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ईरान ने अपनी जमीन और पहाड़ों के अंदर सीक्रेट अंडरग्राउंड सिटी बना रखी है. इन मिसाइल सिटी में इंसान नहीं बल्कि मिसाइलें रखी जाती हैं. साथ में फाइटर जेट्स, बॉम्बर और ड्रोन्स. इनकी जानकारी मिलिट्री में सिर्फ चुनिंदा लोगों को होती है. सामान्य सैनिक या अधिकारी को भी नहीं पता कि इनकी पोजिशन कहां है.
अगर शहर पता भी होगा तो लोकेशन नहीं पता होगी. हमास चीफ हानिए की मौत के बाद ईरान ने पाकिस्तान से शाहीन-3 बैलिस्टिक मिसाइल की मांग की थी. ताकि उनकी मिसाइल पावर और बढ़ जाए. लेकिन अभी तक इस मिसाइल के सौदे को लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि सामने नहीं आई है.
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ईरान इन मिसाइल सिटी का इस्तेमाल अपने परमाणु केंद्रों को बचाने के लिए करना चाहता है. ये केंद्र नान्ताज और फोर्दो में हैं. नान्ताज और फोर्दो दोनों ही पहाड़ों के बीच बनाए गए हैं. यहां भी बंकर हैं. अंडरग्राउंड सुरंगें हैं. इन्हें पत्थरों और रीनफोर्स्ड कॉन्क्रीट से बनाया गया है.
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परमाणु हमले तक को बर्दाश्त कर लेंगी ये मिसाइल सिटी
इन बंकरों में मीडियम रेंज की मिसाइलें सुरक्षित रखी जाती है. ये बंकर सतह से 500 मीटर यानी आधा किलोमीटर की गहराई में हैं. इतनी गहराई किसी भी तरह के हमले से ईरानी हथियारों, मिसाइलों, फाइटर जेट्स और बमवर्षकों को बचा सकती है. इन सीक्रेट एयरबेस पर किसी भी तरह के परमाणु हमले का भी असर नहीं होगा.
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ईरान का दावा- ये बंकर ज्वालामुखी की तरह आग उगलेंगे
इन्हें ईरान में मिसाइल सिटी भी बुलाते हैं. इनमें ईरान अपने F-4 फाइटर जेट्स और मीडियम रेंज Emad बैलिस्टिक मिसाइलें रखता है. ये बंकर 2015 में बनकर तैयार हुए थे. तब एयरोस्पेस फोर्स ऑफ द आर्मी ऑफ द गार्जियंस ऑफ द इस्लामिक रिवोल्यूशन के कमांडर ब्रिगेडियर जनरल अमीर अली हाजीजादेह ने कहा था कि ईरान किसी देश से युद्ध नहीं चाहता. किसी ने हमला किया तो ये बंकर ज्वालामुखी की तरह आग उगलेंगे.
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सेना के चुनिंदा लोगों को ही पता है इनकी लोकेशन और ताकत
ब्रिगेडियर जनरल अमीर ने कहा कि हमारे मिसाइल और अंडरग्राउंड बेस ईरान के हर प्रांत में है. इन बंकरों के अंदर सुरंगों का बड़ा जाल है. जो सिर्फ यहां का संचालन करने वाले लोग ही जानते हैं. इसलिए किसी बाहरी व्यक्ति का अंदर जाकर किसी भी तरह का हमला करना या जासूसी करना आसान नहीं होगा.
ईरान के लोरेस्तान में सबसे ज्यादा मिसाइल सिटी की उम्मीद
यहां से ईरान एक बार में किसी भी देश पर ताबड़तोड़ मिसाइल या हवाई हमला कर सकता है. ईरान के लोरेस्तान में ही सबसे ज्यादा अंडरग्राउंड मिसाइल और फाइटर जेट्स के बेस हैं. इसके अलावा करमनशाह में दो अंडरग्राउंड बेस हैं. इसके अलावा किसी और भूमिगत बंकर का खुलासा आजतक नहीं किया गया है. लेकिन एक बात तो तय है कि इन बंकरों के पता बाहर से नहीं चलता.