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अमेरिकी F-35 या रूसी Su-57... कौन सा स्टेल्थ फाइटर जेट भारत के लिए बेहतर?

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह रूस दौरे पर गए थे. युद्धपोत कमीशन किया. राष्ट्रपति पुतिन से मिले. इस बीच भारत के लिए पांचवीं पीढ़ी के स्टेल्थ फाइटर जेट की खबर फिर उठी. क्योंकि पाकिस्तान चीन से स्टेल्थ फाइटर जेट ले रहा है. अब भारत को चुनना है कि वो रूस का Su-57 चुनता है या अमेरिकी F-35 या फिर दोनों ही नहीं.

ऊपर... अमेरिकी स्टेल्थ फाइटर F-35 और नीचे... रूसी फाइटर जेट Su-57. ऊपर... अमेरिकी स्टेल्थ फाइटर F-35 और नीचे... रूसी फाइटर जेट Su-57.
ऋचीक मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 11 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 12:17 PM IST

रूस लगातार अपनी पांचवीं पीढ़ी के स्टेल्थ फाइटर जेट Su-57 की ताकत दिखाने की कोशिश कर रहा है. वो लगातार भारतीय सैन्य अधिकारियों और सरकार को इसके जरिए इंप्रेस करने की कोशिश कर रहा है. वहीं, इस रेस में अमेरिका का F-35 फाइटर जेट शामिल है. वो भी दमदार फाइटर जेट है लेकिन भारत के लिए ये जानना जरूरी है कि दोनों में से कौन उसके लिए बेहतर है? अगर डील होती है तो किससे बेहतर हो सकती है? 

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यहां नीचे देखिए Su-57 का वीडियो

क्या सिर्फ विमान खरीदे जाएंगे? या फिर टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के तहत भारत में निर्माण भी होगा. क्योंकि निर्माण होता है तो देश में मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट को बढ़ावा मिलेगा. साथ ही हजारों लोगों को रोजगार का अवसर भी. इससे भारत का अमेरिका या रूस के साथ संबंध मजबूत होगा. भारत में बने फाइटर जेट की बिक्री से देश को भी फायदा होगा. साथ ही रक्षा उद्योग को बढ़ावा मिलेगा. आइए जानते हैं कि कौन सा फाइटर जेट बेहतर है... 

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स्पीड...

Su-57 इस मामले में अमेरिकी फाइटर जेट से कहीं आगे हैं. ये 2600 km/hr की स्पीड से उड़ान भरता है. जबकि F-35 की अधिकतम गति 1900 किलोमीटर ही है. यानी सुखोई-57 को तेज गति वाले सिनैरियो में फायदा मिलेगा. 

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यहां नीचे देखिए F-35 का वीडियो

हथियार...

Su-57 और F-35 दोनों में ही 12-12 हार्डप्वाइंट्स हैं. यानी छह अंदर और छह बाहर. दोनों कई तरह के हथियार ले जा सकते हैं. लेकिन रूसी फाइटर जेट इस मामले में भी एफ-35 से आगे है. इसमें कई शॉर्ट, मीडियम और लॉन्ग रेंज के हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें, गाइडेड एरियल बम लग सकते हैं. जबकि एफ-35 में सीमित हवा से हवा वाली मिसाइलें या बम लग सकते हैं. 

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लंबी दूरी पर हमला करने की ताकत...

Su-57 में लगने वाली R-37M मिसाइल रूस की कटिंग एज टेक्नोलॉजी वाला हथियार है. ये हथियार F-35 की रेंज से दोगुना दूरी तक जाकर हमला करता है. इसका इस्तेमाल रूस ने यूक्रेन की जंग में बेशुमार किया है. 

स्टेल्थ और परफॉर्मेंस...

सू-57 का स्टेल्थ सिस्टम बिना स्पीड कम किए और मैन्यूवरिबिलिटी को नुकसान पहुंचाए काम करता है. इससे कॉम्बैट में और बचकर निकलने में फायदा मलता है. F-35 का फोकस ऐसे स्टेल्थ तकनीक पर है जो सिर्फ ग्राउंट अटैक में इस्तेमाल होता है. हवा में जंग करने के मामले में इसकी ताकत सीमित हो जाती है. 

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किस तरह की जंग...

F-35 को असल में ग्राउंड स्ट्राइक मिशन के लिए बनाया गया है. यह इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर, जासूसी, सर्विलांस, रीकॉन्सेंस जैसे मिशन को भी पूरा कर सकता है. जबकि रूसी फाइटर जेट मल्टी-रोल फाइटर जेट है. यह कई तरह के ऑपरेशन कर सकता है. एयर सुपीरियरिटी से लेकर स्ट्राइक मिशन तक. 

रेंज...

F-35 की कॉम्बैट रेंज 1239 किलोमीटर है. अधिकतम 50 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकता है. Su-57 की कॉम्बैट रेंज 1250 किलोमीटर है. अधिकतम 66 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकता है.  

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सुपरक्रूज...

Su-57 और F-35 दोनों ही सुपरसोनिक हैं. लेकिन एफ-35 सुपरक्रूज की सीमा है. वजह है उसका एयरफ्रेम. वो ज्यादा समय तक इस स्पीड में उड़ान नहीं भर सकता. 

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