Advertisement

US अपने सभी फाइटर जेट्स में लगा रहा Mako हाइपरसोनिक मिसाइल, रूस-चीन की हालत होगी खराब

अमेरिका अपने सभी फाइटर जेट्स और बॉम्बर एयरक्राफ्ट्स में हाइपरसोनिक मिसाइल Mako लगाने जा रहा है. चाहे वह कोई सा भी प्लेन या जेट क्यों न हो. ये ऐसी मिसाइल है कि इसे रूस, चीन, ईरान, उत्तर कोरिया का एयर डिफेंस सिस्टम रोक नहीं पाएगा. ये किसी भी तरह के मिशन में इस्तेमाल की जा सकती है.

अमेरिका अपने सभी फाइटर जेट्स, बॉम्बर और निगरानी विमानों में मेको हाइपरसोनिक मिसाइल लगाने जा रहा है. (सभी फोटोः लॉकहीड मार्टिन) अमेरिका अपने सभी फाइटर जेट्स, बॉम्बर और निगरानी विमानों में मेको हाइपरसोनिक मिसाइल लगाने जा रहा है. (सभी फोटोः लॉकहीड मार्टिन)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 25 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 6:10 PM IST

आप सिर्फ नाम लीजिए... F-15, F-16, F-18, F-35, F-22 फाइटर जेट हों या B-1B, B-52, B-21 बॉम्बर. अमेरिका अपने सभी मिलिट्री एयरक्राफ्ट्स में नई हाइपरसोनिक मिसाइल लगाने जा रहा है. इस मिसाइल का नाम है Mako. इसे बनाया है लॉकहीड मार्टिन ने. इस मिसाइल को मल्टी-मिशन वेपन कहा जा रहा है. 

यह मिसाइल समंदर में, हवा, एयर डिफेंस सिस्टम पर, किसी भी तरह के सतह पर हमला करने में सक्षम है. हैरानी इस बात की है कि अमेरिका ने इसे लगभग अपने सभी फाइटर जेट्स, बमवर्षक और निगरानी विमानों में लगाकर टेस्ट कर लिया है. यह एफ-18 सुपर हॉर्नेट में लग सकती है. एफ-15 में लग सकती है. 

Advertisement

यह भी पढ़ें: दिल्ली-मुंबई का कवच... दुश्मन देश का हर घातक हमला फेल कर देगा भारत का नया ब्रह्मास्त्र AD-1

एफ-22 रैप्टर और एफ-35 लाइटनिंग-2 में लग सकती है. इसके अलावा इसे अमेरिका के बमवर्षकों में भी लगा सकते हैं. मतलब ये है कि ये अत्याधुनिक खतरनाक मिसाइल अमेरिका के चौथी पीढ़ी के फाइटर जेट से लेकर पांचवीं पीढ़ी और छठी पीढ़ी के स्टेल्थ फाइटर एयरक्राफ्ट्स में लगाई जा सकती है. 

आइए जानते हैं इस मिसाइल की ताकत

इस मिसाइल को हवा से लॉन्च किया जाता है. यानी किसी भी एयरक्राफ्ट से दागी जा सकती है. 590 किलोग्राम वजनी इस मिसाइल में 130 किलोग्राम का वॉरहेड यानी हथियार लगाया जाता है. 13 फीट लंबी और 13 इंच व्यास वाली इस मिसाइल में सॉलिड रॉकेट मोटर लगा है. जो इसे 6200 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार देता है. 

Advertisement

यह भी पढ़ें: AD-1 Interceptor Missile: DRDO ने पहले पृथ्वी-2 मिसाइल दागी, फिर किया इंटरसेप्टर मिसाइल का सफल परीक्षण

अमेरिका नौसेना के लिए भी वैरिएंट तैयार

इस मिसाइल का खुलासा इस साल अप्रैल में हुआ. जब इसे मैरीलैंड में हुए एक रक्षा प्रदर्शनी में दिखाया गया. इतना ही नहीं लॉकहीड मार्टिन ये चाहती है कि वायुसेना के बाद अमेरिकी नौसेना भी इसे तैनात करे. पनडुब्बियों और युद्धपोत से लॉन्च होने वाली Mako मिसाइल का वैरिएंट भी तैयार किया जा रहा है. 

अमेरिका को इस मिसाइल से क्या फायदा? 

Mako मिसाइल के इस्तेमाल से रूस और चीन के प्रशांत महासागर में मौजूद एंटी-एक्सेस और एरिया डिनायल (A2/AD) हथियारों, यंत्रों को तबाह कर सकता है. अभी तक जो भी हाइपरसोनिक मिसाइलें होती थीं, वो आकार में बहुत बड़ी होती थी, वो फाइटर जेट या बमवर्षक के इंटरनल बे में नहीं आती थीं.

लेकिन मेको मिसाइल आकार में छोटी और दमदार है. यह हल्की भी है. इसलिए इसे F-35 और F-22 स्टेल्थ फाइटर जेट्स के इंटरनल बे में भी तैनात कर सकते हैं. यानी खतरनाक फाइटर जेट के साथ विंध्वंसकारी मिसाइल का मिश्रण. तीसरा फायदा ये है कि इसे कोई भी एयर डिफेंस सिस्टम रोक नहीं सकता है. 

यह भी पढ़ें: अजरबैजान की LORA मिसाइल को टक्कर देने के लिए आर्मेनिया खरीद सकता है भारतीय मिसाइल प्रलय, जानिए दोनों मिसाइलों की ताकत

Advertisement

टोमाहॉक मिसाइल की तरह ही मेको हाइपरसोनिक मिसाइल अमेरिकी सेना, वायुसेना और नौसेना की ताकत में कई गुना बढ़ोतरी कर सकता है. यह अमेरिका के किसी भी एयरक्राफ्ट के बाहरी हिस्से में लग सकता है. इसके अलावा इसे लॉन्च ट्यूब से दाग सकते हैं. ताकि नौसेना इस्तेमाल कर सके. 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement