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Haifa Under Attack: हिज्बुल्लाह ने की रॉकेट की बौछार, जानिए क्यों इजरायल की कमजोर नस साबित हो रहा है हाइफा?

ऐसा लगता है कि इजरायल की सबसे कमजोर नस साबित हो रहा है हाइफा का इलाका. शहर भी. खाड़ी भी. क्योंकि हिज्बुल्लाह, हूती, ईरान सबके निशाने पर आसानी से आ जा रहा है. हाइफा की खाड़ी और शहर के पठारी इलाकों में हिज्बुल्लाह के रॉकेटों से लगातार हमले हो रहे हैं. जिसे इजरायल रोक नहीं पा रहा. आइए जानते हैं इस इलाके के बारे में...

इस फोटो कॉम्बो में आपको खुले इलाके और पानी के अंदर गिरे रॉकेट दिखाई पड़ेंगे. इस फोटो कॉम्बो में आपको खुले इलाके और पानी के अंदर गिरे रॉकेट दिखाई पड़ेंगे.
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 11 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 2:30 PM IST

हिज्बुल्लाह ने हाइफा की खाड़ी में ताबड़तोड़ करीब 100 रॉकेट दागे. कुछ को इजरायल के एयर डिफेंस सिस्टम ने रोक लिया. लेकिन कुछ गिरे. जिससे दो लोगों की मौत हो गई. 8 जख्मी हो गए. किरयत श्मोना में 20 रॉकेट गिरे. मौत भी यहीं हुई है. ये एक कपल था, जो अपने कुत्ते के साथ घूम रहा था. इन्हें प्रोटेक्टिव बंकर में घुसने का मौका नहीं मिला. इसलिए रॉकेट से निकले शार्पेनल की वजह से मारे गए. 

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हाइफा की खाड़ी के पास वाले इलाके में तीन लोग बुरी तरह से जख्मी हुए हैं. इजरायली फोर्स ने कहा कि हिज्बुल्लाह के रॉकेट खुले इलाके में गिरे हैं. कुछ को हमने रोक दिया. इजरायली पुलिस और बम स्क्वाड किरयत श्मोना में कई घरों की जांच की है. पुलिस ने लोगों को ऐसी जगहों पर जाने को मना किया है, जहां पर रॉकेट गिरे हों. क्योंकि उनमें जिंदा विस्फोटक होने की आशंका है. अगर वो फटे तो नुकसान हो सकता है. 

आइए जानते हैं हाइफा के बारे में... 

येरूसल और तेल-अवीव के बाद इजरायल का तीसरा सबसे बड़ा शहर हाइफा है. 2022 के मुताबिक यहां करीब तीन लाख लोग रहते हैं. यहां पर सबसे ज्यादा बहाई समुदाय के लोग रहते हैं. माउंट कारमेल के पठारी ढलानों पर बसे इस शहर का इतिहास 3000 साल पुराना है. 

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कांस्य युग में स्थापित हुए इस शहर सबसे पहले डाई (Dye) बनाने का काम होता था. पूरी दुनिया में यह इसी काम के लिए प्रसिद्ध था. यहां कई साम्राज्य आए और गए. बेबिलोनियन, पर्सियन, इजरायलाइट्स आदि. 

1948 की फिलिस्तीन जंग में जब हाइफा में युद्ध हुआ तो यहां की अरब आबादी शहर छोड़कर भाग गई थी. इसके बाद यह शहर इजरायल का हिस्सा बन गया. हाइफा एक बंदरगाह शहर है. खाड़ी का इलाका करीब 63.7 वर्ग किलोमीटर का है. 

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इजरायली रक्षामंत्री ने दी ईरान को चेतावनी

इजरायल के रक्षामंत्री योआव गैलेंट ने कहा है कि ईरान ने 1 अक्तूबर को बड़ा हमला किया था. लेकिन उसे जबाव में तगड़ा हमला मिलेगा. उसका हमला आक्रामक था लेकिन सटीक नहीं. हमारा हमला घातक और पिनप्वाइंट एक्यूरेट होगा. सबसे जरूरी बात कि ये हैरान कर देगा. उन्हें पता भी नहीं कि उनके साथ क्या होने वाला है. 

इस बीच द जेरुसलम पोस्ट ने रिपोर्ट किया है कि इजरायल ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम पर हमला नहीं करेगी. उसका फोकस मिलिट्री बेस और इंटेलिजेंस साइट्स होंगे. 

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