
अमेरिका ने प्रशांत महासागर में मौजूद अपने गुआम एयर बेस के ऊपर हवा से दागी जाने वाली बैलिस्टिक मिसाइल को इंटरसेप्ट किया है. इस मिसाइल को ट्रैक करने के लिए अमेरिका ने AN/TPY-6 राडार का इस्तेमाल किया. इसके बाद स्टैंडर्ड मिसाइल-3 ब्लॉक 2ए (SM-3 Block-IIA) को दागकर अपनी ओर आ रही मिसाइल को मार गिराया.
यह एक परीक्षण था. ताकि चीन अगर भविष्य में दक्षिण चीन सागर, ताइवान या उसके आसपास हमला करे तो अमेरिका अपने मित्र देशों के बचाव में सटीक और मारक हमला कर सके. यह असल में चीन से संभावित युद्ध की स्थिति में उसे करारा जवाब देने के लिए किया गया परीक्षण था. गुआम बेस से अमेरिका ताइवान, जापान, फिलीपींस जैसे देशों की सुरक्षा पर नजर रखता है. ताकि जरूरत पड़ने पर वह इन देशों को चीन के किसी भी तरह के हमले से बचा सके.
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अमेरिका ने मंगलवार यानी 10 दिसंबर 2024 को अपने इस परीक्षण में लाइव बैलिस्टिक मिसाइल फ्लाइट टेस्ट के दौरान राडार का भी पहली बार परीक्षण किया. यह एंड-टू-एंड ट्रैकिंग थी. ज्वाइंट टास्क फोर्स के कमांडर रीयर एडमिरल ग्रेग हफमैन ने कहा कि यह अमेरिकी राडार और मिसाइल के तालमेल और सटीकता का परीक्षण था.
राडार और मिसाइल दोनों का सफल परीक्षण
ग्रेग ने कहा कि हमने अपने राडार ट्रैकिंग और मिसाइल इंटरसेप्शन में सफलता हासिल की है. साथ गुआम के एंडरसन एयर बेस को सुरक्षित रखने के लिए डिफेंस सिस्टम को एक्टिवेट किया है. उनका परीक्षण किया है. जो 100 फीसदी सटीकता से काम कर रहे हैं.
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क्या है स्टैंडर्ड मिसाइल-3 ब्लॉक-2ए?
यह अमेरिका के Aegis बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम की काइनेटिक सरफेस टू एयर मिसाइल है. यानी SAM. इसका इस्तेमाल अमेरिका, जापान, दक्षिण कोरिया, रोमानिया और पोलैंड कर रहे हैं. 1.5 टन वजनी मिसाइल की लंबाई 21.6 फीट है. चार स्टेज की इस मिसाइल में हल्के वजन का एक्सो-एटमॉस्फियरिक प्रोजेक्टाइल (LEAP) काइनेटिक वॉरहेड लगाया जाता है. यानी अंतरिक्ष तक हमला करने की क्षमता.
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इस मिसाइल की रेंज 900 से 1200 किलोमीटर है. लेकिन यह निर्भर करता है कि टारगेट किस तरह का है. उसके हिसाब से मिसाइल की रेंज और फ्लाइट की ऊंचाई तय की जाती है. यह मिसाइल 4.5 किलोमीटर प्रतिसेकेंड की गति से उड़ान भरती है. यानी 16,299 km/hr की स्पीड से.