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बिना जमीन पर उतरे तबाही... US से मिले MK-84 बम और हेलफायर मिसाइल हैं इजरायल की असली ताकत, इन्हें गिराकर मचा रहा तबाही

Israel को सबसे ज्यादा हथियार अमेरिका देता है. लेकिन दो हथियार बेहद खतरनाक हैं. जमीनी ऑपरेशन से पहले हवा में ही मौत मंडराती नजर आने लगती है. पिछले एक साल में इजरायल ने लेबनान और गाजा मिलाकर 14 हजार से ज्यादा MK-84 बम और 3000 से ज्यादा हेलफायर मिसाइलें गिराईं.

बाएं हवा में फटता एमके-84 बम और दाहिने MK-84 बम और नीचे हेलफायर मिसाइल. बाएं हवा में फटता एमके-84 बम और दाहिने MK-84 बम और नीचे हेलफायर मिसाइल.
ऋचीक मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 09 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 11:49 AM IST

हिज्बुल्लाह और हमास के ठिकानों को बर्बाद करने के लिए इजरायल ने जिन दो हथियारों का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया है, वो हैं MK-84 बम और Hellfire Missile. दोनों को अमेरिका बनाता है. इजरायल की अमेरिका से दोस्ती है, इसलिए आतंकियों के खिलाफ इन हथियारों को खरीदा जा रहा है.  

7 अक्टूबर 2023 हमले के अगले तीन हफ्तों तक इजरायल ने गाजा और लेबनान मिलाकर हर हफ्ते 6000 बम गिराए थे. जिसमें से ज्यादातर MK-84 थे. इसके अलावा हेलफायर मिसाइलों से टारगेट सेट करके हमला किया जाता रहा.  इजरायल को सबसे ज्यादा हथियार अमेरिका देता है. 

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बेरूत के दाहिए में इजरायली एयरस्ट्राइक के बाद का नजारा. तबाही के बीच स्कूटर चलाता लेबनानी नागरिक. (फोटोः एपी)

पिछले एक साल में इजरायल ने अमेरिका से 100 से ज्यादा हथियार डील किए हैं. मतलब हर 36 घंटे में एक डील. इजरायल ज्यादातर अमेरिका में बने हथियारों का इस्तेमाल कर रहा है. जैसे- F-35, F-16, F-15 फाइटर जेट्स. इसमें लगाए बम MK-84, MK-83, MK-82 और JDAM बम और हेलफायर मिसाइलें.  

पहले जानते MK-84 बम की ताकत के बारे में... 

यह 2000 पाउंड यानी 907 किलोग्राम का हैवी बम है. इसे बीएलयू-117 भी कहते हैं. वियतनाम युद्ध के समय से अमेरिका इसका इस्तेमाल कर रहा है. इजरायल इसमें JDAM किट लगाकर हमला करता है. ताकि बम को सटीक टारगेट तक पहुंचाया जा सके. इसके अलावा इसमें एक एयर ब्लास्ट मोड (Air Blast Mode) होता है. 

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जिसका वीडियो आप यहां नीचे देख सकते हैं... 

एयर ब्लास्ट मोड में इस बम को बदला जा सकता है. यह बम दुनिया का सबसे खतरनाक गैर-परमाणु हथियार माना जाता है. क्योंकि यह बम हवा में भी फोड़ा जा सकता है. यानी फॉर्मूला परमाणु बम वाला लेकिन इसमें पारंपरिक विस्फोटक डाले जाते हैं. टारगेट से थोड़ा ऊपर हवा में बम को फोड़ने से नुकसान ज्यादा होता है. 

पिछले एक साल में अमेरिका ने इजरायल को 14100 MK-84 बम दिए हैं. अभी 1800 की डिलिवरी बाकी है. इस बम से पहला हमला 9 अक्टूबर 2023 में गाजा के जबालिया में हुआ. 12.7 फीट लंबे और 18 इंच व्यास वाले इस बम के कई वैरिएंट्स हैं. जिनका वजन और क्षमता के हिसाब से नाम बदल जाता है. 

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अब जानिए हेलफायर मिसाइल की ताकत... 

इजरायली वायुसेना के फाइटर जेट्स F-16 और F-15 में ये मिसाइलें खूब लगी होती हैं. पिछले एक साल में इजरायल ने करीब 3000 मिसाइलों का इस्तेमाल किया है.  ये वही मिसाइल है जिससे अयमान अल जवाहिरी को मारा गया था. ड्रोन, हेलिकॉप्टर, फाइटर जेट से दागा जा सकता है. इसकी नाक पर कैमरे, सेंसर्स लगे होते हैं. 

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ये सेंसर्स विस्फोट से पहले तक रिकॉर्डिंग करते रहते हैं. साथ ही विस्फोट से पहले टारगेट की सही स्थिति का पता लगाते रहते हैं. हेलफायर मिसाइल के कई वैरिएंट्स है. 45 से 49 किलोग्राम वजन होता है. करीब 5.33 फीट लंबी इस मिसाइल की रेंज 0.5 मीटर से 11 km होती है. यह अधिकतम 1601 km/hr की स्पीड से चलती है. 

इस मिसाइल में जरूरत के मुताबिक हथियार लगा सकते हैं. जैसे- टैंकों के खिलाफ हाई एक्सप्लोसिव, शेप्ड चार्ज यानी चाकू जैसे धातु, टैंडेम चार्ज यानी आर्मर पिघलाने वाला, मेटल ऑगमेंटेड चार्ज यानी धातु ध्वस्त करने वाला और ब्लास्ट फ्रैगमेंटेशन यानी सैनिकों की टुकड़ी या बंकर उड़ाने के लिए. 

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