
ईरान ने इजरायल के ऊपर 331 मिसाइलें और ड्रोन्स दागे. सभी 185 आत्मघाती ड्रोन्स को इजरायल के आयरन डोम और ऐरो-3 हाइपरसोनिक सरफेस-टू-एयर मिसाइल सिस्टम ने मार गिराया. 110 बैलिस्टिक मिसाइलों में से 103 को मार गिराया. ईरान की ओर से दागी गई सभी 36 क्रूज मिसाइलें भी इजरायल ने मार गिराईं. सिर्फ सात बैलिस्टिक मिसाइलों को इजरायल गिरा नहीं पाया.
इस दौरान अंतरिक्ष में एक चमकदार गोला बनते देखा गया. कहा जा रहा है कि ईरान की एक बैलिस्टिक मिसाइल वायुमंडल के ऊपर से इजरायल की ओर आ रही थी. लेकिन अभी वह अंतरिक्ष में ही थी कि इजरायल ने अपनी सतह से हवा में मार करने वाली हाइपरसोनिक Arrow-3 मिसाइल को दाग दिया.
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ऐरो-3 हाइपरसोनिक मिसाइल ने अंतरिक्ष में ही ईरान की मिसाइल को ध्वस्त कर डाला. जिसकी टक्कर से अंतरिक्ष में एक नीले रंग का बड़ा गोला बना. और गायब हो गया. यह गोला टक्कर की वजह से हुए विस्फोट का था. कहा ये भी जा रहा है कि इस गोले को बनाने के पीछे अमेरिकी युद्धपोत से दागी गई SM-3 मिसाइल थी, जिसने ईरानी मिसाइल को अंतरिक्ष में रोका. अमेरिका अपने मित्र देश इजरायल की मदद के लिए आसपास तैनात खड़ा है.
Arrow-3... अंतरिक्ष में किसी भी सैटेलाइट को मार गिराने की क्षमता
ऐरो-3 मिसाइल सिस्टम इजरायल को वायुमंडल के ऊपर से सुरक्षा देने के लिए बनाई गई मिसाइल है. इजरायल की सरकार ने कभी यह नहीं बताया कि इसकी मारक क्षमता, गति और सटीकता कितनी है. लेकिन दावा किया है कि यह एरो-2 मिसाइल से ज्यादा तेज गति में चलती है. अंतरिक्ष में किसी भी सैटेलाइट को मार गिराने में सक्षम है. इसे इजरायल की सुरक्षा में 2017 से तैनात कर दिया गया है. इस मिसाइल की बदौलत इजरायल दुनिया के गिने-चुने देशों में शामिल हो चुका है, जिनके पास अंतरिक्ष में उड़ रहे सैटेलाइट्स को मार गिराने की क्षमता है.
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एक रात में खर्च हो गए एक लाख करोड़ रुपए से ज्यादा...
ईरान ने इजरायल पर जब हमला किया, तो इजरायल ने खुद को बचाने में मिसाइलें दागी. ईरान ने 110 बैलिस्टिक मिसाइलें दागी, जिनकी कुल कीमत करीब 30 से 50 मिलियन डॉलर्स यानी 250 से 417 करोड़ रुपए. फिर उसने 36 से 45 क्रूज मिसाइलें दागी, जिनकी कीमत करीब 33.41 करोड़ रुपए से 58.47 करोड़ रुपए हैं. 170 शाहेद मिसाइलें दागी गईं, जिनकी कीमत भी करीब 33 से 54 करोड़ रुपए के बीच है. कुल मिलाकर ईरान ने इजरायल पर हमले के लिए करीब 520 करोड़ रुपए के आसपास खर्च किया. जबकि इजरायल को खुद को बचाने में 1.10 बिलियन डॉलर्स लगे यानी 92 हजार करोड़ रुपए.