
यूक्रेन के Dinpro में 21 नवंबर 2024 की सुबह 5 से 7 बजे के बीच रूस ने जो मिसाइल हमला किया, उसमें ICBM यानी इंटरकॉन्टीनेंटल बैलिस्टिक मिसाइलें शामिल नहीं थीं. इस बात का खुलासा रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने खुद अपनी स्पीच में किया. उन्होंने कहा कि हमने ICBM से नहीं बल्कि नई मिसाइल से हमला किया है. पेंटागन ने भी इस बात की पुष्टि की है कि ओरेश्निक मिसाइल का ज्यादा हिस्सा RS-26 मिसाइल से लिया हुआ है.
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ये नई मिसाइल एक हाइपरसोनिक इंटरमीडियट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल ओरेश्निक (9M729- Oreshnik Hypersonic IRBM) है. इसकी गति 12,300 किलोमीटर प्रतिघंटा है. इसमें पारंपरिक और न्यूक्लियर दोनों हथियार लगाए जा सकते हैं. इसकी गति इसे आसानी से इंटरसेप्ट करने नहीं देती.
इसी मिसाइल के जरिए रूस ने यूक्रेन ने द्निप्रो की पीए पिवदेनमाश फैसिलिटी पर हमला किया गया है. जो वीडियो आ रहे हैं, उसे देख कर लगता है कि मिसाइल में MIRV तकनीक है. यानी एक साथ कई टारगेट को हिट करने की क्षमता. मीडिया संस्थान स्पुतनिक के मुताबिक इसमें 150 किलोटन यील्ड वाले तीन से छह वॉरहेड लगाए जा सकेत हैं. रूस ने ये जवाबी हमला तब किया जब यूक्रेन लगातार अमेरिकी ATACMS और ब्रिटेन-फ्रांस से मिले स्टॉर्म शैडो मिसाइलों से हमला किया था.
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कितने समय में यूरोप के किस देश में पहुंच जाएगी ये मिसाइल
अगर यह मिसाइल रूस के अस्त्राखान से दागी जाती है तो इंग्लैंड पहुंचने में इसे 19 मिनट, बेल्जियम पहुंचने में 14 मिनट, जर्मनी पहुंचने में 11 मिनट और पोलैंड पहुंचने में मात्र 8 मिनट लगेंगे. एक बात और सामने आ रही है कि रूस ने इस मिसाइल की तकनीक को सोवियत समय के पायोनियर (RSD-10) मिसाइल सिस्टम जैसा रखा है. जिसे अमेरिका और सोवियत संघ में 1987 की INF ट्रीटी के बाद खत्म कर दिया गया था.
इस ट्रीटी के तहत ये समझौता हुआ था कि दोनों देश जमीन से लॉन्च होने वाली बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइलों को खत्म करेंगे. खासतौर से 500 से 5500 किलोमीटर रेंज वाली. 1991 तक रूस ने 2692 मिसाइलों को खत्म कर दिया था. जिसमें पायोनियर मिसाइल भी शामिल थी. लेकन उसकी तकनीक तो अब भी रूस के पास है.
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दो खतरनाक मिसाइलों का मिश्रण है ये नई रूसी मिसाइल
Oreshnik मिसाइल को बनाने के लिए दो खतरनाक रूसी मिसाइलों की तकनीक को मिलाया गया है. पहली है ICBM RS-26 Rubezh और दूसरी है सबमरीन से लॉन्च होने वाली S-30 Bulava मिसाइल. यूक्रेन की वायुसेना ने भी इस हमले की पुष्टि की थी. इस मिसाइल के अलावा किंझल हापरसोनिक और केएच-101 क्रूज मिसाइलों से भी हमला किया गया है. यूक्रेनी वायुसेना ने इस बात की पुष्टि की है कि उनके महत्वपूर्ण संस्थानों, इमारतों और ढांचों को नुकसान पहुंचा है. इस हमले में गैर-परमाणु हथियारों का इस्तेमाल किया गया है.
जानिए RS-26 Rubezh ICBM की ताकत...
इस मिसाइल का वजन 36 हजार kg है. इसमें एक साथ 150/300 किलोटन के 4 हथियार लगा सकते हैं. यानी मिसाइल MIRV तकनीक से लैस है. यानी एक साथ चार टारगेट्स पर हमला कर सकती है. यह मिसाइल Avangard हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल को ले जाने में भी सक्षम है. इसकी रेंज 6000 km है. यह मिसाइल 24,500 km/hr की गति से टारगेट की तरफ बढ़ती है.
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S-30 Bulava मिसाइल कितनी ताकतवर
Bulava सबमरीन लॉन्च्ड न्यूक्लियर बैलिस्टिक मिसाइल है. करीब 38 फीट लंबी है. वॉरहेड लगाने के बाद इसकी लंबाई बढ़कर 40 फीट हो जाती है. इसमें 6 से 10 MIRV हथियार लगा सकते हैं. सभी 100 से 150 किलोटन के एटम बम. इस मिसाइल की रेंज 8300 से 15 हजार km है. लेकिन इसकी गति का खुलासा कहीं नहीं किया गया है. अगर यह मिसाइल रूस अपनी सीमाओं से दागे तो दुनिया के किसी भी कोने में पहुंच सकती हैं. चाहे वह अमेरिका हो या फिर ऑस्ट्रेलिया.