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भारत ने रूस के एक्सपायर्ड मिसाइल को बना दिया 'महाहथियार', जानिए SAMAR मिसाइल की ताकत... Video

भारतीय वायुसेना ने Russia से हवा से हवा में मार करने वाली R-73 और R-27 मिसाइलों का जखीरा लिया था. ये एक्सपायर होने वाले थे. तब इसे बदलकर सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल बना दिया गया. Vayushakti 2024 युद्धाभ्यास में इसकी ताकत देखने को मिली... अब दुनिया इस हथियार में रुचि दिखा रही है.

ये है भारतीय वायुसेना का समर एयर डिफेंस सिस्टम. (फोटोः IAF/ReviewVayu/Wikipedia) ये है भारतीय वायुसेना का समर एयर डिफेंस सिस्टम. (फोटोः IAF/ReviewVayu/Wikipedia)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 26 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 2:34 PM IST

भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) ने सालों पहले रूस से R-73 और R-27 मिसाइलें ली थीं. ये मिसाइलें हवा से हवा में मार करती थीं. लेकिन इनका जखीरा जब पुराना होने लगा. लगा कि ये किसी काम की नहीं रहेंगी, तब इसे भारतीय वैज्ञानिकों ने बदलकर सतह से हवा में मार करने वाले सिस्टम में बदल दिया. 

इस सिस्टम का नाम रखा गया समर एयर डिफेंस सिस्टम (Samar Air Defence System). हाल ही में राजस्थान को पोखरण में हुए वायुशक्ति 2024 युद्धाभ्यास में इस सतह से हवा (Surface-to-Air) में मार करने वाली मिसाइल ने अपनी सटीक मारक क्षमता दिखाई. आप यहां पर नीचे इस Video में देख सकते हैं. 

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आइए अब आपको इस हथियार की ताकत बताते हैं... 

समर मिसाइल ट्रक से लॉन्च की जाती है. यह 2982 km/hr की स्पीड से किसी भी हवाई टारगेट को हिट कर सकती है. यानी दुश्मन को बचने का मौका ही नहीं मिलता. समर का पूरा नाम है सरफेस-टू-एयर मिसाइल फॉर एस्योर्ड रीटैलिएशन (Surface-to-air missile for Assured Retaliation - SAMAR). 

इस मिसाइल सिस्टम का संचालन वायुसेना की BRD यूनिट करती है. यह किसी भी तरह के हवाई टारगेट यानी हेलिकॉप्टर और फाइटर जेट्स को निशाना बना सकता है. इसके लॉन्चर पर दो मिसाइलों को लगाने की व्यवस्था है. इस मिसाइल की रेंज 12 से 40 km है. 

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समर एयर डिफेंस सिस्टम में दो तरह की मिसाइलें लगती हैं. SAMAR 1. यह एक कम दूरी की हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल थी, जिसे भारत में बदल कर सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है. इसका वजन 105 kg, लंबाई 9.7 फीट, व्यास 6.5 इंच और इसमें 7.4 kg का वॉरहेड लगता है. 

SAMAR 2 यानी हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल थी. ये 253 kg वजनी मिसाइल है. यह 13.4 फीट लंबी है. इसका व्यास 9.1 इंच है. इसमें पंखें लगे होते हैं. जिनका विंगस्पैन 30.4 इंच है. इसमें 39 kg का वॉरहेड लगा सकते हैं. जो ब्लास्ट फ्रैगमेंटेशन या कॉन्टीन्यूअस रॉड हो सकता है. 

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इन मिसाइलों को दागने वाले लॉन्च ट्रक भी अलग-अलग हैं. समर-1 के लिए अशोक लीलैंड स्टैलियन 4x4 ट्रक लगता है. जबकि समर-2 मिसाइलों को दागने के लिए बीईएमएल टाट्रा टी815 8x8 ट्रक लगता है. इसमें लगने वाली मिसाइलें असल में रूस की हैं. जिन्हें भारत में बदला गया है. ये मिसाइलें हैं- Vympel R-73 और R-27 मिसाइलें. भारतीय वायुसेना के पास हजारों की संख्या में Vympel R-73E मिसाइलें हैं. 

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