
एलसीए मार्क 1ए के पहले पिछले फ्यूजलेज को निजी कंपनी अल्फा टोकोल इंजीनियरिंग सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड द्वारा एचएएल को सौंपे जाने के बाद, एचएएल को जल्द ही ऐसे और फ्यूजलेज सौंपे जाएंगे. एलसीए तेजस कार्यक्रम में निजी क्षेत्र की भूमिका बढ़ रही है, जिसमें फ्यूजलेज को आउटसोर्स किया जा रहा है.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की उपस्थिति में पहला रियर फ्यूजलेज HAL को सौंपा गया. इस अवसर पर रक्षा मंत्री ने कहा कि यह हम सभी के लिए गर्व और खुशी का पल है कि हम पहले एलसीए मार्क 1ए रियर फ्यूजलेज के हैंडओवर कार्यक्रम में इकट्ठे हुए हैं.
यह भी पढ़ें: ICBM Sentinel: अमेरिका ने बनाई नई परमाणु मिसाइल, चीन-रूस के लिए खड़ी की मुसीबत
एक विशेष समिति ने पिछले सप्ताह एलसीए कार्यक्रम में निजी क्षेत्र के अतिरिक्त योगदान की सिफारिश की है. HAL ने कई निजी कंपनियों के साथ ऑर्डर दिए हैं, जिनमें लार्सन एंड टूब्रो (L&T), टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (TASL), VEM टेक्नोलॉजीज, लक्ष्मी मशीन वर्क्स (LMW) और अल्फा टोकोल इंजीनियरिंग सर्विसेज शामिल हैं.
अमेरिका कर रहा देरी
इस कदम से तेजस की डिलीवरी की समयसीमा में काफी तेजी आएगी. फ्यूजलेज की समय पर उपलब्धता के साथ तेजस कार्यक्रम तेजी से आगे बढ़ेगा. HAL की तीन उत्पादन लाइनों से LCA Mk1 A की डिलीवरी योजनाबद्ध तरीके से शुरू होगी. अमेरिका से इंजनों की कमी के कारण तेजस MK-1A की आपूर्ति में देरी हुई है. इंजन की डिलीवरी को तेज करने के लिए भारत और अमेरिका के बीच बातचीत अभी भी जारी है.
25-26 स्थिर होगी डिलिवरी
रक्षा मंत्रालय को विश्वास है कि 2025-26 से तेजस की आपूर्ति मूल योजना के अनुसार होगी. उत्पादन लाइनें स्थिर होने के साथ, 2025-26 से हर साल 16-24 तेजस का उत्पादन किया जाएगा. अमेरिकी सहयोगी जीई इंजन की आपूर्ति लाइन भी स्थिर हो जाएगी.
यह भी पढ़ें: Aero India 2025 में रूसी Su-57 और अमेरिकी F-35... कौन सा स्टेल्थ फाइटर जेट भारत के लिए बेहतर?
तेजस एमके1ए का उत्पादन बढ़ाने के लिए, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने नासिक में एक नई उत्पादन लाइन स्थापित की है, जो हर साल 8 विमानों का उत्पादन करने में सक्षम होगी. इसके अलावा एचएएल ने कई निजी कंपनियों के साथ साझेदारी की है ताकि तेजस के उत्पादन में तेजी लाई जा सके.
फ्यूजलेज क्या है?
यह विमान का मुख्य ढांचा होता है, जिसमें पायलट, यात्री और माल सामान रखा जाता है. यह विमान के इंजन और पूंछ से जुड़ा होता है. कई निजी कंपनियों ने फ्यूजलेज की डिलीवरी के लिए ऑर्डर दिए हैं.
अपाचे का फ्रेम
अमेरिका ने भारत से अपाचे का फ्रेम प्राप्त किया है, जो भारतीय प्रौद्योगिकी और क्षमताओं को मान्यता देने का प्रमाण है. दुनिया के सबसे घातक हमला हेलीकॉप्टर अपाचे के लिए फ्यूजलेज भी भारत में तैयार किया जा रहा है. जनवरी 2023 में, टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड और बोइंग के संयुक्त उद्यम टाटा बोइंग एयरोस्पेस लिमिटेड ने सेना को पहला अपाचे फ्यूजलेज सौंपा.
यह सुविधा हैदराबाद में है. भारत में बने फ्यूजलेज को अमेरिका के एरिजोना में बोइंग सुविधा में भेजा गया, जहां दुनिया भर की आधुनिक प्रौद्योगिकी और हथियार प्रणालियों को सुसज्जित करने और सेना को सौंपने का काम किया जाता है. इस सुविधा ने अब तक 300 से अधिक फ्यूजलेज डिलीवर किए हैं.