Advertisement

पहली बार गणतंत्र दिवस पर दिखा LCA Tejas, जानिए क्यों जरूरी है ये भारतीय सेनाओं के लिए?

गणतंत्र दिवस परेड में पहली बार चार तेजस विमानों के साथ डायमंड फॉर्मेशन बनाया गया. ये दुनिया का इकलौता ऐसा फाइटर जेट है, जिसे दुनिया भर के राडार आसानी से नहीं पकड़ पाते. इसकी कॉम्बैट रेंज 500 km है. यानी हथियारों से लैस होकर दुश्मन के इलाके में जाकर हमला करके वापस आना.

पहली बार गणतंत्र दिवस पर LCA Tejas फाइटर जेट ने डायमंड फॉर्मेशन बनाया.  पहली बार गणतंत्र दिवस पर LCA Tejas फाइटर जेट ने डायमंड फॉर्मेशन बनाया.
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 26 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 8:01 PM IST

गणतंत्र दिवस 2024 की परेड के दौरान कर्तव्य पथ के ऊपर पहली बार चार LCA Tejas फाइटर जेट ने उड़ान भरी. इन छोटे लेकिन खतरनाक लड़ाकू विमानों ने डायमंड फॉर्मेशन बनाया. फिलहाल तेजस फाइटर जेट के दो स्क्वॉड्रन हैं. एक का नाम फ्लाइंग डैगर्स और दूसरे का फ्लाइंग बुलेट्स. 

तेजस फाइटर जेट का आकार छोटा है इसलिए इस समय दुनिया का कोई भी रडार सिस्टम इसे फाइटर जेट की श्रेणी में रखता ही नहीं. इसलिए यह दुश्मन की रडार में पकड़ नहीं आएगा. यानी हमला करना आसान है. इसकी लंबाई 43.4 फीट, ऊंचाई 14.5 फीट और विंगस्पैन 26.11 फीट है.  

Advertisement

इस फाइटर जेट क्लोज-एयर-टू-ग्राउंड ऑपरेशन में मददगार है. इसकी अधिकतम गति 1980 km/hr है. यानी साउंड की स्पीड से डेढ़ गुना ज्यादा. इसमें 2458 KG फ्यूल आता है. इसकी कुल रेंज 1850 KM है. अधिकतम 53 हजार km की ऊंचाई तक जा सकता है. 

कांच का कॉकपिट ताकि चारों तरफ सही से दिखे

LCA Tejas का कॉकपिट कांच का है. तेजस का ग्लास कॉकपिट जिससे पायलट को चारों तरफ देखने में आसानी होती है. छोटा और मल्टी-रोल सुपरसोनिक फाइटर एयरक्राफ्ट है. दुनियाभर के अन्य विमानों से सस्ता है. इसमें क्वाडरूप्लेक्स फ्लाइ बाय वायर फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम हैं. यानी पायलटों को उड़ाने में ज्यादा सहूलियत मिलती है.  

8 हार्डप्वाइंट्स यानी कई हथियारों का सही मिश्रण

इसमें आठ हार्डप्वाइंट्स हैं. यानी आठ अलग तरह के हथियार लगा सकते हैं. इसमें S-8 रॉकेट्स के पॉड्स लगा सकते हैं. हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें R-73, I-Derby, Python-5 लगे हैं. भविष्य में ASRAAM,  Astra Mark 1 और  R-77 की प्लानिंग भी है. 

Advertisement

हवा से सतह पर मार करने वाली मिसाइलें Kh-59ME, Kh-59L, Kh-59T, AASM-Hammer लगी हैं. BrahMos-NG ALCM को लगाने की योजना है. इसमें ऐसे-ऐसे हथियार हैं कि तेजस हमला करे तो दुश्मन की हालत पस्त होनी तय है.

रुद्रम-ब्रह्मोस जैसी खतरनाक मिसाइलों से लैस

एंटी-रेडिएशन मिसाइल रुद्रम को लगाया जाएगा. फिलहाल इसमें एंटी-शिप मिसाइल Kh-35 और Kh-59MK लगे हैं. अगर बम की बात करें तो इसमें चार तरह के बम लगाए जा सकते हैं. प्रेसिशन गाइडेड म्यूनिशन जैसे- स्पाइस, JDAM, HSLD, DRDO Glide Bombs और DRDO SAAW. 

लेजर गाइडेड बम जैसे KAB-1500L, GBU-16 Paveway II, सुदर्शन और Griffin LGB. क्लस्टर म्यूनिशन जैसे RBK-500. अनगाइडेड बम जैसे  ODAB-500PM, ZAB-250/350, BetAB-500Shp, FAB-500T, FAB-250, OFAB-250-270, OFAB-100-120 लगा सकते हैं. 

भारतीय सेनाओं को कितने तेजस फाइटर चाहिए

भारतीय वायुसेना को 180 तेजस फाइटर जेट्स की जरूरत है. 83 LCA Mark1A के लिए कॉन्ट्रैक्ट हो चुका है. 97 और फाइटर जेट्स वायुसेना और लेगी. इंडियन एयरफोर्स मार्क 1ए से पहले 123 तेजस फाइटर जेट मांगे थे. जिसमें से करीब 30 जेट्स की डिलिवरी हो चुकी है. इसके बाद बाकी 83 फाइटर जेट्स तेजस मार्क-1ए होंगे, जो 2024 से 2028 के बीच मिलेंगे. अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, इंग्लैंड, चेक गणराज्य, ब्राजील, दक्षिण कोरिया, रूस, चीन, इटली और रोमानिया के पास भी हल्के फाइटर जेट्स की फ्लीट है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement