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क्या भारत में बनेगा रूस का 'महाहथियार', PM Modi की मॉस्को यात्रा के दौरान मिला था प्रस्ताव

PM Modi की रूस यात्रा के दौरान मॉस्को ने भारत के साथ मिलकर अपने अत्याधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम S-500 को बनाने का प्रस्ताव दिया था. भारत ने रूस से S-400 सिस्टम खरीदा है. साथ ही अपने रक्षा क्षेत्र को लगातार आगे बढ़ा रहा है. भारत यह प्रस्ताव स्वीकार करेगा या नहीं, फिलहाल इसमें अभी समय है. लेकिन इस सिस्टम की ताकत को जानना जरूरी है.

ये है रूस का अत्याधुनिक S-500 एयर डिफेंस सिस्टम, जिसे भारत में बनाने का प्रस्ताव पीएम मोदी की यात्रा के दौरान मॉस्को में मिला था. (फोटोः विकिपीडिया) ये है रूस का अत्याधुनिक S-500 एयर डिफेंस सिस्टम, जिसे भारत में बनाने का प्रस्ताव पीएम मोदी की यात्रा के दौरान मॉस्को में मिला था. (फोटोः विकिपीडिया)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 19 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 11:31 AM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रूस यात्रा के दौरान वहां की सरकार ने एक शानदार ऑफर दिया था. प्रस्ताव था कि रूस और भारत मिलकर S-500 एयर डिफेंस सिस्टम का संयुक्त उत्पादन करें. इससे पहले भी रूस और भारत ब्रह्मोस, मिग जैसे कई हथियारों का संयुक्त उत्पादन कर चुके हैं. या भारत लाइसेंस लेकर ऐसा कर चुका है. 

S-500 रूस का सबसे आधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम है. अगर इसका उत्पादन भारत में शुरू होता है तो इससे देश का रक्षा उद्योग बढ़ेगा. साथ ही सुरक्षा का स्तर भी बढ़ेगा. भारत के पास रूस से खरीदे हुए S-400 एयर डिफेंस सिस्टम की तीन बैटरियां हैं. दो और बैटरियां आने वाली हैं. ऐसे में अगर S-500 एयर डिफेंस सिस्टम का उत्पादन भारत में होता है, तो काफी ज्यादा रणनीतिक और आर्थिक फायदा होगा. 

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आइए जानते हैं रूस के इस नए ब्रह्मास्त्र के बारे में... 

S-500 Missile System किसी भी स्टेल्थ फाइटर जेट, हाइपरसोनिक मिसाइल और अंतरिक्ष में मौजूद सैटेलाइट को खत्म कर सकता है. ये रक्षा कवच के साथ घातक हमला करने वाला हथियार है. इसका पूरा नाम है... S-500 Prometey. प्रोमेटे का मतलब है प्रोमेथियस. प्रोमेथियस ग्रीस का प्राचीन अग्नि देव था. 

एस-500 लंबी दूरी की एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइलों और मिसाइल डिफेंस सिस्टम से लैस है. इसे आसानी से कहीं भी तैनात कर सकते हैं. सिस्टम की टारगेट रेंज 600 km है. यह 800 km दूर से अपने टारगेट को पहचान सकता है. यह सिस्टम एक बार में 10 टारगेट हिट कर सकता है. वह भी अलग-अलग प्रकार के टारगेट. 

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25 हजार km/hr से ज्यादा गति से करता है हमला

इसमें लगी मिसाइलें टारगेट की तरफ 25,200 km/hr की स्पीड से हमला करती है. यानी ये सिस्टम 12 हजार km/hr या उससे ज्यादा की रफ्तार से आते हुए हाइपरसोनिक हथियारों को भी मार कर गिरा सकता है. इसमें लगी मिसाइलें टारगेट के तरफ बढ़ते समय अपनी दिशा बदल सकती हैं. 

भागते हुए टारगेट की तरफ पीछा कर सकती हैं या फिर उनकी दिशा के हिसाब से हमला कर सकती हैं. इस मिसाइल प्रणाली को रूस के पुराने एयर डिफेंस सिस्टम यानी S-400, S-300VM4, S-350 Vityaz और अन्य सिस्टम के साथ जोड़ा जा सकता है. 

खतरनाक मिसाइलें जो अंतरिक्ष तक करती हैं हमला

इस मिसाइल सिस्टम में 77N6-N और 77N6-N1 इंटरसेप्टर मिसाइलें लगी हैं. ये मिसाइल एंटी-सैटेलाइट और एंटी-स्पेसक्राफ्ट टारगेट के लिए इस्तेमाल होती हैं. जबकि दूसरे वर्जन में 40N6M एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइलें लगी हैं, जो हाइपरसोनिक मिसाइलों, स्टेल्थ फाइटर जेट पर हमला करेंगी.

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