
लेबनान और सीमावर्ती सीरिया के कुछ इलाकों में धड़ाधड़ हुए पेजर ब्लास्ट से पूरी दुनिया हैरान है. कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि जिन पेजर में ब्लास्ट हुए हैं, उनसे छेड़छाड़ कर उनमें विस्फोटक रखे गए थे. इसके लिए इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद को जिम्मेदार ठहराया गया है. ऐसे में जानना जरूरी है कि यह विस्फोटक आखिर है क्या?
यह विस्फोटक PETN यानी pentaerythritol tetranitrate एक रासायनिक सब्सटेंस है. यह प्लास्टिसाइजर के साथ मिलकर प्लास्टिक विस्फोटक बनाता है. इसे प्लास्टिक बमों में सबसे अधिक शक्तिशाली और खतरनाक माना जाता है. इसे डिटेक्ट करना बहुत मुश्किल है. इसके अणु बेहद संगठित होते हैं. इस वजह से सेंसर तक इसकी पहचान नहीं कर पाते. इसका इस्तेमाल अमोनियम नाइट्रेट और पोटेशियम नाइट्रेट के साथ किया जाता है, जिससे विस्फोट का असर व्यापक होता है. इस रासायनिक सब्सटेंस की खोज जर्मनी की सेना ने प्रथम विश्वयुद्ध के समय की थी.
आतंकी संगठनों में पॉपुलर है PETN
स्काई न्यूज अरबिया की रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने हिजबुल्लाह के पेजर के भीतर PETN फिट किया था. इसे पेजर की बैटरीज पर लगाया गया था. इन पेजर्स में बैटरी के तापमान को बढ़ाकर विस्फोट किया गया. इस विस्फोटक का वजन 20 ग्राम से भी कम था.
अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक, ये पेजर ताइवान की कंपनी के AP924 मॉडल के थे. पेजर की जो खेप ताइवान से लेबनान भेजी गई थी, उनमें हर पेजर पर एक से दो औंस का विस्फोटक लगा हुआ था. इस विस्फोटक को पेजर में लगी बैटरी के बगल में लगाया गया था.
रिपोर्ट के मुताबिक, लेबनान में दोपहर 3.30 बजे इन पेजर्स पर एक मैसेज आया. इस मैसेज ने पेजर में लगे विस्फोटक को एक्टिवेट कर दिया.
दावा किया जा रहा है कि पेजर डिवाइसों में विस्फोट से पहले कई सेकेंड तक बीप की आवाज सुनाई दी. सूत्रों के मुताबिक, मोसाद ने दरअसल पेजर के अंदर बैटरी पर यह विस्फोटक लगाया था. इस विस्फोटक को किसी डिवाइस या स्कैनर से डिकेक्ट करना बहुत मुश्किल है.
मोसाद जैसी खतरनाक खुफिया एजेंसी ही नहीं बल्कि लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिदीन और अलकायदा जैसे आतंकी संगठन इस रसायन का इस्तेमाल करते रहे हैं.
कब और कहां हुए थे ब्लास्ट?
लेबनान की राजधानी बेरूत और दक्षिणी लेबनान के कई इलाकों विशेष रूप से पूर्वी बेका वैली में स्थानीय समयानुसार दोपहर 3.30 बजे पेजर में सीरियल ब्लास्ट होने शुरू हुए. इन इलाकों को हिजबुल्लाह का गढ़ माना जाता है.
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, ये ब्लास्ट लगभग एक घंटे तक होते रहे. दानियाह इलाके के स्थानीय इलाके के लोगों का कहना है कि उन्हें लगभग एक घंटे तक ब्लास्ट की आवाजें सुनाई देती रही.
हिजबुल्लाह के लड़ाके क्यों करते हैं पेजर का इस्तेमाल
पिछले साल सात अक्तूबर को इजरायल पर हमले के बाद से ही हिजबुल्लाह के शीर्ष नेतृत्व ने अपने लड़ाकों को कम्युनिकेशन के लिए मोबाइल या इंटरनेट के बजाए पेजर के इस्तेमाल करने का आदेश दिया था. इसके पीछे वजह है कि इजरायली सेना और मोसाद लगातार हिजबुल्लाह के लड़ाकों की लोकेशन ट्रैक करती है. पेजर की खासियत यही है कि इसके इस्तेमाल से लोकेशन ट्रैक नहीं की जा सकती.