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भारत के नए फाइटर जेट Tejas MK-1A की पहली उड़ान सफल, पिछले विमान से ज्यादा एडवांस और घातक

LCA Tejas Mk-1A ने बेंगलुरु स्थित हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड की फैसिलिटी में आज अपनी पहली उड़ान भरी. यह 18 मिनट की थी. आप यहां इस उड़ान का वीडियो देख सकते हैं.

बेंगलुरु स्थिति HAL की फैसिलिटी से तेजस एमके-1ए ने पहली उड़ान भरी. (सभी फोटोः HAL) बेंगलुरु स्थिति HAL की फैसिलिटी से तेजस एमके-1ए ने पहली उड़ान भरी. (सभी फोटोः HAL)
ऋचीक मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 28 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 2:57 PM IST

Tejas Mk-1A फाइटर जेट की पहली उड़ान 28 मार्च 2024 को बेंगलुरु स्थित हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड की फैसिलिटी में सफलतापूर्वक पूरी हुई. यह उड़ान करीब 18 मिनट की थी. कुछ समय पहले ही इस विमान में डिजिटल फ्लाई बाय वायर फ्लाइट कंट्रोल कंप्यूटर (DFCC) को लगाया गया था.  

DFCC का साधारण भाषा में मतलब होता है कि फाइटर जेट से मैन्यूअल फ्लाइट कंट्रोल्स हटाकर उसकी जगह इलेक्ट्रॉनिक इंटरफेस लगा देना. यानी बहुत सारी चीजें कंप्यूटर के हाथ में चली जाती है, वही विमान को पायलट के मुताबिक संतुलित और नियंत्रित रखता है. 

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यहां देखिए इस विमान की पहली उड़ान का Video

इस सिस्टम की वजह से रडर, एलिवेटर, एलिरॉन, फ्लैप्स और इंजन का नियंत्रण इलेक्ट्रॉनिकली होता है. फ्लाई बाय वायर कुल मिलाकर फाइटर जेट को एक आत्म संतुलन देता है. स्टेबलाइज करता है. यह विमान को ज्यादा सुरक्षित बनाता है. 

अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है तेजस

विमान के उन्नत संस्करण, तेजस एमके-1ए में उन्नत मिशन कंप्यूटर, उच्च प्रदर्शन क्षमता वाला डिजिटल फ्लाइट कंट्रोल कंप्यूटर (DFCC Mk-1A), स्मार्ट मल्टी-फंक्शन डिस्प्ले (SMFD), एडवांस्ड इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड ऐरे (AESA) रडार, एडवांस्ड सेल्फ-प्रोटेक्शन जैमर, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट आदि सुविधाएं हैं. 

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यह फाइटर जेट वैसे तो तेजस एमके-1 की तरह ही है, इसमें कुछ चीजें बदली गई हैं. जैसे इसमें अत्याधुनिक इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूईट, उत्तम एईएसए राडार, सेल्फ प्रोटेक्शन जैमर, राडार वॉर्निंग रिसीवर लगा है. इसके अलावा इसमें बाहर से ECM पॉड भी लगा सकते हैं. 

2200 km/hr की स्पीड, 739 km की कॉम्बैट रेंज

मार्क-1ए पिछले वैरिएंट से थोड़ा हल्का है. लेकिन यह आकार में उतना ही बड़ा है. यानी 43.4 फीट की लंबाई. 14.5 फीट की ऊंचाई. अधिकतम 2200 km/hr की स्पीड से उड़ान भर सकता है. कॉम्बैट रेंज 739 किलोमीटर है. वैसे इसका फेरी रेंज 3000 किलोमीटर है. 

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यह विमान अधिकतम 50 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकता है. इसमें कुल मिलाकर 9 हार्ड प्वाइंट्स हैं. इसके अलावा 23 मिलिमीटर की ट्विन-बैरल कैनन लगी है. हार्डप्वाइंट्स में 9 अलग-अलग रॉकेट्स, मिसाइलें, बम लगा सकते हैं. या फिर इनका मिश्रण कर सकते हैं. 

भारतीय सेनाओं को कितने तेजस फाइटर चाहिए

भारतीय वायुसेना को 180 तेजस फाइटर जेट्स की जरूरत है. 83 LCA Mark1A के लिए कॉन्ट्रैक्ट हो चुका है. 97 और फाइटर जेट्स वायुसेना और लेगी. इंडियन एयरफोर्स मार्क 1ए से पहले 123 तेजस फाइटर जेट मांगे थे. जिसमें से करीब 30 जेट्स की डिलिवरी हो चुकी है. इसके बाद बाकी 83 फाइटर जेट्स तेजस मार्क-1ए होंगे, जो 2024 से 2028 के बीच मिलेंगे. अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, इंग्लैंड, चेक गणराज्य, ब्राजील, दक्षिण कोरिया, रूस, चीन, इटली और रोमानिया के पास भी हल्के फाइटर जेट्स की फ्लीट है.

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आइए जानते हैं कि भविष्य में तेजस फाइटर जेट में कौन-कौन से हथियार लगने वाले हैं...  

Astra Mk-3... इस मिसाइल का ट्रायल हो रहा है. यह हवा से हवा में मार करने वाली बेयॉन्ड विजुअल रेंज मिसाइल (BVRAAM) है. इसकी रेंज 350 किलोमीटर है. यह अधिकतम 66 हजार फीट की ऊंचाई पर जा सकती है. इसकी गति 5557 km/hr है. इस मिसाइल की टेस्टिंग 2023 में एक बार हो चुकी है. यह सुपरसोनिक स्पीड से दुश्मन टारगेट की तरफ हमला करती है. इसमें रैमजेट इंजन लगा है. 

TARA... असल में इसका पूरा नाम टैक्टिकल एडवांस्ड रेंज ऑगमेंटेशन है. यह एक तरह का प्रेसिशन स्ट्राइक स्टैंड-ऑफ वेपन है. इसकी रेंज 50 से 100 किलोमीटर है. यह एक गाइडेड हथियार है. इसमें हाई-एक्सप्लोसिव वॉरहेड लगाया जाता है. यह तीन वजन में आता है- पहला 250 Kg, 450 Kg और 500 Kg. 

NASM-MR... यह एक मीडियम रेंज की नेवल एंटी-शिप मिसाइल है. जिसकी रेंज 250 से 350 किलोमीटर होगी. इसकी गति 864 किलोमीटर प्रतिघंटा होगी. इस मिसाइल को देश के जंगी जहाजों और तेजस फाइटर जेट में लगाए जाने की योजना है. 

Rudram Missile... भारतीय वायुसेना की ताकतवर, सटीक और तेज गति की हवा से सतह पर मार करने वाली एंटी-रेडिएशन मिसाइल है. इसके तीन वैरिएंट हैं- रुद्रम-1, रुद्रम-2 और रुद्रम-3. तीनों की लंबाई 18 फीट है. वजन अलग-अलग है. रुद्रम-1 अधिकतम 55 kg वजन का वॉरहेड ले जा सकता है. 

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रुद्रम-2 एंटी रेडिएशन अधिकतम 155 kg और रुद्रम-2 ग्राउंड अटैक मिसाइल 200 किलो वजन का हथियार ले जा सकता है. रुद्रम-1 की रेंज 150, रुद्रम-2 की रेंज 300 और रुद्रम-3 की रेंज 550 किलोमीटर है. इन मिसाइलों की गति 2500 km/hr से 6791 km/hr के बीच है. 

Brahmos-NG... यह ब्रह्मोस की नेक्स्ट जेनरेशन मिसाइल है. इसकी रेंज 290 किलोमीटर है. इसका वजन 1.5 टन, लंबाई 20 फीट और व्यास 50 सेंटीमीटर है. यह दागो और भूल जाओ तकनीक पर काम करने वाली मिसाइल है. इसे कई वैरिएंट्स हैं, जिन्हें जमीन, पानी और हवा से दागा जा सकता है. यह 3704 km/hr की गति से दुश्मन टारगेट की तरफ हमला करने वाली सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है. 

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