
ईरान के हमलों से नाराज पाकिस्तान ने भी बदले में एयरस्ट्राइक किया. इस काम के लिए उसने चीन में बने फाइटर जेट्स का इस्तेमाल किया. इसके अलावा इन फाइटर जेट्स से प्रेसिशन गाइडेड म्यूनिशन (PGM) बमों का इस्तेमाल किया है. ये हथियार अमेरिका के JDAM-ER की तरह है. ये सभी हथियार हवा से सतह पर मार करने वाले हैं.
जानिए ईरान पर पाकिस्तान के हमले की पूरी कहानी...
ईरान के हमले के बाद पाकिस्तान ने चीन में बने मानवरहित ड्रोन लूंग-2 (Loong-II) से पहले ईरान के आतंकी अड्डों की रेकी की. इस ऑपरेशन का नाम रखा 'मर्ग बार सरमाचर' यानी गुरिल्ला फाइटर्स की मौत. कई जगहों से रिपोर्ट ये भी है कि पाकिस्तान की इस हरकत से तेहरान बुरी तरह से नाराज है.
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उधर, पाकिस्तान ने सिस्तान और बलूचिस्तान में फाइटर जेट्स के जरिए हमला किया. बम गिराए. पाकिस्तान ने कराची के मसरूर एयरबेस से गुरुवार की सुबर करीब छह बजे से पहले JF-17 Thunder फाइटर जेट्स और J-10C Vigorous Dragon फाइटर जेट्स की उड़ान कराई. ये दोनों फाइटर जेट्स खतरनाक बमों से लैस थे.
JF-17 Thunder फाइटर जेट्स हैं पाकिस्तानी वायुसेना की असली ताकत
चीन और पाकिस्तान द्वारा मिलकर बनाया गया JF-17 एक मल्टीरोल कॉम्बैट एयरक्राफ्ट है. पाकिस्तान में यह जनवरी 2008 से सर्विस में है. इसे एक पायलट उड़ाता है. 47 फीट लंबे जेट का विंगस्पैन 31 फीट है. 15 ऊंचे फाइटर जेट का अधिकतम टेकऑफ वजन 13,500 kg है. यह एक सिंगल इंजन वाला फाइटर जेट है.
इसकी अधिकतम गति 1910 km/hr है. आमतौर पर 1359 km/hr की स्पीड से उड़ान भरता है. इसकी कॉम्बैट रेंज 900 किलोमीटर और फेरी रेंज 1800 किलोमीटर है. अधिकतम 55,510 फीट की ऊंचाई तक जा सकता है. इसमें एक 23 mm की GSh-23-2 ट्विल बैरल कैनन लगी होती है.
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इसमें 8 हार्डप्वाइंट्स हैं. जिसमें छह तरह की हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें. या पांच तरह की हवा से सतह पर मार करने वाली मिसाइलें या चार एंटी-शिप मिसाइलें लगा सकते हैं. इसके अलावा छह तरह के अनगाइडेड बम या 10 तरह के गाइडेड बम लगा सकते हैं. या फिर इन सभी हथियारों का मिश्रण करके भी लगा सकते हैं.
J-10C Vigorous Dragon... चीन से मिला है ये ड्रैगन पाकिस्तान को
यह भी एक मल्टीरोल कॉम्बैट एयरक्राफ्ट है. इसे चीन ही बनाती है. इसे एक ही पायलट उड़ाता है. 55.5 फीट लंबे इस विमान का विंगस्पैन 32.2 फीट है. 18.8 फीट ऊंचे विमान का अधिकतम टेकऑफ वजन 9,750 किलोग्राम है. यह भी एक सिंगल इंजन फाइटर जेट है. इसकी स्पीड भी JF-17 थंडर के आसपास ही है.
अधिकतम रेंज 1850 किलोमीटर है. जबकि कॉम्बैट रेंज 1240 किलोमीटर है. यह अधिकतम 59 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकता है. इसमें एक GSg-23 कैनन लगी होती है. इसके अलावा इसमें 11 हार्ड प्वाइंट्स हैं. इसमें 90 mm के रॉकेट पॉड्स भी लगाए जा सकते हैं. इसके अलावा चार प्रकार के हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें.
दो तरह की हवा से सतह पर मार करने वाली मिसाइलें और दो तरह के लेजर गाइडेड बम, चार तरह के ग्लाइड बन, एक सैटेलाइट-गाइडेड बम और दो तरह के अनगाइडेड बम लेकर हमला कर सकता है. या फिर इन सभी हथियारों का मिश्रण करके भी दुश्मन के इलाके में हमला करने की ताकत रखता है.
Loong-II ड्रोन से की गई निगरानी, फिर किया पाकिस्तान ने हमला
इस ड्रोन को भी चीन ही बनाता है. यह मीडियम एल्टीट्यूड लॉन्ग एंड्योरेंस (MALE) ड्रोन है. 36.1 फीट लंबे ड्रोन का विंगस्पैन 67.3 फीट है. 13.5 फीट ऊंचे ड्रोन का अधिकतम टेकऑफ वजन 4200 किलोग्राम है. यह अधिकतम 370 km/hr की स्पीड से उड़ान भर सकता है.
आमतौर पर 200 km/hr की स्पीड से उड़ता है. यह ड्रोन एक बार में 32 घंटे तक काम कर सकता है. यानी आसमान में रह सकता है. अधिकतम 32500 फीट की ऊंचाई तक जा सकता है. इसमें पांच तरह के बम भी लगाए जा सकते हैं. या दो तरह की मिसाइलें. या दोनों का कॉम्बीनेशन.
हवा में तैरने वाले बमों से बनाया आतंकी ठिकानों को निशाना
पाकिस्तान ने अमेरिका JDAM-ER की तरह दिखने वाले रॉकेट बूस्टेड ग्लाइड बम प्रेसिशन गाइडेडं वेपन का इस्तेमाल किया है. इसके अलावा MK-80 सीरीज के जनरल परपज़ बमों का इस्तेमाल किया गया है. ये बम जहां भी गिरते हैं, वो काफी तबाही मचाते हैं.