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सबसे ज्यादा परमाणु हथियार और खतरनाक मिसाइलें हैं रूस के पास, जब चाहे खत्म कर दे आधी दुनिया

Russia के पास दुनिया की सबसे ताकतवर मिसाइलें और परमाणु हथियार हैं. अगर यूक्रेन और नाटो ने रूस को भड़काया तो ये बात पक्की है कि अपने परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कर सकता है. अगर ऐसा हुआ तो तीसरा विश्व युद्ध शुरू हो जाएगा.

रूसी रक्षा मंत्रालय की प्रेस सेवा द्वारा जारी यार्स ICBM के टेस्ट लॉन्चिंग की फोटो. (फोटोः एपी) रूसी रक्षा मंत्रालय की प्रेस सेवा द्वारा जारी यार्स ICBM के टेस्ट लॉन्चिंग की फोटो. (फोटोः एपी)
ऋचीक मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 20 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 10:02 AM IST

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव ने यूक्रेन, नाटो और अमेरिका को खुली चुनौती दी है कि अगर उनके देश के खिलाफ लंबी दूरी की मिसाइलों या हथियारों का इस्तेमाल किया तो हम परमाणु जंग छेड़ देंगे. जिसकी वजह से तीसरा विश्व युद्ध शुरू हो सकता है. रूस के पास परमाणु हथियारों का सबसे बड़ा जखीरा है. 

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दुनिया में 9 देशों के पास परमाणु हथियार हैं. ये हैं- अमेरिका, रूस, इंग्लैंड, फ्रांस, चीन, भारत, पाकिस्तान, उत्तर कोरिया और इजरायल. इन सबने मिलाकर 12,121 परमाणु हथियार बनाए हैं. इनमें से 9585 मिलिट्री ग्रेड के हथियार हैं. 3904 हथियारों को मिसाइलों और विमानों में तैनात रखा गया है. 

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पिछले साल से 60 हथियार ज्यादा तैनात हैं मिसाइलों और फाइटर जेट्स या बमवर्षकों में. 2100 हथियारों को बैलिस्टिक मिसाइलों में तैनात रखा गया है. ये मिसाइलें हाई अलर्ट पर हैं. वजह है रूस-यूक्रेन, चीन-ताइवान, नाटो बनाम रूस में चल रहा मिलिट्री विवाद या युद्ध. ये बढ़ेंगे तो हथियारों के इस्तेमाल का खतरा भी बढ़ेगा. 

किन देशों के पास कितने परमाणु हथियार? 

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रूस के पास 4380, अमेरिका के पास 3708, चीन के पास 500, फ्रांस के पास 290, इंग्लैंड के पास 225, भारत के पास 172, पाकिस्तान के पास 170, इजरायल के पास 90 और उत्तर कोरिया के पास 50. इस हिसाब से देखें तो भारत दुनिया का छठवां परमाणु हथियार संपन्न देश हैं. रूस ने अपने 4380 परमाणु हथियारों में से 1710 हथियारों को मिसाइलों, फाइटर जेट्स और बमवर्षकों में तैनात रखा है. 

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अब जानिए रूस के उन खतरनाक न्यूक्लियर हथियारों के बारे में जो भयानक तबाही मचा सकते हैं... 

ग्राउंड बेस्ड न्यूक्लियर मिसाइल

RS-24 Yars: इसे रोड-मोबाइल लॉन्चर या साइलो से लॉन्च किया जाता है. हर मिसाइल तीन हथियार ले जाने में सक्षम. यानी एकसाथ तीन जगहों पर हमला. 200 किलोटन यील्ड पैदा करती है. रूस के पास 772 हथियार हैं, इस मिसाइल में लगाने के लिए. रूस ने 63 मोबाइल और 10 साइलो बेस्ड लॉन्चिंग स्टेशन बनाए हैं. इसकी रेंज 12 हजार km है. यार्स मिसाइल किसी भी तरह के एयर डिफेंस सिस्टम को धोखा दे सकता है.  

Topol-M: यह भी रोड-मोबाइल लॉन्चर या साइलो से लॉन्च किया जाता है. यह 800 किलोटन यील्ड पैदा करने वाला एक परमाणु हथियार ले जा सकती है. रूस के पास ऐसे 78 हथियार मौजूद हैं. 47 हजार किलो से ज्यादा वजनी और 74 फीट लंबी यह मिसाइल 1X1.0Mt का हथियार ले जा सकती है. इसकी गति 27,100 किलोमीटर प्रतिघंटा है. इसकी रेंज 11 हजार किलोमीटर है. 

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Voevoda: सोवियत संघ के समय बनी R-36 मिसाइल को स्कार्प के नाम से भी जानते हैं. इसकी रेंज 11 हजार किलोमीटर है. यह बेहद तेज गति से उड़ने वाली मिसाइल है. रूस के पास इस मिसाइल में लगाने के लिए 550-750 किलोटन यील्ड वाले 340 परमाणु हथियार मौजूद हैं. रूस के पास ऐसी 46 मिसाइलें मौजूद हैं. इसका वजन भी बहुत ज्यादा है. इसे जमीन में बने साइलो से लॉन्च किया जाता है. 

यह अपने साथ 10 वॉरहेड ले जा सकती है. यानी दस जगहों पर एक साथ हमला. इसकी गति की वजह से इसके परमाणु वॉरहेड्स को एयर डिफेंस सिस्टम पकड़ नहीं पाते. अगर इस मिसाइल को दागा जाए तो यह अमेरिका के किसी भी तीन राज्य को एक बार में पूरी तरह से खत्म कर सकती है. 

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Sarmat: रूस की RS-28 Sarmat यानी Satan-2 है तो बैलिस्टिक मिसाइल लेकिन इसकी गति इसे हाइपरसोनिक बना देती है. यह मिसाइल 24,500 km/hr की स्पीड से चलती है. रूस के पास 46 सरमत मिसाइलें हैं, जिनमें लगाने के लिए उसके पास 16 हथियार मौजूद हैं. ये हथियार 750 किलोटन यील्ड ऊर्जा पैदा करते हैं. इसकी रेंज 18 हजार km है. यह दुनिया के किसी भी एयर डिफेंस सिस्टम को फेल कर सकती है. दुनिया के किसी भी कोने में टारगेट करने की ताकत है इस मिसाइल के पास.

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Avangard: रूस की Avangard एक हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल है. यह 24,500 km/hr की स्पीड से 6000 किलोमीटर की रेंज तक जा सकती है. इसे वोएवोदा या सरमत मिसाइल के ऊपर लगाकर दागा जाता है. यह मिसाइल 800 किलोटन या 2 मेगाटन की यील्ड पैदा करता है. रूस के पास ऐसे सात हथियार हैं. इसे रूस अपने इंटरकॉन्टीनेंट बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) के ऊपर लगाता है. यह उड़ान के दौरान के कई तरह से अपना फ्लाइट रूट बदल सकती है. इंटरसेप्ट करना नामुमकिन है.  

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समुद्र आधारित न्यूक्लियर मिसाइल

Bulava: रूस की बुलावा मिसाइल को सबमरीन से लॉन्च किया जाता है. इसे रूस की नई बोरेई क्लास सबमरीन में तैनात किया गया है. ये तोपोल-एम मिसाइल का नौसैनिक वर्जन है. इसकी रेंज 9500 km है. इस पर 6-10 वॉरहेड लगा सकते हैं. इस मिसाइल पर 100 से 150 किलोटन यील्ड वाले परमाणु हथियार लगाए जा सकते हैं. रूस के पास ऐसे 576 हथियार मौजूद हैं. यह कई तरह के एयर डिफेंस सिस्टम को धोखा दे सकती है. रूस के पास तीन बोरेई क्लास सबमरीन है. हर सबमरीन पर 16 मिसाइलें तैनात हैं.

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Layner: रूस की यह अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल सबमरीन से छोड़ी जाती है. इसमें लगने वाला परमाणु हथियार 100 किलोटन की यील्ड पैदा करता है. रूस के पास ऐसे 320 परमाणु हथियार हैं. यह सिनेवा मिसाइल का अपग्रेड वर्जन है. इसे रूस ने अपने डेल्टा चार क्लास सबमरीन में तैनात किया है. पूरे लोड के साथ इसकी रेंज 8300 किलोमीटर और कम लोड के साथ 12 हजार km है. इस मिसाइल की खासियत ये है कि इसमें 12 अलग-अलग तरह के वॉरहेड लगाए जा सकते हैं. यानी 12 जगहों पर अलग-अलग तरह का खतरनाक हमला. यह मिसाइल एंटी-बैलिस्टिक मिसाइल शील्ड से लैस है. यानी इस पर किसी एंटी मिसाइल सिस्टम का असर नहीं होगा. मतलब इसकी लॉन्चिंग यानी तबाही पक्की.

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