
इजरायल के अंग्रेजी अखबार The Jerusalem Post ने लिखा है कि हिजबुल्ला लड़ाकों के पेजर में एक से दो आउंस विस्फोटक लगाए गए थे. यानी 28 से 56 ग्राम. इस बात की पुष्टि अखबार ने अपने सोर्सेस और रॉयटर्स, न्यूयॉर्क टाइम्स, सीएनएन, अल-मॉनिटर, एक्सियोस और अन्य विदेशी मीडिया की खबरों के आधार पर की है.
रिपोर्ट में लिखा है कि इजरायल ने लेबनान में पहुंची विदेशी कंपनियों के पेजर में एक्सप्लोसिव छिपाए. इन पेजर्स को ताइवानी कंपनी गोल्ड अपोलो से लाइसेंस लेकर हंगरी की कंपनी BAC बना रही है. विदेशी मीडिया का कहना है कि Gold Apollo's AP924 मॉडल के पेजर्स को हिजबुल्लाह लड़ाकों तक पहुंचने से पहले ही टैंपर किया गया.
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इसके अलावा तीन और मॉडल्स में भी टैंपरिंग की गई. यानी विस्फोटक लगाए गए. ये विस्फोटक बैटरी के पास लगाए गए. साथ में एक स्विच भी लगाया गया ताकि जरूरत पड़ने पर इन विस्फोटकों से लैस पेजर्स को उड़ाया जा सके.
विस्फोट से पहले बीप-बीप, फिर दिखे जख्मी लोग
विस्फोट से पहले पेजर्स बजने लगे थे. जिस किसी ने पेजर्स को की काल या मैसेज को रिसीव किया, वो विस्फोट में जख्मी हुआ या मारा गया. अभी तक यह नहीं पता चल पाया है कि हिजबुल्लाह को इन पेजर्स के अंदर विस्फोटक होने की जानकारी थी या नहीं. लेकिन यह बात सामने आई है कि हिजबुल्लाह इजरायल के किसी सीनियर डिफेंस चीफ को मारना चाहते थे.
इजरायल को बड़े हमले की आशंका थी
इजरायल के रक्षामंत्री योआव गैलेंट ने अमेरिकी प्रतिनिधि अमोस होचस्टीन को ये बात बताई थी. साथ ही ये भी बताया था कि कैसे हिजबुल्लाह ने अक्टूबर 2023 के हमले में हमास की मदद की थी. जिसमें 60 हजार से ज्यादा इजरायली लोग प्रभावित हुए थे.