
उत्तर कोरिया 27 मई 2024 की रात एक मिलिट्री जासूसी सैटेलाइट लॉन्च कर रहा था. जापान को लगा कि मिसाइल लॉन्च है. तुरंत निगरानी बढ़ा दी गई. लेकिन ये उत्तर कोरिया की मिलिट्री का सैटेलाइट था. जिसे उसका रॉकेट लेकर धरती की कक्षा में जा रहा था. लेकिन लॉन्च के कुछ ही सेकेंड्स के बाद यह हवा में फट गया.
अगर उत्तर कोरिया इस लॉन्च में सफल हो जाता तो अंतरिक्ष में वह अपना दूसरा जासूसी उपग्रह तैनात कर देता. परमाणु हथियारों से संपन्न उत्तर कोरिया के लिए ये बड़े नुकसान की बात है. क्योंकि पिछले साल भी इसके दो लॉन्च फेल हो गए थे. वो भी क्रैश कर गए थे. इस बार वाला रॉकेट तो लॉन्च के 30 सेकेंड के अंदर ही फट गया.
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यहां देखिए लॉन्च के बाद विस्फोट का Video
हालांकि, उत्तर कोरिया ने पिछले साल नवंबर में अपना पहला जासूसी सैटेलाइट अंतरिक्ष में तैनात किया था. उत्तर कोरिया के नेशनल एयरोस्पेस टेक्नोलॉजी ने कहा कि नई सैटेलाइट को ले जा रहे रॉकेट में विस्फोट हो गया. यह हवा में था लेकिन इसका पहला स्टेज ही पूरी तरह से काम नहीं कर पाया. वह हवा में भी फट गया.
लिक्विड फ्यूल रॉकेट में मिली गड़बड़ी
शुरुआती जांच रिपोर्ट में यह पता चला है कि उत्तर कोरिया का रॉकेट हवा में इसलिए फटा क्योंकि उनके नए और स्वदेशी लिक्विड फ्यूल रॉकेट मोटर में गड़बड़ी थी. अन्य वजहों की तलाश भी की जा रही है. लॉन्चिंग के बाद रॉकेट के हवा में फटने की बात को सबसे पहले दक्षिण कोरिया और जापान के लोगों ने दुनिया को बताया.
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दक्षिण कोरिया के ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ ने कहा था कि उत्तर कोरिया ने कल रात करीब पौने ग्यारह बजे (कोरियाई समयानुसार) किसी चीज को लॉन्च किया ता. लेकिन वह कुछ ही मिनट में आसमान में ब्लास्ट कर गया. उनके रॉकेट का बहुत सारा मलबा समंदर में गिरा है.
आसपास के देशों ने लॉन्च को कहा गलत
जापान के चीफ कैबिनेट सेक्रेटरी योशीमासा हयाशी ने कहा कि उत्तर कोरिया ने क्या लॉन्च किया वो पता नहीं चल पाया. लेकिन जो भी मलबा था वो यलो सी (Yellow Sea) में लापता हो गया. यह आसपास के देशों के लिए खतरा है. उत्तर कोरिया ने आसपास के देशों के सिक्योरिटी काउंसिल रेजोल्यूशन को तोड़ा है.
उधर, अमेरिका ने भी उत्तर कोरिया के इस लॉन्च को गलत करार दिया है. इसकी वजह से डीपीआरके बैलिस्टिक मिसाइल प्रोग्राम के तहत हुई संधि और संयुक्त राष्ट्र के नियमों का उल्लंघन किया गया है. यह लॉन्च सियोल में चीन, दक्षिण कोरिया और जापान के बीच हुई समिट के कुछ घंटों बाद ही किया गया था.