
चीन के इंटरनेशनल हथियार प्रदर्शनी Zhuhai Aishow 2024 में रूस ने अपना सबसे खतरनाक फाइटर जेट Su-57 पेश किया है. ये वही फाइटर जेट है जिसकी एक फैक्ट्री भारत में लगाने का ऑफर दे रहा है रूस. अब सवाल ये है कि क्या अगले साल होने वाले Aero India 2025 में यह फाइटर जेट भारत में दिखाया जाएगा?
रूस ने चीन में अपने इस फाइटर जेट की ताकत दिखाने के लिए अपने देश के सबसे बेहतरीन लीजेंडरी टेस्ट पायलट सर्गेई बोगदान को भेजा है. Su-57 रूस की पांचवीं पीढ़ी का स्टेल्थ फाइटर जेट है. Su-57 दुनिया के दस सबसे खतरनाक फाइटर जेट्स में दूसरे नंबर पर आता है. इसे एक पायलट उड़ाता है.
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पहले जानते है इस फाइटर जेट की खासियतें
इस फाइटर जेट की लंबाई 65.11 फीट, विंगस्पैन 46.3 फीट और ऊंचाई 15.1 फीट है. मैक्सिमम स्पीड 2135 KM/घंटा है. सुपरसोनिक रेंज 1500 KM है. साल 2019 से रूस के वायुसेना में शामिल है. रूस ने कुल मिलाकर करीब 32 Su-57 फाइटर जेट्स बनाए हैं.
यह अधिकतम 66 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकता है. इसकी रेंज 3500 km है. अगर दो आउटबोर्ड फ्यूल टैंक लगाएं तो यह 4500 km तक जा सकता है. इसमें 30 मिमी की ऑटोकैनन लगी है. यह गन हर मिनट 1500 से 1800 गोलियां दाग सकती है. इस गन की रेंज 1800 मीटर तक है.
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12 तरह के हथियारों को लगाने की दमदार ताकत
रूसी फाइटर जेट में 12 हार्डप्वाइंट्स हैं. 6 अंदर और 6 बाहर. जिसमें अलग-अलग तरह के हथियार लगाए जा सकते हैं. या फिर उनका मिश्रण बनाया जा सकता है. यानी रॉकेट, बम और मिसाइलें. इसमें हवा से हवा में मार करने के लिए R-77M, R-74M2 और R-37 मिसाइलें लगी होती हैं.
हवा से सतह में मार करने के लिए चार Kh-38M, चार Kh-59Mk2 मिसाइलें लगा सकते हैं. एंटी शिप मिसाइलों के लिए दो Kh-35U या 2 × Kh-31 का इस्तेमाल किया जा सकता है. इस फाइटर जेट में 4 × Kh-58UShK एंटी-रेडिएशन मिसाइलें लगा सकते हैं. इसके अलावा गाइडेड, अनगाइडेड, क्लस्टर बम, एंटी-टैंक बम और एक्टिव होमिंग बम लगाए जा सकते हैं.
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क्या होगा अगर यह फाइटर जेट भारत में प्रदर्शित हो?
अगर एयरो इंडिया 2025 में रूस का यह फाइटर जेट प्रदर्शित होता है तो इससे रूस के साथ हिंदुस्तानी कूटनीतिक और रणनीतिक संबंधों की ताकत का पता चलेगा. इससे भारत के भविष्य में बनने वाले फाइटर जेट्स के लिए नए आइडिया आएंगे. अगर इस फाइटर जेट का लाइव डेमो भारत में होता है तो इससे भारतीय डिफेंस एक्सपर्ट, डिफेंस ऑफिसर, इंजीनियर्स सीखेंगे. इससे भारत की फाइटर जेट इंडस्ट्री को बढ़ावा मिल सकता है.
PM Modi की रूस यात्रा में भी हुई थी इस पर बात
इस साल जुलाई में पीएम नरेंद्र मोदी जब रूस की यात्रा पर गए थे, तब भी इस फाइटर जेट पर बातचीत की खबर आई थी. पिछले साल नवंबर में Su-57 को बनाने वाली कंपनी के सीईओ ने संयुक्त प्रोडक्शन का ऑफर भारत और यूएई को दिया था. रोसोबोरोएक्सपोर्ट के सीआईओ ने भारत के सामने यह ऑफर रखा था.
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भारत के लिए यह फाइटर जेट क्यों है जरूरी?
भारतीय वायुसेना का AMCA प्रोजेक्ट पूरा होने में कम से कम 10 साल लगेंगे. चीन के पास पांचवीं पीढ़ी के 200 फाइटर जेट्स है. PAK को चीन और तुर्की दोनों से एडवांस फाइटर जेट मिल जाएंगे. अगर इससे पहले भारत इन्हें विकसित नहीं कर सकता तो उसे अमेरिका या रूस से ऐसे फाइटर जेट्स खरीदने होंगे. फिलहाल भारत का इंट्रेस्ट रूसी फाइटर जेट में नहीं है. क्योंकि भारत दो तरफ के फाइटर जेट की तैयारी में है. पहला AMCA और दूसरा TEDBF.