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किसी भी मौसम में, किसी भी जगह दुश्मन को ढेर कर सकता है BMP-2/2K

गणतंत्र दिवस पर कर्तव्य पथ पर दिखाया गया BMP-2/2K बख्तरबंद लड़ाकू वाहन. यह किसी भी मौसम और किसी भी तरह की जगह पर दुश्मन को पराजित कर सकता है. आइए जानते हैं इस वाहन की ताकत...

Republic Day Parade में कर्तव्य पथ पर चलते बख्तरबंद लड़ाकू वाहन BMP-2/2K. Republic Day Parade में कर्तव्य पथ पर चलते बख्तरबंद लड़ाकू वाहन BMP-2/2K.
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 26 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 12:19 PM IST

BMP-2 / 2Ks के वर्तमान बेड़े को पहली बार 1985 में सेना में शामिल किया गया था और यह तब से पैदल सेना का मुख्य आधार रहा है. ये भी सोवियत काल की जमीन और पानी में चलने वाले बख्तरबंद वाहन हैं. इसका युद्धघोष गरुड़ का हूं बोल प्यारे. 

भारत के पास एक समय यह 800 की संख्या में थे. अभी की सही संख्या का अंदाजा नहीं है. ये आमतौर पर 13.3 टन के होते हैं. इसे तीन लोग मिलकर चलाते हैं. इसमें 73 मिलिमीटर की तोप होती है. यह 4 किलोमीटर दूर से किसी भी अज्ञात दुश्मन के लक्ष्य को नष्ट करने में सक्षम है. 

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इसके अलावा एटीजीएम और कुछ ऑटोमैटिक तोपें लगी होती हैं. साथ ही 7.62 मिमी के मशीनगन जिसकी क्षमता 2000 राउंड होती है. इनकी रेंज 500 से 600 km होती है. यह रेगिस्तान, पहाड़ी क्षेत्र या किसी भी तरह के युद्धक्षेत्रों में प्रभावी ढंक से काम करता है.  आदर्श वाक्य पहला हमेशा पहला है.

पानी 65 से 70 किलोमीटर प्रतिघंटा और पानी 7-8 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से चलते हैं. यह 7.62 मिमी पीकेटी और कोंकुर्स मिसाइलों से लैस है. थर्मल इमेजिंग नाइट साइट्स के साथ उन्नत किया गया है. हर मौसम में काम करने में सक्षम उभयचर लड़ाकू वाहन होने के नाते कई तरह के संघर्षों में शामिल हो सकता है.

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