
14 फरवरी 2024... पांच साल हो गए जब पाकिस्तानी आतंकियों ने पुलवामा जिले में CRPF के काफिले पर आत्मघाती हमला किया. 40 जवान शहीद हो गए. हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली. बस इतना काफी था... यह जानने के लिए कि इन कायर आतंकियों का ठिकाना कहां है?
सिर्फ 12 दिन बीते होंगे. 26 फरवरी 2019 की रात करीब तीन बजे भारतीय वायुसेना के 12 Mirage-2000 फाइटर जेट्स ने सीमा पार की. पाकिस्तान की सीमा में घुसे. बालाकोट में मौजूद जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों पर बम बरसाए. पूरी तरह से नष्ट कर दिया. इसके बाद यह कार्रवाई बालाकोट एयरस्ट्राइक (Balakot Airstrike) के नाम से प्रसिद्ध हो गई.
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हमले में 1000 किलोग्राम वजन के बम गिराए गए थे. यानी मकसद साफ था... आतंकियों और उनके ठिकानों को तत्काल राख में बदल दो. बालाकोट एयरस्ट्राइक में करीब 300 आतंकियों के मारे जाने की खबर आई थी. पाकिस्तान को हमेशा की तरह भारत के इस खतरनाक एक्शन की खबर ही नहीं लगी. शहीदों का बदला ले लिया गया था.
क्या थी पुलवामा हमले की असली कहानी...
14 फरवरी 2019 को आतंकियों ने देश के सुरक्षाकर्मियों पर कायराना हमला किया था. इस हमले में 40 सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए. कई अन्य गंभीर रूप से जख्मी थे. जैश-ए-मोहम्मद के एक आतंकी ने विस्फोटक से लदे वाहन को सीआरपीएफ जवानों की बस से टक्कर मार दी थी. इस टक्कर के बाद एक जोरदार धमाका हुआ. बस से जा रहे जवानों के शरीर क्षत-विक्षत होकर जमीन पर बिखर गए थे.
12 दिन में पाकिस्तान पर जवाबी कार्रवाई
भारत ने पुलवामा हमला का बदला लेने के लिए पाकिस्तान के बालाकोट स्ठित जैश के आतंकी कैंप पर सिर्फ 12 दिनों में हमला किया. 14 फरवरी को पुलवामा हमले के बाद एक दिन बाद सुरक्षा मामलों पर कैबिनेट कमेटी की बैठक हुई. इसमें पीएम नरेंद्र मोदी को पाकिस्तान से बदला लेने के विकल्प बताए गए. उरी हमले के बाद सर्जिकल स्ट्राइक की थी.
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इस बार जवाबी कार्रवाई का तरीका अलग सोचा गया था. सर्जिकल स्ट्राइक के समय पाकिस्तान ने सरफेस-टू-एयर मिसाइलें तैनात कर दी थीं. इस बार उन्हें अंदाजा ही नहीं था कि भारत हवाई हमला करेगा. पीएम मोदी ने एयरस्ट्राइक की जिम्मेदारी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल को जिम्मेदारी दी. डोभाल और उस समय के वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ ने हमले का प्लान तैयार किया. बालाकोट में जैश के आतंकियों को सबक सिखाना था.
हवाई हमला और आसमानी निगरानी एकसाथ
जब जगह तय हुई तब सभी गुप्तरचर एजेंसियों ने इनपुट निकालना शुरू किया. भले ही इस हमले में वायुसेना का अहम रोल था, लेकिन थल सेना को भी अलर्ट पर रखा गया. खासकर बॉर्डर पर. एयरस्ट्राइक से 2 दिन पहले तय हुआ कि Mirage- 2000 फाइटर जेट के साथ Netra AWACS भी तैनात रहेगा किया जाएगा.
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इन्हें ग्वालियर में तैनात किया गया, साथ ही आगरा बेस को अलर्ट पर रखा गया था. 25 फरवरी की शाम ऑपरेशन में हिस्सा ले रहे लोगों के फोन बंद कर दिए गए. पीएम मोदी, एनएसए अजित डोभाल और बीएस धनोआ लगातार मिशन से संबंधित हर जानकारी की अपडेट ले रहे थे.
26 फरवरी की रात मिराज ने बरसाई मौत
26 फरवरी 2019 की देर रात मिराज 2000 ने ग्वालियर से उड़ान भरी तो आगरा, बरेली के एयरबेस भी अलर्ट हो गए. इस दौरान पाकिस्तानी एयर डिफेंस सिस्टम पर निगाह रखने को कहा गया. 12 मिराज लड़ाकू विमान रात तीन बजे PAK सीमा में दाखिल होकर बालाकोट में बम बरसाने शुरू कर दिए.
इस दौरान पाकिस्तान के F-16 फाइटर जेट एक्टिव हुए. लेकिन देर हो चुकी थी. तबतक भारतीय वायुसेना अपना काम कर चुकी थी. बालाकोट में मौजूद जैश-ए-मोहम्मद के ठिकाने तबाह हो चुके थे. भारत सरकार ने कहा कि इस हमले में जैश के सैकड़ों आतंकियों मारे गए थे. पाकिस्तान ने घटना के बाद अपने पूरे एयर स्पेस को नो फ्लाई जोन घोषित कर दिया था. कई महीनों तक घटनास्थल पर किसी को नहीं जाने दिया.