
भारत के रक्षा मंत्रालय ने 26,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से Su-30MKI फाइटर जेट के लिए 240 AL-31AFP Aero Engine बनाने की डील की है. डील के तहत हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) इन्हें बनाएगा. 9 सितंबर, 2024 को नई दिल्ली में रक्षा सचिव गिरिधर अरामने और वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी की मौजूदगी में रक्षा मंत्रालय और HAL के वरिष्ठ अधिकारियों ने अनुबंध पर हस्ताक्षर किए.
इन हवाई इंजनों का निर्माण HAL के कोरापुट डिवीजन में होगा. उम्मीद है कि ये देश की रक्षा तैयारियों के लिए सुखोई-30 बेड़े की परिचालन क्षमता को बनाए रखेगा. HAL अनुबंधित डिलीवरी शेड्यूल के अनुसार प्रति वर्ष 30 हवाई इंजन की आपूर्ति करेगा. सभी 240 इंजनों की आपूर्ति अगले आठ वर्षों में पूरी होगी.
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इन हवाई इंजनों के विनिर्माण के दौरान, HAL देश के रक्षा विनिर्माण परितंत्र से सहायता लेने की योजना बना रहा है, जिसमें MSME और सार्वजनिक एवं निजी उद्योग शामिल हैं. डिलीवरी कार्यक्रम के अंत तक HAL स्वदेशी सामग्री को 63 प्रतिशत तक बढ़ा देगा, जिससे इसका औसत 54 प्रतिशत से अधिक हो जाएगा.
आइए जानते हैं वायुसेना के इस फाइटर जेट की खासियत...
यह तेज और धीमी गति में हवा में कलाबाजियां खाते हुए दुश्मन को धोखा देते हुए उनपर हमला कर सकता है. Su-30MKI रूस के Su-27 का एडवांस्ड वर्जन है. वायुसेना के पास 272 Su-30MKI हैं. इस जेट में ग्रिजेव-शिपुनोव ऑटोकैनन लगी है. जो एक मिनट में 150 राउंड फायर करती है.
इसमें 12 हार्ड प्वाइंट्स लगे हैं. इसमें 4 तरह के रॉकेट्स लगा सकते हैं. चार तरह की मिसाइल और 10 तरह के बम लग सकते हैं. या फिर इनका मिश्रण लगा सकते हैं. इस फाइटर जेट में हार्डप्वाइंट्स में हथियारों को दागने की सुविधा ज्यादा है. अगर मल्टीपल रैक्स लगाए जाएं तो इसमें 14 हथियार लगा सकते हैं.
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8130 kg के हथियार... ब्रह्मोस मिसाइलों से लैस
यह कुल 8130 KG वजन का हथियार उठा सकता है. इसमें ब्रह्मोस मिसाइलें भी तैनात हो सकती हैं. चीन और पाकिस्तान जानते हैं कि ब्रह्मोस मिसाइल कितनी घातक और तेज है. सुखोई में लगने वाली ब्रह्मोस मिसाइल की रेंज 500 km है.
यह इकलौता ऐसा फाइटर जेट है, जिसे अलग-अलग देश अपने हिसाब से ढाल लेते हैं. या बदलाव करवाते हैं. ताकि अपने देश की भौगोलिक स्थिति के हिसाब से उसकी तैनाती कर सकें. भारत में Su-30MKI को HAL बनाती है. 1997 में HAL ने इसका लाइसेंस रूस से लिया था. फिर फाइटर जेट को अपने हिसाब से बदलना शुरू कर दिया. एमकेआई का मतलब होता है- Modernised Commercial Indian.
रेंज और ताकत इतनी कि दुश्मन घबरा जाए
सुखोई की लंबाई 72 फीट है. विंगस्पैन 48.3 फीट है. ऊंचाई 20.10 फीट है. इसका वजन 18,400 KG है. इसमें लीयुल्का L-31FP आफ्टरबर्निंग टर्बोफैन इंजन लगे हैं, जो उसे 123 किलोन्यूटन की ताकत देता है. यह फाइटर जेट अधिकतम 2120 किमी प्रतिघंटा की गति से उड़ता है. रेंज भी 3000 km है. बीच रास्ते में ईंधन मिले तो यह 8000 km तक जा सकता है. यह 57 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है.