
रूस समंदर में दुनिया का सबसे खतरनाक बैटलक्रूजर युद्धपोत उतारने जा रहा है. इस युद्धपोत का नाम है एडमिरल नखिमोव (Admiral Nakhimov). यह परमाणु ईंधन से चलता है. इसमें यूनिवर्सल नेवल फायरिंग सिस्टम लगा है, जिसकी मदद से यह कैलिबर, ओनिक्स और जिरकॉन जैसी मिसाइलें दाग सकता है.
इस युद्धपोत को अत्याधुनिक बनाया गया है. इसके समुद्री ट्रायल नवंबर 2024 में होंगे. एडमिरल नखिमोव की रिपेयरिंग 1999 से चल रही है. लेकिन साल 2013 में इसे आधुनिक बना दिया गया था. शुरुआत में इसमें पी-700 ग्रैनिट एंटी-शिप मिसाइलें लगी थीं. लेकिन अब इसमें दुनिया की तीन सबसे खतरनाक मिसाइलें लगी हैं.
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यूनिवर्सल नेवल फायरिंग सिस्टम लगाने के बाद रूसी नौसेना इस युद्धपोत से अलग-अलग प्रकार की मिसाइलें दाग सकते हैं. जैसे- कैलिबर, ओनिक्स या जिरकॉन. रूसी नौसेना के कमांडर-इन-चीफ एडमिरल एलेक्जेंडर मोसीयेव ने कहा कि इस युद्धपोत पावर प्लांट और सब-सिस्टम्स की टेस्टिंग अगस्त से शुरू हो जाएगी.
सालों की मेहनत अब रंग ला रही है
पहले इस युद्धपोत का नाम कालीनिन था. इसे बनाने की शुरुआत 1983 में हुई थी. 86 में इसे लॉन्च किया गया था. 88 में इसे रूस के उत्तरी फ्लीट में तैनात किया गया. 1992 में इसका नाम बदला गया. फिर इसे 1999 रिपेयरिंग के लिए भेज जिया गया. तब से इसे पूरी तरह से आधुनिक बनाने का काम चल रहा था.
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762 नौसैनिक हो सकते हैं सवार
इस बैटलक्रूजर का डिस्प्लेसमेंट 25,860 टन है. 250.1 मीटर लंबे जहाज की चौड़ाई 28.5 मीटर है. इसमें दो न्यूक्लियर रिएक्टर लगे हैं, जो इसे ऊर्जा देते हैं. यह अधिकतम 59 km/hr की स्पीड से समंदर में चल सकता है. इस क्रूजर पर कुल मिलाकर 762 नौसैनिक सवार हो सकते हैं. इनमें 101 अधिकारी भी शामिल हैं.
पहले भी भयानक हथियार थे...
इसमें 130 वारंट ऑफिसर, 513 सेलर और 18 फ्लाइट पर्सनल भी शामिल है. आधुनिक बनाने से पहले इस युद्धपोत पर ग्रैनिट एंटी-शिप मिसाइलें और 20 पी-700 क्रूज मिसाइलें थीं. इसके अलावा 96 मिसाइलों के साथ S-300 फोर्ट-एम एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइल सिस्टम और 40 मिसाइलों के साथ ओएसए-एमए-2 एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइल सिस्टम लगा था. इनके अलावा कई और अन्य हथियार भी लैस थे.
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अब हाइपरसोनिक परमाणु मिसाइलों से लैस
अब इसमें यूनिवर्सल मिसाइल सिस्टम है. यानी अब 80 लॉन्च सेल हैं. जिसमें से कैलिबर, ओनिक्स औऱ जिरकॉन मिसाइलें दाग सकते हैं. इसमें Pantsir-ME एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइल और गन सिस्टम लगा है. इसके अलावा Paket-NK एंटी-सबमरीन और एंटी-टॉरपीडो सिस्टम लगा है. इसके अलावा Redut नेवल एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम लगाया गया है.
एयर डिफेंस सिस्टम भी लगाया गया है
इतना ही नहीं इस जहाज पर अब 4 से 6 पंतसिर एम नेवल शॉर्ट रेंज एंटी-मिसाइल डिफेंस सिस्टम भी लगाया गया है. ताकि इस पर किसी मिसाइल से हमला न किया जा सके. इसके अलावा 57 E6M एक्सटेंडेडज रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल और 19 Ya6 हाइली मैन्यूवरेबल सैम मिसाइलें लगाई गई हैं.