राम है. इसमें 4.5 किलोग्राम का टैंडम हॉलो चार्ज वॉरहेड लगता है. इसकी फायरिंग रेंज 4 से 5 किलोमीटर है. यह करीब 980 किलोमीटर प्रति घंटा होती है. इसे 125 मिलिमीटर स्मूथबोर गन से लॉन्च किया जाता है. यह लेजर गाइडेड मिसाइल है यानी जहां लेजर पड़ेगी, वहीं ये मिसाइल जाकर बर्बादी कर देगी. 

Advertisement

यह भी पढ़ें: Ukraine पर हमले के लिए Russia ने बनाई नई परमाणु मिसाइल, ब्रह्मोस जैसी स्पीड

कॉन्कर्स/स्पैड्रेल एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल

भारत के पास रूस की बनाई ये एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल 15,140 की संख्या में मौजूद हैं. इन्हें भारतीय सेना ने बीएमपी-2 इन्फैन्ट्री वाहनों पर तैनता करने के लिए मंगाया था. हालांकि ये ट्राइपॉड से भी दागी जा सकती है और कंधे से भी. इसे 1970 में डिजाइन किया गया था. इसकी मिसाइल का वजन 14.6 किलोग्राम है. लॉन्चिंग पोस्ट का वजन 22.5 किलोग्राम है. मिसाइल की लंबाई 45 इंच है. इसमें 2.7 किलोग्राम हीट वॉरहेड लगाया जाता है. इसकी ऑपरेशनल रेंज 70 मीटर से लेकर 4 किलोमीटर तक है. यह 208 मीटर प्रति सेकेंड की गति से चलती है. इसे दुनिया के 2 दर्जन से ज्यादा देश इस्तेमाल करते हैं. 

कॉर्नेट/स्प्रिग्गन एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल

भारतीय सेना के पास 3000 कॉर्नेट/स्प्रिग्गन एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल हैं. ये मैन पोर्टेबल हैं. यानी कंधे से दागी दा सकती हैं. इन्हें 250 लॉन्चर्स के साथ रूस से खरीदा गया था. 1998 से अब तक कई देशों की सेनाओं में तैनात. एक दर्जन युद्धों में हो चुका है उपयोग. अब तक 35 हजार यूनिट्स बनाई गई हैं. एक मिसाइल का वजन 27 से 64 किलोग्राम तक होता है. लंबाई 1200 मिलिमीटर होती है. इसमें 4.6 किलोग्राम का हीट वॉरहेड लगाया जाता है. कॉर्नेट की रेंज 100 मीटर से 5.5 किलोमीटर और कॉर्नेट-ईएम की रेंज 8 से 10 किलोमीटर है. सटीकता 5 मीटर की है. यानी टारगेट अपने स्थान से 5 मीटर की दूरी तक भागता है तो भी नष्ट हो जाएगा. 

Advertisement

अटाका/स्पाइरल-2 एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल

रूस में बनी इस एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल 1985 से दुनिया की कई सेनाओं में शामिल हैं. भारत के पास कितनी है, इसकी कोई जानकारी नहीं है. इस मिसाइल का वजन 49.5 किलोग्राम होता है. लंबाई 72 इंच है. इसमें 7.4 किलोग्राम का टैंडम हीट वॉरहेड लगता है. इसकी रेंज 400 मीटर से 6 किलोमीटर है. यह अधिकतम 4 किलोमीटर की ऊंचाई तक जा सकता है. अधिकतम गति 550 मीटर प्रति सेकेंड होती है. इसे आमतौर पर मुख्य युद्धक टैंक के खिलाफ दागा जाता है. इसे हेलिकॉप्टर से भी दागा जा सकता है. 

यह भी पढ़ें: DRDO ने रात में किया अग्नि-प्राइम न्यूक्लियर बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण, जल्द होगी सेना में शामिल

श्टर्म/स्पाइरल एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल

भारतीय सेना के पास रूस में बनी श्टर्म यानी स्पाइरल एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल 800 हैं. इसे हेलिकॉप्टर, आर्मर्ड व्हीकल, टैंक के ऊपर तैनात करके फायर किया जाता है. यह 5.3 फीट लंबा होता है. इसका वजन 31.4 kg है. अधिकतम गति 1240 km/hr है. रेंज 400 मीटर से 5 किलोमीटर है. इसमें 5.3 kg का हीट, पेनेट्रेशन वॉरहेड लगाया जा सकता है. इसके 6 वैरिएंट्स मौजूद हैं. दुनिया के एक दर्जन से ज्यादा देशों में इसका उपयोग होता है. 

ध्रुवास्त्र/हेलिना/नाग

भारत में बने ध्रुवास्त्र एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल को हेलिना (HELINA) भी कहते हैं. इससे पहले इसका नाम नाग मिसाइल (Nag Missile) था. ध्रुवास्त्र मिसाइल 230 मीटर प्रति सेकेंड की स्पीड से चलती है. यानी 828 km/hr. ध्रुवास्त्र की रेंज 500 मीटर से लेकर 20 km है. ध्रुवास्त्र तीसरी पीढ़ी की 'दागो और भूल जाओ' टैंक रोधी मिसाइल प्रणाली है. हर मौसम में और दिन या रात में हमला करने में सक्षम है. इसका वजन करीब 45 kg है. यह 6 फीट एक इंच लंबी है. इसका व्यास 7.9 इंच है. इसमें 8 किलो विस्फोटक लगाकर इसे बेहतरीन मारक मिसाइल बनाया जा सकता है. 

Advertisement

सैमहो (SAMHO)

सैमहो एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल तोप से लॉन्च की जाने वाली मिसाइल हैं. जिसे भारत बना रहा है. अब तक इसके दो परीक्षण हो चुके हैं. यह 4.7 इंच लंबी है. इसमें टैंडम हीट वॉरहेड लगता है. इसके रेंज 1.5 से 5 किलोमीटर होगी. इसे अर्जुन मेन बैटल टैंक और भीष्म टैंक पर लगाया जाएगा. ताकि अपने तोप दुश्मन के तोपों को इसी से मारकर खत्म कर दें. 
 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement